भारत में भुवनेश्वर कुमार की जगह लेने वाले गेंदबाज़ का नाम क्या होगा ? क्या भुवनेश्वर कुमार को अब विदाई मैच में ही खेलने का मौका मिलेगा? क्योंकि साउथ अफ्रीका सीरिज़ के दौरान भुवनेश्वर टीम में नहीं होंगे, फिर टीम में किस खिलाड़ी की जगह बनती है? धोनी का सिखाया कोई भी खिलाड़ी कभी टीम पर बोझ नहीं बना, जिसमें एक नाम दीपक चहर का भी शामिल है, दीपक चहर पर धोनी ने ख़ास मेहनत की थी

लेकिन भुवनेश्वर कुमार लगातार मार खा रहे हैं फिर भी दीपक को बाहर बैठाया गया है? सवाल उठता है क्या एक वक्त का बाद खिलाड़ी पर ज्यादा भरोसा टीम के लिए घातक होता है? भारत ने मैच इसलिए जीता क्योंकि टॉस भारत जीता था, रनों का पीछा करने का मौका मिला, अगर पहले बल्लेबाज़ी करते तो क्या भुवनेश्वर कुमार की गेंदबाज़ी पर भरोसा होता? पिछले लंबे समय से भुवनेश्वर कुमार का पुराना अंदाज़ ग़ायब है, किसी भी कामयाब गेंदबाज़ का सबसे बड़ा नुकसान होता है जब उसकी गेंदबाज़ी को बल्लेबाज़ समझ जाएं…यहीं कारण है कि भुवनेश्वर कुमार की कोई भी गेंद हो बल्लेबाज़ आसानी से खेलकर रन बना रहा है! भारत में पहला ओवर फेंकने वाला गेंदबाज़ हमेशा टीम की जान होता है, कभी इरफान पठान की स्विंग की वजह से विकेट मिलता था…तो कभी ज़हीर खान की रिवर्स स्विंग का दम था, इशांत शर्मा की लंबाई का फायदा मिला तो नेहरा की संतुलित बॉलिंग का फायदा…भुवनेश्वर कुमार ने भी अपने स्विंग से देश को बहुत कुछ दिया है, लेकिन अब बस…क्योंकि ज़हीर खान जैसे महान गेंदबाज़ की जब टीम से विदाई हुई तो इंडिया को नया ऑप्शन तलाशना पड़ा, तो क्या अब भुवनेश्वर कुमार को भी अपनी विदाई की तैयारी कर लेनी चाहिए, पहना नाम है उमरान मलिक का…उमरान मलिक के पास स्पीड है, 160 की स्पीड से गेंद ऑस्ट्रेलिया की पीच पर किसी को दिखेगी भी नहीं….या फिर किसी और गेंदबाज़ को मौका देना होगा? भारत में IPL से कई बल्लेबाज़ों की खोज रही है लेकिन तेज़ गेंदवाजों पर क्या टीम मैनजमेंट फोकस नहीं है, क्योंकि टी नटराजन जैसे खिलाड़ी का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म होता क्यों दिख रहा है? आवेश खान जैसे गेंदबाज़ को मौका कम मिल रहा है, आईपीएल-2022 में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलने वाले टी नटराजन ने इस सीजन में अच्छी गेंदबाजी की थी. उन्होंने 11 मैचों में 18 विकेट चटकाए थे….इस प्रदर्शन के बावजूद नटराजन भारतीय टीम में जगह बनाने में असफल रहे. जहीर खान, आशीष नेहरा और इरफान पठान के संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम को बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की तलाश रही है. सेलेक्टर्स की नजर टी नटराजन पर रही भी है. उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मौका मिला. नटराजन सेलेक्टर्स की उम्मीदों पर खरा भी उतरे थे. लेकिन उसके बाद से वह चोट से जूझते रहे हैं. टीम इंडिया में वापसी के लिए टी नटराजन को आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करना था. उन्होंने किया भी लेकिन मौका नहीं मिला….नटराजन को दूसरा बुमराह कहा गया, घातक यॉर्कर होने के बाद भी टीम में जगह नहीं मिली….यानि चोट की वजह से अगर कोई अच्छा खिलाड़ी बाहर हो जाए तो उसे जगह नहीं मिलती है…आज इरफान पठान लीजेंड मैच में भी शानदार गेंदबाज़ी कर रहे हैं तो क्या उन्हें टीम में दोबारा मौका मिलना चाहिए, शायद नहीं, तो फिर भुवनेश्वर कुमार को भी अब मैदान खुद से छोड़कर जुनियर्स को मौका देना चाहिए…जब भुवनेश्वर कुमार आए थे तब और अब में काफी फर्क है, रोहित शर्मा ने जिद तो छोड़ दी, 19वां ओवर नहीं दिया लेकिन 18वें ओवर में भी उनकी पिटाई हुई, हालांकि कैमरून ग्रीन का विकेट ज़रूर लिया लेकिन फिर भी सोचना तो पड़ेगा….आवेश खान, दीपक चाहर, उमरान मलिक, नटराजन, या फिर कोई और…किसी एक खिलाड़ी को हमेशा के लिए फिक्स करना होगा…मोहम्मद शमी को अगर भुवनेश्वर कुमार की जगह मौका मिले तो शायद आज भी वो 20 साबित होते..भुवनेश्वर की पत्नी बेशक ट्रोलर्स पर गुस्सा निकाल कर कह रही हो कि किसी के पास कोई काम नहीं है तो आलोचना कर रहा है, पर ये भी सच है कि कभी भुवनेश्वर कुमार को इस देश ने अपनी आंखों पर बैठाया तभी आज वो यहां है!