करीब 24 घंटे पहले मीडिया में ये ख़बर आई कि अमृतपाल सिंह(Amritpal Singh) गिरफ्तार हो गया. लेकिन उसके कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने कहा अमृतपाल भाग गया, हमने सिर्फ उसके 6 साथियों को पकड़ा है, उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी चल रही है, उसे जल्द ही गिरफ्तार करेंगे, लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर अमृतपाल गिरफ्तार नहीं हुआ था, पुलिस की पकड़ से दूर था तो फिर मीडिया में ये ख़बर आई कैसे, और उसके भागते ही पंजाब में सीएम योगी की मांग क्यों उठने लगी, मूसेवाला के पिता ने क्यों खुले तौर पर कहा कि 2024 के चुनाव में हम योगी को वोट करेंगे. इसे समझने के लिए यहां आपको कुछ सवालों का जवाब जानना जरूरी है.
पकड़ में आने के बाद कैसे भागा अमृतपाल?
सवाल नंबर1- पुलिस की 100 गाड़ियां जो अमृतपाल के पीछे थी, उसने अमृतपाल के काफिले में आगे चल रही दो गाड़ियों में सवार लोगों को पकड़ा तो फिर अमृतपाल की गाड़ी कैसे गायब हो गई?
सवाल नंबर2- जब अमृतपाल(Amritpal Singh) भाग रहा था तो क्या पुलिस ने उसका पीछा कहां तक किया, उसकी आखिरी लोकेशन क्या थी, क्या पुलिस के कुछ लोग भी उससे मिले हुए हैं,क्योंकि ऐसे मामलों में कई बार ऐसा देखने को मिला है.
सवाल नंबर3- आईबी की इंफॉर्मेशन और अमित शाह के आदेश के बावजूद भगवंत मान की पुलिस अमृतपाल को दबोचने में नाकाम कैसे हो गई, क्या अधिकारी लेवल पर प्लान बनाने में कोई चूक हुई
सवाल नंबर 4- भगवंत मान की मांग पर अमित शाह ने पंजाब में जो फोर्स भेजी, क्या वो सिर्फ दिखावे के लिए है, अगर अमृतपाल भाग गया तो वो इतने घंटे में क्यों नहीं ढूंढ पाई.
12 दिन की प्लानिंग कैसे हुई कमजोर?
इसके अलावा आखिरी और बड़ा सवाल जो अमृतपाल के समर्थक पूछ रहे हैं वो ये कि क्या अमृतपाल की गिरफ्तारी की ख़बर पुलिस इसलिए छिपा रही है ताकि पंजाब में उसके समर्थक कोई बवाल खड़ा न करें, और जैसे ही मामला शांत हो उसे अज्ञात जगह से सीधा अदालत में पेश कर दिया जाए, क्योंकि मीडिया में ऐसी चर्चा है कि गाड़ी कभी भी पलट सकती है, हमारा मकसद अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर सवाल उठाना नहीं है, बल्कि हमारा मकसद ये जानना है इतनी लंबी-चौड़ी प्लानिंग, 12 दिन से चल रही बैठकों के दौर और तैयारियों के बावजूद भी एक आरोपी भाग कैसे गया, क्या पंजाब की पुलिस इतनी सुस्त हो गई है, कि हाथ में आए आरोपी को भी चुपचाप जाने देती है.

‘पब्लिक के लिए इंटरनेट बंद, गैंगस्टर जेल में चला रहे मोबाइल’
मूसेवाला के पिता तो यहां तक कहते हैं कि पुलिस ने 18 तारीख कार्रवाई के लिए इसलिए चुनी ताकि 19 मार्च को मेरे बेटे सिद्धू मूसेवाला की बरसी पर कम लोग पहुंच सके, ये तस्वीरें मानसा के दाना मंडी की हैं, जहां मूसेवाला की मूर्ति लगी है, पिता अपने बेटे के मूंछों पर ताव दे रहे हैं, मूसेवाला की फेवरेट सवारी ट्रैक्टर और थार भी दिखती है, समर्थकों से लेकर माता-पिता तक ने मूसेवाला को इंसाफ दिलाने के लिए दिन-रात एक कर दिया, लेकिन सरकार अब तक इस केस के मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ को नहीं पक़ड़ पाई. इसीलिए मूसेवाला के पिता कहते हैं कि
यहां कि जनता गैंगस्टर से इस कदर तंग आ चुकी है कि हम अगले चुनाव में योगी के चेहरे पर वोट करेंगे, कम से कम यूपी में माफिया डरे हुए तो हैं यहां सरकार पब्लिक के लिए तो इंटरनेट बंद करवाती है लेकिन लॉरेंस बिश्नोई जैसा गैंगस्टर जेल से इंटरनेट चलाता है, लाइव इंटरव्यू देता है.
मूसेवाला के पिता
लॉरेंस तो सीधा जेल से ही सलमान खान को निशाना बनाने की धमकी देता है, पर पुलिस कुछ नहीं कर पाती, डीजीपी बस उसकी नई और पुरानी तस्वीर मीडिया में दिखाते रह जाते है. अब पंजाब की इस हालत पर आप क्या कहेंगे, कमेंट कर बता सकते हैं.