क्या हो रही है मनीष कश्यप के जेल से निकलने से पहले दूसरी FIR की तैयारी!
बिहार में रामनवमी से बवाल चल रहा है. नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी कर रहे हैं और पुलिस मनीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर की तैयारी कर रही है. जैसे मनीष कश्यप से बड़ा अपराधी कोई है ही नहीं. मदुरै की अदालत ने मनीष कश्यप को 3 दिन की पुलिस की हिरासत में भेजा है. उसके बाद तय होगा कि उसे दोबारा रिमांड पर भेजना है या फिर जमानत देनी है. इसी डर से शायद बिहार पुलिस ने एक और एफआईआर की तैयारी कर ली है. वो कौन है जो मनीष कश्यप को किसी भी हाल में जेल से नहीं निकलने देना चाहता है. लेकिन उससे भी बड़ा सवाल ये है कि मनीष कश्यप को क्या तमिलनाडु पुलिस ने जेल में पीटा है. मदुरै अदालत के बाहर से आई दो तस्वीरें कई राज खोल रही हैं.
क्या जेल में मनीष कश्यप को तमिलनाडु पुलिस ने पीटा?
पहली तस्वीर मनीष कश्यप

जरा पहली तस्वीर देखिए इसमें मनीष कश्यप का चेहरा उतरा हुआ लग रहा है. पुलिस वाले उन्हें पकड़कर चल रहे हैं. अब दूसरी तस्वीर देखिए इसमें पुलिसकर्मी मनीष कश्यप को पुलिसकर्मी चारों तरफ से घेरकर चल रहे हैं. इसके पीछे की क्या वजह है. अगर मनीष कश्यप को भागना होता तो सरेंडर ही क्यों करते. इसी तरह के सवाल सोशल मीडिया पर उस तस्वीर को लेकर भी उठे जिसमें मनीष कश्यप को हथकड़ी लगी हुई है.
दूसरी तस्वीर मनीष कश्यप

लेकिन वो कौन है जो मनीष कश्यप को किसी भी हाल में जेल से नहीं निकलने देना चाहता है. क्या वो 3 अप्रैल को बिहार में इफ्तार पार्टी कर रहा था वो भी तब जब बिहार में आग लगी थी. जरा सोचिए पूरी बिहार पुलिस एक अकेले मनीष कश्यप के पीछे क्यों पड़ी है.
18 मार्च को मनीष कश्यप ने सरेंडर किया. अदालत ने उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया. बिहार पुलिस की रिमांड खत्म हुई तो चेन्नई की पुलिस को ट्रांजिट रिमांड पर दे दिया गया. फिर वहां की अदालत ने तमिलनाडु पुलिस को मनीष कश्यप की रिमांड दे दी. इसके बाद 3 अप्रैल को जब रिमांड पूरी हुई तो मनीष कश्यप को फिर से अदालत में लाया गया. अदालत ने 3 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया और कहा कि अब अगली तारीख पर तय होगा कि मनीष कश्यप को फिर से पुलिस रिमांड पर भेजा जाएगा या नहीं क्योंकि तमिलनाडु पुलिस अभी और रिमांड की मांग कर रही थी.

बिहार में मनीष कश्यप के खिलाफ 13 और तमिलनाडु में 14 मामले दर्ज हैं. यानी एक यूट्यूबर को पूरे तरीके से शिकंजे में करने की व्यवस्था बिहार पुलिस ने की है. इसके पीछे कौन है, ये अपने आप में बड़ा सवाल है.
क्या इसी की वजह से बिहार के वो यूट्यूब चैनल रामनवमी हिंसा पर चुप हैं जो मेनस्ट्रीम मीडिया में ना उठने वाली खबरों पर आम आदमी की आवाज बनने का दावा करते थे.
2.23 लाख सब्सक्राइबर वाले द अभिषेक तिवारी शो नाम के चैनल पर बिहार हिंसा को लेकर कोई खबर नही है.
मनीष कश्यप के चैनल पर भी 2 हफ्ते से कोई वीडियो नहीं आया है.
बिहार दर्शन नाम के यूट्यूब चैनल पर भी बिहार हिंसा से जुड़ी कोई खबर नहीं डली है.
क्या ये सिर्फ इत्तेफाक है मनीष कश्यप की गिरफ्तारी ने यूट्यूबर्स को डरा दिया है. क्योंकि यूट्यूब चैनल्स में कोई बहुत बड़ी टीम नहीं होती है. मनीष कश्यप के जाने के बाद देखिए उनका चौनल बंद पड़ा है और एक तरीके से रोजी रोटी आना बंद हो गई है. और बाकी न्यूज चैनल्स अगर बिहार की सबसे बड़ी खबर चलाने से कतरा रहे हैं तो सवाल बड़ा है या नहीं कमेंट करके बताइए.