असम के मुख्यमंत्री पर जानलेवा हमले की साज़िश, जापानी नेता शिंजो आबे की तरह रचा प्लान!
योगी और हिमंता बिस्वा सरमा की क्यों नहीं बढ़ रही सुरक्षा,दोनों नेता विरोधियों की रडार पर हैं!
असम में टूटे अवैध मदरसे तो बौखला गई KCR की पार्टी, मंच पर भेज दिया हमले के लिए नेता

कल्पना कीजिए…पंजाब में मोदी का काफिला रोका गया….योगी को रोज़ धमकी मिलती है….अब असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के मंच पर हमले की साज़िश रची गई? ये तीन तस्वीरें बताती है कि हमले की साज़िश रचने वाले क्यों बौखलाए हैं? हिमंता पर हमला क्यों हुआ वो बताएं, उससे पहले देखिए वो तस्वीर जब सीएम के पास पहुंच गया एक सनकी, जो सुरक्षा में भारी चूक है…यहां SPG कमांडो होते तो क्या होता? और क्यों योगी और हिमंता की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए…ये तस्वीर देखकर आप खुद बताएं…ये तस्वीर असम की नहीं हैदराबाद की है…असम में शायद कोई ऐसा करने की हिम्मत करता, लेकिन हैदराबाद में कुर्सी हिलने से पहले KCR सरकार की बौखलाहट की तस्वीर आपके सामने है….
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि हिमंता बिस्वा सरमा के बगल में खड़े नेताजी भाषण दे रहे हैं और सीएम हिमंता खड़े होकर आगे देख रहे हैं, तभी एक शख्स पीछे से आता है और माइक पकड़कर हिमंत बिस्वा सरमा की तरफ घूमा देता है, फिर उसे तोड़ने की कोशिश करता है और हिमंत बिस्वा सरमा को कुछ कहने की कोशिश करता है, तभी पीछे खड़ा सुरक्षाकर्मी उसे पकड़ लेता है और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन अगऱ उसके पास कुछ घातक हथियार होते तो सोचिए क्या अंजाम होता. हिमंता हैदराबाद गए तो इस बात का ख्याल सुरक्षाकर्मियों को रखना चाहिए था. जिसने हमले की कोशिश की वो मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी टीआरएस का नेता है, जिसका नाम नंदू है, ऐसे में केसीआर की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं.

कुछ महीने पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सभा में भी एक शख्स ऐसे ही घुसा था, वो बिल्कुल आबे के नजदीक पहुंचा और फिर उसने हमला कर दिया था, क्या रैलियों में इस तरह के ट्रेंड को विरोधी नेता अपना रहे हैं, क्योंकि जिस तरीके की साजिश फेल हुई है उससे बड़े खतरे का अंदेशा दिख रहा है. हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में अवैध मदरसे तोड़वाए, यहां तक कि उन्होंने एक मदरसे को लेकर कहा कि ये आतंकियों का अड्डा बना हुआ था, जबकि असम के मुसलमान खुद ऐसे मदरसों को तोड़ रहे हैं, फिर ओवैसी और केसीआर अगर इसे धर्म के नजरिए से देखें तो ये गलत होगा. क्योंकि आतंक का कोई धर्म नहीं होता. क्या हिमंत बिस्वा सरमा को डराने के लिए अभी सिर्फ धमकी दी गई है और आगे की प्लानिंग बड़ी है, ऐसे कई सवाल अब उठने लगे हैं.
सवाल नंबर1- क्या केसीआर ने हिमंता बिस्वा सरमा पर हमले के लिए उसे भेजा था, लेकिन सिर्फ धमकी देकर उसे लौटना पड़ा.
सवाल नंबर 2- केसीआर की पुलिस क्या कर रही थी, बीजेपी की रैली में केसीआर की पार्टी का नेता कैसे मंच तक पहुंच गया
सवाल नंबर 3- हिमंता बिस्वा सरमा और योगी ओवैसी-केसीआर के लिए बड़ी चुनौती हैं, तो क्या कोई बड़ी प्लानिंग बन रही है
सवाल नंबर4- हैदराबाद को भाग्यनगर करने की मांग से केसीआर-ओवैसी चिढ़ गए थे, पोस्टर में भाग्यनगर लिखा था, क्या इसलिए धमकी दी

अगर ऐसा है तो फिर ये बवाल काफी बड़ा हो सकता है, क्योंकि पहले सीएम योगी ने हैदराबाद का नाम भाग्यनगर रखने की मांग की और फिर पीएम मोदी ने भी उसका समर्थन किया, तो क्या इसका मतलब ये हो सकता है कि हैदराबाद में जाने से पहले मोदी-योगी तक को अपनी सुरक्षा बढ़ानी होगी. पीएम मोदी के साथ पंजाब के फिरोजपुर में जो हुआ उसके बाद उनकी सुरक्षा वैसे भी बढ़ा दी गई है लेकिन सीएम योगी और हिमंत बिस्वा सरमा जैसे नेताओं की सुरक्षा नहीं बढ़ी. सीएम योगी की सुरक्षा में तो कई एनएसजी कमांडो रहते हैं और कुछ दिन पहले भी उनकी सुरक्षा बढ़ी है लेकिन पूर्वोत्तर के चाणक्य कहे जाने वाले हिमंता बिस्वा सरमा की सुरक्षा बाकी मुख्यमंत्रियों की तरह ही है, लेकिन ऐसी धमकी के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ सकती है.