जरा सोचिए, जिस जेल के जेलर बीएसएफ (BSF) से डेप्युटेशन पर आए हों, जिस जेल की सुरक्षा सीआरपीएफ के हाथों में हो, डीजीपी जेल के अंदर जैमर लगे होने का दावा करते हों, वहां एक गैंगस्टर ने लाइव इंटरव्यू कैसे दिया, वो भी एक नहीं बल्कि दो-दो बार, 16 मार्च को पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने दावा किया, 14 मार्च को जो इंटरव्यू मीडिया में आया वो मेरे यहां का जेल का नहीं है, लॉरेंस(Lawrence Bishnoi) की नई फोटो भी दिखाई, और रात को जब डीजीपी सोने गए तो इधर लॉरेंस बिश्नोई ने उसी लुक में जेल से दूसरा इंटरव्यू दे दिया, जिसमें वो कई ऐसी बातें कह गया, जिसे सुनकर आपको सिस्टम पर गुस्सा आएगा, पहले उसके इंटरव्यू के कुछ खुलासे सुनिए, फिर बताते हैं ये कैसे बीएसएफ से लेकर सीआरपीएफ और भगवंत मान सरकार तक को खुला चैलेंज है.
पहला खुलासा- मेरी जिंदगी का एक ही मकसद है, वो है सलमान खान को मारना, एक बार उसकी सिक्योरिटी हटा लो, फिर बताता हूं उसके साथ क्या होगा, उसे मारकर ही गुंडा बनूंगा, सलमान का अहंकार रावण से भी बड़ा है, अगर बिश्नोई समाज के मंदिर में सलमान खान माफी मांगे तभी मामला खत्म होगा.
दूसरा खुलासा- पंजाब के सीएम भगवंत मान का ये दावा गलत है कि गोल्डी बराड़ अमेरिका में है, मेरी बात उससे होती है, वो वहां है नहीं, मैं उसका लोकेशन नहीं पूछता, मेरे भांजे सचिन को विदेश में पकड़ा गया है, मैं तीन पुलिस अधिकारियों से प्रभावित हूं, लेकिन उनका नाम नहीं लूंगा
तीसरा खुलासा- अभी तो गार्ड नहीं है, रात का टाइम है, इसलिए बात कर पा रहा हूं, कभी-कभी पकड़े भी जाते हैं, लेकिन आज गुडलक है कोई आ नहीं रहा है, बात करने के बाद फोन दीवार के बाहर फेंक देता हूं.
चौथा खुलासा- हमारा गांव पड़ता है पंजाब में, अमृतपाल ने सोशल मीडिया पर खालिस्तान का बवाल मचा रखा है, मैं कहता हूं एक इंच खिसकाकर ये दिखा दे.
कैसे टूटेगी लॉरेंस की कमर?
मतलब एक तरफ लॉरेंस (Lawrence Bishnoi) जैसा गैंगस्टर खालिस्तान की खिलाफत कर खुद को देशभक्त बताने की कोशिश करता है, जबकि दूसरी तरफ पंजाब के डीजीपी ही नहीं बल्कि जेल की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ को भी खुला चैलेंज कर रहा है, लॉरेंस जिस बठिंडा जेल में बंद है, वहां के जेल सुपरिटेंडेंट बीएसएफ से डेप्युटेशन पर आए एनडी नेगी हैं, जिनकी जिम्मेदारी जेल के कैदियों का नेटवर्क बाहर की दुनिया से तोड़ना, उनके अंदर पुलिस का खौफ पैदा करना और जेल को अय्याशी का अड्डा नहीं बनने देना है, पर लॉरेंस बिश्नोई की मुस्कुराहट देखकर ऐसा लगता है जैसे वो दस साल से जेल में बंद होने के बाद भी गर्व की अनुभूति कर रहा हो, वो भी तब जब देश के कई बड़े जेलों में सजा काटकर आया हो, फिर भी इसके गैंग की कमर नहीं टूटी, ऐसे गैंगस्टर के साथ पुलिस को क्या करना चाहिए, ये भी लगता है अब जनता को ही बताना होगा.
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज फ्लैश