आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता पारसनाथ चौधरी
आईपीएस प्रभाकर चौधरी के तबादले 96 घंटे बाद असली कहानी खुलकर सामने आई है, पिता पारसनाथ चौधरी ने मीडिया के सामने खुलकर बता दिया है कि बेटे का तबादला सिर्फ कांवड़ियों पर लाठीचार्ज की वजह से नहीं हुआ. 13 साल की सर्विस में 21 बार बेटे का तबादला देखकर पिता इसने गुस्से में हैं कि हो सकता है दिल्ली से लखनऊ फोन की घंटी बज भी जाए. पहले पारसनाथ चौधरी का बयान सुनिए फिर आपको प्रभाकर चौधरी की कुछ अनसूनी बातें बताते हैं.

मैं बहुत बड़ा आदमी तो नहीं हूं, लेकिन आसपास के 15-20 गांवों पर मेरी पकड़ है, और बीते 40 सालों से बीजेपी में हूं, लेकिन बेटे के साथ जो हुआ उससे मैं बहुत दुखी हूं. दिक्कत सिर्फ इस सरकार में नहीं हुई, अब तक उसका 21 बार तबादला हो चुका है और हर बार नया कारण सामने आता है. लेकिन असल वजह उसकी ईमानदारी है, वो नेताओं की बात नहीं सुनता, किसी को कुछ गलत नहीं करने देता, इसीलिए उसका तबादला किया जा रहा है. मुझे ऐसी उम्मीद इस सरकार से नहीं थी, अगले चुनाव में मैं बीजेपी के खिलाफ ही काम करूंगा और जहां तक मेरी पकड़ है वहां बीजेपी को नहीं जीतने दूंगा.
आईपीएस प्रभाकर चौधरी की गिनती उन तेज तर्रार ऑफिसर में होती है, जिन्होंने कभी भी अपनी ड्यूटी के साथ समझौता नहीं किया, कई लोग इनकी तुलना हरियाणा के चर्चित आईएएस रहे अशोक खेमका से भी करते हैं, जिनके 31 साल के कार्यकाल में 55 बार तबादला हुआ, एक बार तो ऐसे विभाग में ट्रांसफर हो गया जो विभाग कागजों पर तो था लेकिन जमीन पर उस विभाग का कोई अता-पता ही नहीं था. हालांकि प्रभाकर चौधरी के साथ तो ऐसा कभी नहीं हुआ, पर मेरठ को छोड़ दें तो 6 महीने से ज्यादा कभी ये टिक नहीं पाए. इस बार 30 जून की शाम 7 बजे जब कांवड़ियों पर इन्होंने लाठीचार्ज का आदेश दिया तो इन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि अगले तीन घंटे में लखनऊ से आदेश आएगा और एसएसपी से सीधा पीएसी के सेनानायक बना दिए जाएंगे. इस तबादले पर शोर इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इसे कई लोग डिमोशन की तरह देख रहे हैं, हालांकि प्रभाकर चौधरी इन बातों से दूर अपने काम में लगे हैं, आप आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता की इस बात पर क्या कहना चाहेंगे, कमेंट में जरूर बताएं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी