दुबई के शेख की बेटी घर से लापता हुई तो उन्होंने मदद अमेरिका से नहीं मांगी, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांगी, कुछ लोग यहां कहेंगे कि अब दौर बदल चुका है, पर पूरी कहानी ये नहीं है, उस वक्त दुबई के शेख ने सीधा भारत फोन मिलाकर कहा मोदीजी मुझे मेरी दुख्तार से मिलवा दो, इसके बदले में मैं आपको एक तस्कर सौंपने को तैयार हूं, जिसकी तलाश हिंदवुस्तान को लंबे समय से है. हालांकि यहां कई लोगों के दिमाग में ये सवाल उठ रहा होगा कि दुबई के शेख तो सबसे अमीर आदमी हैं, फिर उनकी बेटी क्या किसी प्यार के चक्कर में घर से भागी या बात कुछ और थी तो इस किस्से पर आएंगे उससे पहले सुनिए मोदीजी के पास दुबई के शेख का फोन आया तो क्या-क्या हुआ. दिल्ली के बाद सीधा गोवा में तड़ातड़ फोन की घंटी बजने लगी. फोन आते ही गोवा में पुलिस अलर्ट हो गई.

समुद्री नाव से तलाश शुरू हो गई, कोस्टल गार्ड को कहा गया कि आप भी सर्च करो
यहां तक हेलीकॉप्टर से कमांडो भी भेजे गए, हर हाल में राजकुमारी लतीफा को ढूंढना था

दुबई के शेख मुहम्मद राशिद अल मकतूम का दावा था कि हमारी बेटी राजकुमारी लतीफा का लोकेशन गोवा के आसपास है, घंटों की तलाश के बाद लतीफा मिल गई, उसके बाद लतीफा को दुबई के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. और कहते हैं तब से वो राजमहल में ही कैद है, कुछ दिनों पहले राजकुमारी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो मदद मांगती दिखी और कहा हमें कैद करके रखा गया है, इलाज भी नहीं मिल रहा, पर शाही परिवार ने कहा राजकुमारी को डॉक्टर की देखरेख में रखा गया है. कहते हैं राशिद अल मकतूम की 30 बच्चों में से एक राजकुमारी लतीफा ये कोई पहली बार घर से नहीं भागी थी, इससे पहले वो भागने की कोशिश में थी, लेकिन पकड़ी गई और तीन साल राजमहल में ही एक कैदी की तरह रखा गया, कहां जा रही हैं, किससे मिल रही है, कौन-कौन बात कर रहा है, खाने में क्या-क्या खा रही हैं, इन सबकी निगरानी होती थी, बस हाथ-पैरों में कैदी की तरह बेड़ियां नहीं थीं, ड्रेस अपनी मर्जी की पहनने की इजाजत थी, लेकिन रोक-टोक इतना था कि वो जिंदगी कैदी से भी बदतर थी. आप शायद ये जानकर हैरान हो जाएं कि लतीफा किसी प्रेम प्रसंग के चक्कर में नहीं बल्कि अपनी बहन के बारे में जानकारी के लिए भागी थी.लतीफा की बहन शम्सा साल 2000 में लापता हुई थी. तब से मिली नहीं, ये बात हर कोई जानता है कि राजमहल से भागना आसान काम नहीं होता, शायद इसीलिए राजकुमारी लतीफा ने बकायदा 7 साल की ट्रेनिंग ली थी, कई लोगों को अपने साथ मिलाया उसके बाद भागने का प्लान बनाया.
सबसे पहले एक ऐसे शख्स से कॉन्टैक्ट किया, जो पहले भी दुबई से चुपचाप तरीके से भाग चुका था, करीब 7 साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद लतीफा को जब लगा कि अब कोई पकड़ेगा भी तो उससे निपट सकती हूं, लतीफा ने अपना बैग पैक किया. अपनी दोस्त के साथ दुबई से निकली फिर कार की डिक्की में बैठकर ओमान गई, फिर छोटी नाव के जरिए
‘नॉस्ट्रोमो’ ( Nostromo) यॉट तक पहुंचीं, यहां से अमेरिका भागने का प्लान बना रही थी, लेकिन तभी दुबई के अधिकारियों ने शेख को कहा सुल्तान हमने लोकेशन ट्रेस कर ली है, वो गोवा के आसपास है.
उसके कुछ ही घंटो बाद राजकुमारी लतीफा का सारा प्लान फेल हो गया, हो सकता है लतीफा की नजर में भारत सरकार ने ये अच्छा नहीं किया पर कहते हैं बुरे वक्त में तो दुश्मन की भी मदद कर देनी चाहिए और यूएई तो भारत का अच्छा दोस्त है, इस कहानी को सुनने के बाद आप क्या कहना चाहेंगे, कमेंट में बता सकते हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज फ्लैश