कई दिग्गज कहते है कार्तिक को 5 से 10 गेंद खेलेने के लिए इतना भाव क्यों दिया जा रहा है? सबको एक साथ जवाब मिल गया, दो गेंद में कार्तिक ने बता दिया कि उनसे बडा कोई फिनिशर नहीं है, बारिश के कारण 20 ओवर का मैच 8 ओवर का हुआ, टॉस जीत कर इंडिया ने पहले फिल्डिंग की…अक्षर पटेल की गेंद ऑस्ट्रेलिया को समझ में नहीं आई और 8 ओवर में महज़ 90 रन ही बना पाई…बुमरा ने वापसी की तो ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी भी उनके लिए ताली बचा रहे थे, एरोन फिंच जब आउट हुए तो बुमरा की तारीफ करते हुए गए, ऐसी यॉर्कर जिसपर फिंच चारों खाने चित्त हो गए, भारतीय टीम अपने पुराने अंदाज में नज़र आई…91 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की फिर वही कहानी केएल राहुल जल्दी आउट हो गए, लेकिन शर्मा ने जी ने अकेले ही मुकाबाल अपनी तरफ रखा…रोहित शर्मा ने चार गगन चुंबी छक्का मारा, और महज़ 20 बॉल में 46 रन बना दिए, विराट कोहली कोहली 11 रन तो सूर्या 0 पर आउट हुए तो एक वक्त लगा मैच फंस जाएगा, क्योंकि पांड्या भी 9 रन पर आउट हो गए…जैम्पा का अगर दो ओवर और होता तो शायद नतीजा कुछ और होता क्योंकि जैप्पा ने दो ओवर में ही राहुल, कोहली सूर्या को चलता किया, लेकिन रोहित ने मोर्चा संभाले रखे, तब तक मैदान पर आ गया वो खिलाड़ी जो आख़िरी ओवर में 22 से 25 रन भी बना सकता है…

ऑस्ट्रेलिया एक तरफ रणनीति बना रही थी, दूसरी दिनेश कार्तिक का साफ इशारा तो दो बॉल पर ही जीतेंगे…पहली गेंद पर छक्का, दूसरी गेंद पर चौका, और मुरझाया हुआ कार्तिक का चेहरा महीनों बाद खिलखिला उठा…ऋषभ पंत को दिनेश कार्तिक से पहले भेजा जाता है…लेकिन जब बात फिनिशिंग की आई तो कार्तिक को पहले भेजा गया, जिस बात का सबूत है कि टीम मैनेजमेंट ऋषभ से बड़ा फिनिशर कार्तिक को मानती है, लेकिन बीच-बीच में बाहर कर देती है…अब तो साफ हो गया है कि कार्तिक को ऑस्ट्रेलिया के मैदान में गेंद फुटबॉल की तरह दिखेगी और आख़िरी ओवर का मज़ा बढ़ जाएगा क्योंकि जब लास्ट में डीके है तब हर किसी को भरोसा है कि हम जीतेंगे ! भारतीय टीम के साथ एक अच्छी बात भी है, अगर वापसी कर ली तो फिर कोई भी टीम सामने हो उसका हारना तय है, अगला मैच हैदराबाद में होगा, जो जीतेगा सीरिज़ उसकी होगी, भारत की टीम का आत्मविश्वास लौटा है, चेहरों पर मुस्कुराहट लौटी है, ऐसे में अब ये कहा जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया को हार के साथ भारत से जाना होगा, गांगुली ने भी साफ कहा है कि देश को रोहति पर भरोसा करना चाहिए रोहित की हार उतनी ज्यादा नहीं है कि एक्शन लिया जाए, रोहित शर्मा की बैटिंग देखकर दिग्गजों ने यहीं कहा कि पुराना खेल लौट आया, आकाश चोपड़ा तो तारीफ करते करते थके नहीं, क्योंकि खेल अच्छा था, रोहित का बल्ला जब जब चलता है तब तब टीम इंडिया की जीत होती है, पहली बार जडेजा के बाहर होने के बाद उनकी कमी महसूस नहीं हुई क्योंकि अक्षर पटेल ने लगातार दो मैचों में साफ कर दिया है कि जडेजा की कमी बेशक न पूरी हो लेकिन काम तो अक्षर भी वही करता है, दोनों मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम अक्षर को नहीं समझ पाई, जिस कैमरून ग्रीन ने पहले मैच में 30 गेंद पर 61 रन बनाकर जीत छिन ली थी उन्हें जल्दी ही आउट कर दिया, फिर मैक्सवेल को टिकने नहीं दिया, और खेल वही से भारत के पक्ष में मुंड़ गया, मैन ऑफ द मैच रोहित शर्मा ने भी साफ इशारा कर दिया है, ये वही टीम है जो हारी है अब यही टीम जीतकर बदला चुकाएगी…लेकिन एक खेल पर ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए, क्योंकि चेज़ करते हुए भारत की टीम हमेशा दुनिया पर भारी रही है, लेकिन पहले बल्लेबाज़ी की तो 19वां ओवर कौन फेंकेगा यही बात अटक जाएगी…हालांकि भारत का आत्मविश्वास इसलिए बढ़ा है क्योंकि बुमरा टीम में आए है, ऐसे में जहां भारत कमज़ोर हो रहा था वहां मज़बूत हुआ है, तो टीम की आलोचना का वक्त गया, अब उम्मीद है हर मैच के बाद हमें ऐसी ही रिपोर्ट दिखानी होगी