मनीष कश्यप पर बड़ा खुलासा सच तक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक वो नही
मनीष कश्यप की जिस दिन गिरफ्तारी हुई, उसी दिन ये सवाल सबके मन में उठ रहा था कि जब केस फर्जी वीडियो का है तो EOW यानि आर्थिक अपराध शाखा इसकी जांच क्यों कर रही है, चूंकि जांच की दिशा मनीष के बैंक खातों की ओर जाने वाली थी इसलिए बिहार पुलिस पहले से ही तैयारी में थी, अब उस जांच में इतना बड़ा खुलासा हुआ है कि सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे, पहले खुलासा सुनिए, फिर बताते हैं मनीष कश्यप को कब तक जेल में रहना पड़ सकता है. EOW से जुड़े सूत्र बताते हैं कि

मनीष कश्यप सच तक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जबकि मणि द्विवेदी कंपनी के डायरेक्टर हैं. साल 2021-22 में इन्होंने कंपनी को 6.5 लाख घाटे में दिखाया, लेकिन अब तक कंपनी से इन्होंने 40 लाख रुपये सैलरी के रूप में लिए हैं, इनके ऑफिस में स्टाफ की संख्या कितनी है इसका पता नहीं चला है, पर ये जानकारी मिली है कि 12 लाख रुपये इन्होंने स्टाफ की सैलरी के नाम पर उठाए हैं.

मनीष कश्यप पुलिस की गिरफ़्त आते ही फूट-फूट कर क्यों रोने लगे
शायद इन्हीं खुलासों के आधार पर अदालत ने मनीष कश्यप को 24 घंटे के रिमांड पर भेज दिया है, अब 24 घंटे के अंदर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अलावा तमिलनाडु पुलिस के जवान भी मनीष से पूछताछ कर सकते हैं, शायद मनीष को ये अंदाजा पहले ही हो गया था, कि ये सारी फाइलें खुलने वाली हैं, इसीलिए गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर ही फूट-फूटकर बच्चों की तरह रोने लगे, जो पत्रकार कहीं भी जाकर दहाड़ता था, वो पुलिस कस्टडी में एक मासूम की तरह बैठा है, क्योंकि पुलिस जब कुंडली खंगालती है तो उसमें फिर भूत-भविष्य, वर्तमान सबका पता लगा लेती है, अब मनीष को रिमांड में इन पांच सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं.

- पहला- सरेंडर से पहले फरारी के दौरान किस-किसने मदद की, कहां-कहां छिपे रहे
- दूसरा- कंपनी घाटे में थी तो 40 लाख सैलरी कैसे ली, क्या टैक्स चोरी का इरादा था
- तीसरा- सच तक कंपनी में कितने कर्मचारी काम करते हैं, सबके डिटेल दीजिए!
- चौथा- विज्ञापन से होने वाली कमाई कैश में लेते थे, उसका क्या हिसाब-किताब है
- पांचवां- यूट्यूब-फेसबुक से कितनी कमाई होती है, 3 साल में कितनी संपत्ति बढ़ी
मनीष कश्यप कितनी दिन की होगी जेल

इसके अलावा तमिलनाडु पुलिस ने अगर पूछताछ की तो ये सवाल भी हो सकता है कि फर्जी वीडियो वायरल करने का इरादा क्या था. जब तमिलनाडू में बिहारी मजदूरों के साथ किसी तरह की कोई घटना ही नहीं हुई तो फिर इस तरह का वीडियो क्यों वायरल किया, लेकिन इन सबसे बड़ा सवाल जिसका जवाब बड़े-बड़े नेता भी जानना चाहते हैं वो ये है कि मनीष कश्यप ने किस आधार पर तेजस्वी को ये कहा कि मुख्यमंत्री नहीं बनने दूंगा, मनीष का जुड़ाव आरएसएस और बीजेपी से रहा है, राष्ट्रवादी पत्रकारिता वाली छवि भी है, कहा ये तक जा रहा है कि अगले चुनाव में मनीष VS तेजस्वी भी हो सकता है और शायद इसीलिए तेजस्वी मनीष से इतना घबरा गए कि मनीष को जेल में डलवा दिया. हालांकि अदालत में कही-सुनी बातें नहीं चलती बल्कि सबूतों और गवाहों के आधार पर फैसला होता है, मनीष के खिलाफ जो धाराएं उसमें 30 दिन से पहले जेल से बाहर आने की गुंजाइश नहीं दिखती, ऐसा कई बड़े कानूनी जानकार कहते हैं. बाकी आपको क्या लगता है मनीष को जेल भेजने से नीतीश-तेजस्वी को नुकसान होगा या फायदा हमें कमेंट में बता सकते हैं.