कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी हारे हुए मैच को जिताने के लिए जाने जाते हैं. फिर चाहें वो बल्लेबाजी कर रहे हों या फिर विकेट के पीछे खड़े होकर कप्तानी. 30 अप्रैल को एक बार फिर ऐसा ही मौका आया. जब महेंद्र सिंह धोनी के सामने 2007 के वर्ल्डकप जैसा मंजर था. पंजाब को जीतने के लिए आखिरी गेंद पर 3 रनों की जरूरत थी. बॉलर थे श्रीलंका के जूनियर मलिंगा कहलाए जाने वाले पाथिराना. चेन्नई का मैदान खचाखच भरा था और सीएसके-सीएसके गूंज रहा था. क्योंकि ये रोमांच गजब का था. अभी तक आखिरी ओवर में पंजाब के बल्लेबाज एक भी बाउंड्री नहीं मार पाये थे. सबको लग रहा था कि चेन्नई जीत जाएगी. कुछ कह रहे थे कि इस सीजन का पहला सुपर ओवर आने वाला है.

लेकिन एमएस धोनी वही फील्डिंग लगा रहे थे जो 2007 के टी20 वर्ल्डकप फाइनल में मिसबाह के सामने लगाई थी. क्योंकि श्रीलंका के गेंदबाज के सामने पाकिस्तान के सिकंदर रजा थे. पाकिस्तान का नाम सुनकर चौंकिए मत आपको बताएंगे कि वो आईपीएल में कैसे पहुंचा. लेकिन पहले जानिए कि आखिरी गेंद पर हुआ क्या.

पाथिराना ने भी जोगिंदर शर्मा की तरह थोड़ी शॉर्ट बॉल फेंकी. जिसे सिकंदर रजा ने मिसबाह की तरह ही हाफ स्कूप खेला, लेकिन नतीजा इस बार अलग था. गेंद शॉर्ट लेग पर लगे फील्डर के ऊपर से निकल गई और सिकंदर रजा ने अपनी टीम पंजाब को मैच जिता दिया.
सिकंदर रजा क्रिकेट पाकिस्तान के लिए खेलना चाहते थे
अब आते हैं सिकंदर रजा की कहानी पर, जो पाकिस्तान के रहने वाले हैं. बचपन में फाइटर पायलट बनना चाहते थे. एग्जाम पास भी कर लिया लेकिन फिर आई सीइड वीक होने की वजह से उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके बाद सिकंदर रजा स्कॉटलैंड चले गए और वहां पढ़ाई करने लगे. फिर 2003 में जिम्बाब्वे आ गए. जहां उनके मात-पिता रहते थे. फिर इसी देश के लिए सिकंदर रजा ने क्रिकेट खेला. हालांकि वो पाकिस्तान के लिए खेलना चाहते थे लेकिन वो संभव नहीं हो सका. अगर वो पाकिस्तान की तरफ से खेलते तो आज आईपीएल में ना खेल रहे होते. इसीलिए आज सिकंदर रजा खुश होंगे कि अच्छा हुआ पाकिस्तान के लिए नहीं खेला. जिम्बाब्वे का खिलाड़ी होने की वजह से उन्हें आईपीएल में खेलने का मौका मिला.

जिम्बाब्वे को वो इकलौते खिलाड़ी हैं जो आईपीएल में खेल रहे हैं. पंजाब और चेन्नई के इस मैच में धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और 200 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया. उनकी तरफ से एक बार फिर डेवन कॉनवे ने 52 गेंदो में शानदार 92 रनों की पारी खेली. गायकवाड़ ने भी 37 रनों की पारी खेली.
201 रनों का पीछा करते हुए पंजाब की टीम ने शानदार शुरुआत की और प्रभसिमरन ने 24 गेंदो में 42 और शिखर धवन ने 15 गेंदो में 28 रन बनाकर बेहतरीन ओपनिंग साझेदारी की. फिर लिविंगसटन ने 24 गेंदो पर 40 रन बनाकर अपनी टीम को आगे बढ़ाया. उसके बाद सभी खिलाड़ियों ने छोटा-छोटा योगदान दिया.
आखिर में पंजाब की टीम ने एक रोमांचक मैच को लास्ट बॉल पर जीता और 7 गेंदो में 13 रन बनाने वाले सिकंदर रजा हीरो बने. ये जीत इसलिए भी खास है क्योंकि चेन्नई के मैदान पर ये मैच हो रहा था. और इस मैदान पर धोनी की टीम आसानी से हारती नहीं है. लेकिन पंजाब के नए लड़कों ने ये करके दिखा दिया. चेन्नई के लिए तुषार देशपांडे ने तीन और रविंद्र जडेजा ने दो विकेट भी चटकाये लेकिन ये नाकाफी साबित हुए.
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज फ्लैश