धोनी कोई दूसरा बनेगा ऐसा अब संभव नहीं है, लेकिन धोनी की तरह बन सकता है .हमारा सीधा सवाल है? कल का मैच जिसने देखा या सुना है जवाब उसी को देना है! क्या आपको लगता है कि संजू सैमसन के भीतर एक धोनी है? पिछले कुछ घण्टों में हज़ारों मैसेज संजू के नाम पर किए जा रहे हैं! लाखों लोग संजू की बात कर रहे हैं? क्या कल के मैच में जनता को वो धोनी दिख गया है जिसकी तलाश नंबर 6 पर लंबे समय से की जा रही थी? कल का मैच देखकर गांगुली और द्रविड़ को क्या लगा होगा ये पता करना होगा?

हम एक-एक सवाल पर आएंगे. सबसे पहले उस सवाल पर आते है जिसमें संजू को धोनी का एक रूप कहा जा रहा है. भारतीय टीम को वनडे कैप्टन की तलाश है. रोहित शर्मा का करियर धीरे-धीरे ढलान पर है, शिखर धवन अपनी रिटायरमेंट की तरफ जा रहे हैं. ऐसे में अगर पांड्या को T-20 का कैप्टन बनाया जाए और संजू को वनडे टीम की कमान दी जाए तो क्या आप सहमत हैं? अब विश्वकप वाली टीम गई, वहां संजू का जाना नामुकिन सा है, लेकिन एक बड़ी जिम्मेदारी BCCI ने दी है. जो विश्वकप खेलेने से कम नहीं है 11 अक्टूबर से सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी होगी, जिसमें केरल का कप्तान संजू सैमसन को बनाया गया है. अगर वो वहां इतिहास रचते हैं तो भारतीय टीम में भी उनको इतिहास रचने का मौका 99 फीसदी मिलने वाला है.

IPL में जिन कप्तानों ने सबसे अच्छा किया है उसमें एक नाम संजू सैमसन का है!
श्रेयस अय्यर भी एक विकल्प है, लेकिन संजू ज्यादा धैर्यवान और समझदार होंगे.!
जब एक तरफ से विकेट गिर रहा था तब भी संजू एक तरफ से भरोसा दिखाते रहे
वीरेंद्र सहवाग ने तुरंत फोन किया और संजू सैमसन की तारीफ कर हौसला बढ़ाया
T-20 में भारत विश्वकप में जीत सकती है ऐसी संभावना कम है, क्योंकि वहां हालात सामान्य नहीं होने वाले हैं, अगर गेंदबाज़ों पर भरोसा कर जीतने गए हैं तो हार की उम्मीद ही करनी होगी. कहानी के दो पहलू हैं, एक आपके हाथों में लकीर होती है, आप पंत की तरह होते हैं जिसपर सबका हाथ होता है. दूसरा पहलू संजू सैमसन की तरह होता है जिसके हाथों में लकीरें नहीं होंगी पर वो अपनी किस्मत खुद अपनी योग्यता और मेहनत से लिखेगा. अब आते हैं BCCI में क्या चल रहा होगा?

कहा जा रहा है कि BCCI और सेलेक्टर्स की सोच दो भागों में बंटी है, एक टीम को लगता है संजू संकट के समय अच्छा नहीं कर पाएंगे, दूसरे को लगता है संजू को मौका देना चाहिए. RCB की तरफ से खेलने वाले हर्षित पटेल का खेल औसत से खराब है, फिर भी उन्हें भेजा, अश्विन को लास्ट 3 मैच की 72 गेंदों में एक विकेट नहीं मिला लेकिन उन्हें मौका मिला, पंत के कारण पिछले कई मैचों से कोई मैच नहीं जीते लेकिन उन्हें मौका मिला .ये हो सकता है कि इंडिया जब विश्वकप में हार कर आए तो BCCI में कुछ फूट की ख़बरें भी आएंगी!
अब आपको एक ऐसा उदाहरण देते हैं जिससे आप कहेंगे कप्तान और कोच को पहचान होनी चाहिए, खिलाड़ी में दम है तो वो मैच जिताएगा. दुनिया के जो पांच से 6 बहुत ही विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं उनमें एक नाम टिम डेविड का है, सिंगापुर में जन्में टिम डेविड की किसने पहचान की? रिकी पोटिंग के बदौलत उन्हें ऑस्ट्रेलिया में खेलने का मौका मिला, और आज वो खिलाड़ी अपने दम पर विश्वकप जिता सकता है. रिकी पोटिंग मुंबई की टीम से जुड़े हैं, और टिम डेविड को मुंबई ने साढ़े आठ करोड़ में खरीदा था, ऐसे में पोटिंग ने एक ऐसे खिलाड़ी की पहचान की जो संजू में भी है, पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड न जाने कौन सा नशा करके बैठा है. हालांकि जिसके लिए जो गड्ढा खोदा जाता है उसमें वही गिरता है, इसलिए संजू के साथ अन्याय अब बंद होना चाहिए और ऐसे धोनी की तरह धैर्यवान खिलाड़ी को पहचान मिलनी चाहिए.