डोभाल इन दिनों काफी व्यस्त थे, वो किसी को मिलने तक का वक्त नहीं दे रहे थे, उसकी वजह अब सामने आई है. आधी रात को इंडिया में ऐसा ऑपरेशन शुरू हुआ जिसकी कहानी आपको सुननी चाहिए. 21-22 सितंबर की रात जब आप गहरी नींद में सो रहे थे तो अमित शाह और अजीत डोभाल के भरोसेमंद अधिकारी 11 राज्यों में एक साथ छापा मार रहे थे. ये छापेमारी इतनी बड़ी थी कि इसमें हथियारों से लैस सैकड़ों जवान भी शामिल थे.

22 सितंबर की सुबह 3 बजे ईडी और एनआई की 11 टीमें 11 राज्यों में PFI के ठिकानों पर पहुंची…केरल में पीएफआई के चेयरमैन ओएमए सलाम उस वक्त नींद में थे तो वहीं पीएफआई के बड़े-बड़े कर्ता-धर्ता कुछ प्लानिंग कर रहे थे.उत्तर प्रदेश से लेकर, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, पुड्डुचेरी और राजस्थान से कुल 106 लोग गिरफ्तार किए गए. इन सभी पर आतंकियों को फंडिंग करने का आरोप है.लेकिन सवाल उठता है ये छापेमारी आधी रात को क्यों हुई?

बीते महीने बिहार के पटना से जो आतंकी पकड़े गए उनका भी पीएफआई कनेक्शन सामने आया था, यूपी समेत देश को कई बार हिलाने की साजिश ये लोग अब तक रच चुके हैं. कहते हैं 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद दक्षिण भारत में कई ऐसे संगठन बने, जिन्हें बाद में मिलाकर एक कर दिया गया और नाम रखा गया पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया. इसकी शुरुआत वामपंथियों के गढ़ कहे जाने वाले केरल के कालीकट से हुई और दिल्ली के शाहीन बाग में इसने अपना मुख्यालय बना लिया. इसीलिए सीएए और एनआरसी का सबसे लंबा विरोध शाहीन बाग में ही हुआ लेकिन जब डोभाल ने मोर्चा संभाला तो विरोध की आड़ में अपना एजेंडा चलाने वाले भाग खड़े हुए.
फरवरी 2020 में शाहीन बाग पहुंचते ही डोभाल ने कह दिया था कि पीएम मोदी के आदेश से आपकी सुरक्षा के लिए आया हूं.लेकिन कहते हैं उसी वक्त डोभाल ने पीएफआई की पूरी रिपोर्ट मोदी-शाह तक पहुंचा दी थी, इसीलिए जुलाई 2022 में जब सभी धर्मों के नेताओं की बैठक हुई तो मोदी ने जानबूझकर डोभाल को उस मीटिंग में भेजा और डोभाल ने वहां मुस्लिम नेता से ही ये कहवा दिया कि पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगना चाहिए, उसके बाद शाह ने पीएफआई की पूरी कुंडली खंगलवाई, एक-एक फाइलें मंगवाई और उसके बाद जो पता चला वो सुनकर शायद आप हैरान हो जाएं….
PFI खुद को पिछड़े,अल्पसंख्यकों का हमदर्द बताता है, लेकिन वो देशविरोधी काम करने लगा था
तुर्की, पाकिस्तान और सीरिया से ये फंडिंग लेता और बदले में युवाओं को बरगलाकर वहां भेजता
इसलिए NIA की छापेमारी के बाद अब तुर्की,सऊदी और कुवैत जैसे देशों को मिर्ची लग सकती है
जांच में पता चला कि ये 23 राज्यों में ये फैला हुआ है, भारत में इसके 200 से ज्यादा कैडर हैं
ट्रेनिंग कैंप चलाने से लेकर पाकिस्तान के मंसूबों को कामयाब करने का जिम्मा इसी के पास था!

इसके अलावा और भी कई चौंकाने वाली बातें जब अमित शाह को पता चली तो उन्होंने सबसे पहले ईडी को काम पर लगाया कि इनके पैसों की सारी लेन-देन चेक करो, जब सबूत पुख्ता मिल गए तो फिर एनआईए को कहा कि छापेमारी की ऐसी प्लानिंग बनाओ की किसी को कानों-कान भनक भी न लगे, जब एनआईए की टीम इसके गढ़ केरल में पहुंची तो पीएफआई का चेयरमैन ओएमए सलाम सो रहा था, एनआई ने उसे नींद में ही उठा लिया, ऐसे करीब 106 लोग पकड़े गए हैं, अब तक सीएम योगी सिर्फ इसे बैन करने की मांग कर रहे थे लेकिन कहा जा रहा है कि शाह और डोभाल मिलकर ऐसी प्लानिंग बना रहे हैं कि आगे देश में कोई ऐसा संगठन खड़ा करने की हिम्मत भी न कर सके.