मोहम्मद इलियास और मामन खान की मेवात में उपद्रव मचाने वालों से क्या नाता है, वो इनसे हमदर्दी क्यों जता रहे हैं, इस सवाल का जवाब मनोहर लाल की पुलिस भले ही न दे पाई हो, लेकिन सीएम योगी ने भरी सदन में इशारों-इशारों में इसका जवाब दे दिया है. जिसे समझने के लिए आपको 43 साल पहले चलना होगा.
तारीख थी- 13 अगस्त 1980

मुरादाबाद में लोग ईद की नमाज पढ़कर घर लौट रहे थे, ईदगाह के पास कुछ सुअर दिखे और बवाल शुरू हो गया. बिल्कुल भीष्म सहनी की लिखी उपन्यास तमस की तर्ज पर साजिश रची गई, 83 लोगों की मौत हुई, 100 से ज्यादा लोग घायल हुए, सबको यही लगता रहा ये हिंदू-मुस्लिम का मामला है, लेकिन सीएम योगी ने 43 साल बाद इसका सच जब सबके सामने रखा तो सुनकर सदन हैरान रह गया, पहले सुनिए सीएम योगी ने क्या कहा फिर बताते हैं मेवात का इससे क्या कनेक्शन हो सकता है, मामन खान और मोहम्मद इलियास की कहानी पाकिस्तानी क्यों सुन रहे हैं.
सीएम योगी ने बताया मेवात का कनेक्शन किस से है!

महोदय, 11 बार इस रिपोर्ट को सदन में रखने की कोशिश हुई, लेकिन हर बार पूर्व मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट को लंबित कर दिया. पर हमने वहां के डीएम-एसपी और कैबिनेट की मदद से इसे ढूंढवाया और अब सदन के सामने लाना चाहता हूं. मुरादाबाद में मचे इस बवाल में न तो भाजपा का हाथ था, ना ही संघ का और ना ही हिंदू, मुसलमान का. बल्कि इसके असली दोषी डॉक्टर शमीम अहमद की नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग और डॉक्टर हामिद हुसैन उर्फ डॉक्टर अज्जी के नेतृत्व वाले समर्थक थे. जिन्होंने राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण इतना कुछ करवाया.
SCROL OUT
अब सवाल है कि नूंह के पुन्हाना से विधायक मोहम्मद इलियास और फिरोजपुर झिरका से विधायक मामन खान ने भी क्या राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए इस बड़ी साजिश में हिस्सा लिया, ये सवाल हमारा नहीं बल्कि मेवात की उस जनता का है, जिसने इस बवाल में अपने परिवार को खोया है, फिलहाल ये दोनों विधायक हैं, आने वाले समय में लोकसभा चुनाव भी है, ऐसे में कई नेताओं पर इस तरह के आरोप लगते रहते हैं, चूंकि मोहम्मद इलियास और मामन खान दोनों मेवात के उपद्रवियों से हमदर्दी जता रहे हैं, मामन खान का एक पुराना बयान सोशल माीडिया पर वायरल हो रहा है.
मामन खान का एक पुराना बयान सोशल माीडिया पर वायरल

इसलिए लोग खुलकर ये कह रहे हैं कि साजिश में ये शामिल हो सकते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चक्कर में जनता को पिसा जा रहा है, हिंदी में एक कहावत है चोर की दाढ़ी में तिनका, तो क्या जो लोग खुद ही इस साजिश में शामिल थे, वो अब आरोपियों को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं और कह रहे हैं कि हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. अगर आपको फुर्सत मिले तो भीष्म सहनी की उपन्यास तमस जरूर पढ़िए या फिर किताबों से दूर हो चुके हैं, तो मोबाइल में सर्च कीजिएगा तमस मूवी, 5 घंटे की ये फिल्म आपको ये बताएगी कैसे नेता अपने मतलब के लिए जनता को आपस में भिड़वाते हैं. औऱ जो लोग ऐसा करते हैं वो पाकिस्तान के लिए प्यारे हो जाते हैं, इसीलिए मामन खान और इलियास की कहानी भी पाकिस्तानी खूब सुन रहे होंगे. हम मेवात मामले की असली सच्चाई जानने का दावा नहीं करते, सच क्या है ये पुलिस की जांच बताएगी, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं, योगी ने सदन में खड़े होकर 43 साल पुरानी रिपोर्ट जो पढ़ी है, उसे सुनने के बाद यही लगता है कि देश के कई हिस्सों में जो हो रहा है वो एक अलग तरह की साजिश हो सकती है. आप इस पर क्या कहेंगे कमेंट में जरूर बताएं
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी