गुजरात में पुल पर जो हुआ उसकी सच्चाई क्या है? मोरबी पुल पर जो दिखाने जा रहे है वो अगर थोड़ा देखेंगे तो मज़ाक लगेगा, आधा देखेंगे तो झूठ लगेगा पूरा देखेंगे तो यक़ीन होगा कुछ तो है? दुर्घटना और साज़िश में एक पतली सी लकीर है? मोरबी पुल हादसे के बाद साज़िश की बात क्यों की जा रही है? आख़िर कोई ऐसा क्यों करेगा? बंगाल का पुल गिरा तो ये नहीं कहा गया, वाराणसी में ओवरब्रिज गिरा तो ये नहीं कहा गया फिर मोरबी में पुल गिरते ही साज़िश का शक क्यों गहराता जा रहा है? ट्विटर पर प्रबुद्ध वर्ग ऐसा है जो ये स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि ये सिर्फ एक हादसा है! साज़िश कहने के पीछे तीन लॉजिक है…पहला, घटना के ठीक 24 घण्टे पहले आप नेताओं के कई ट्विट, दूसरा पुल पर पैर से मारकर तोड़ने का वीडियो, तीसरा भदोही और कुशीनगर मानव रहित क्रॉसिंग वाला केस. सबसे पहले ट्विटर पर आते हैं,

BJP नेता कपिल मिश्रा ने कई ट्विटर आईडी से पोस्ट निकाल कर एक पोस्ट शेयर की? जिसमें पहले ट्वीट में नरेश बालियान ने 28 अक्टूबर को लिखा है कल गुजरात में BJP को बड़ा झटका लगेगा.किसलय नाम की आईडी से लिखा गया है कल गुजरात में बीजेपी की कब्र खोदी जाएगी रंगा-बिल्ला तैयार रहें. निखिल नाम के ट्विटर आईडी से लिखा गया है कल गुजरात में दो बड़े धमाके होंगे, कल भाजपा के पैर से ज़मीन खिसकने वाली है. जबकि मीहिर नाम की आईडी से लिखा गया है कल गुजरात में कुछ अद्भुत होने वाला है नज़र बनाकर रखिए साथियों (गब्बर इज़ बैक) अब एक तरफ ट्विटर पर बहस छिड़ी तो दूसरी तरफ एक वीडियो सामने आया, जिसमें पुल पर करीब 300 से ज्यादा लोग दिखाई देते हैं, उसी दौरान कुछ युवक पुल पर ज़ोर-ज़ोर से पैर मार कर तोड़ने की कोशिश करते हैं. लेकिन वहां आस-पास खड़े लोग मना भी नहीं करते है, तो क्या ये एक साज़िश है? गुजरात में चुनाव है तो शक की जांच होनी चाहिए! किसी के पैर मारने से पुल नहीं टूटा करते हैं, लेकिन फिर भी ये क्या है? इसका जवाब क्या हो सकता है? हम उसपर भी आएंगे, कश्मीर फाइल्स बनाने वाले विवेक अग्निहोत्री ने भी यही लिखा है कि ये साफ साज़िश है?

साल 2016 में UP के भदोही और साल 2018 में UP के कुशीनगर में दो स्कूली वैन हादसे का शिकार हुई
जांच में कुछ भी आए दोनों घटनाओं में वहां के चश्मदीद नहीं मानते हैं कि वो सिर्फ एक हादसा ही था
कुशीनगर-भदोही दोनों केस में ड्राइवर को स्थानीय लोगों ने रोका था पर वो माने नहीं और हादसा हो गया
हालांकि बाद में ये कहा गया कि दोनों घटनाओं में साज़िश नहीं थी,वो सिर्फ दुर्घटना थी और कुछ भी नहीं

कुछ महीने पहले NSA अजीत डोभाल के घर के गेट से एक गाड़ी टकराई, एक्सीडेंट के बाद भी जो व्यक्ति गाड़ी चला रहा था वो अजीत डोभाल के घर की तरफ आगे बढ़ा था, जांच में उस व्यक्ति ने दावा किया था मेरे दिमाग पर चाइना और पाकिस्तान का कंट्रोल है, हालांकि जांच में कुछ भी ठोस नहीं मिला..तो हमारे देश में कुछ भी हो सकता है, लोग पुलवामा को भी एक आतंकी हमला नहीं बल्कि साज़िश कहते हैं, ठीक ऐसे ही इस पुल हादसे को भी साज़िश कहा जा रहा है, हालांकि ऐसे केस में जांच के बाद भी कुछ पता नहीं चलता है

देश के पहले CDS बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश कर गया था, उस दौरान भी कुछ लोग इसी साज़िश कह रहे थे, जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला, साज़िश की शक ट्विटर पर लिखे गए शब्द और पैर मारते वीडियो से ही बढ़ रहा है, मोदी की वजह से गुजरात में बीजेपी 27 सालों से राज़ कर रही है. ऐसे में आम आदमी पार्टी की एंट्री, ट्विटर पर पोस्ट, फिर घटना का वीडियो और बीजेपी नेता का दावा क्या हो सकता है? हमें लगता है जनता सबसे समझदार है जिसका कमेंट अगर कोई पढ़ ले तो पता चल जाएगा कि सच क्या है?