मोदी के विरोध में भारत की बदनामी, वंदे भारत ट्रेन की छवि दरबाई मीडिया ने कबाड़ ट्रेन की बना डाली!
देश में ऐसे हालात हैं कि अगर प्लेन से चिड़िया टकरा जाए तो प्लेन चिड़िया से कमज़ोर था, दरबारी मीडिया ऐसी झूठी कहानी लिखेगा कि दुनिया कहेगी भारत पाकिस्तान से भी ज्यादा बर्बाद देश है ?…भारत की शान वंदे भारत ट्रेन की गलत ईमेज दुनिया में पेश गई?

क्योंकि मोदी के विरोध का मौका मिला…हम आपको एक-एक सच्चाई सुनाएंगे लेकिन पहले आप देश विरोधियों का दावा सुनिए…मोदी ने जो ट्रेन बनाई है वो मच्छर से टकराते ही 36 टुकड़ों में बंट गई…भैंस से लड़ते ही परखच्चे उड़ गए, गाय से लड़ते ही कब्जा निकल गया, ऐसी नरक रिपोर्टिंग हुई कि पिछले तीन साल से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की एक हफ्ते में भद्द पिट गई, पर जो सच्चाई है वो आपको नहीं बताई गई! बंदर इंसान में क्या फर्क होता है? बंदर सबकुछ करता है…मोदी विरोध के नाम पर देश की स्वदेसी ट्रेन, इंजीनियर्स, बनाने वाली टीम, वंदे भारत का नाम सबकुछ एक साथ बदनाम किया गया, जबकि सच्चाई कुछ और है

दरबारी मीडिया का दावा मच्छर से लड़ते ही वंदे भारत ट्रेन के उड़े परखच्चे, मोदी को देना होगा जवाब!
हमारे देश के काबिल इंजीनियर्स ने सिर्फ 18 महीने में वंदे भारत की पहली ट्रेन साल 2018 में ही बना दी थी…कहते हैं एक बोइंग विमान की कीमत तीन हज़ार करोड़ होती है पर वो भी पक्षी टकराने से क्रैश हो सकता है

हालांकि दरबारी मीडिया बोइंग विमान की तस्वीर अपलोड नहीं करेगा क्योंकि ये उनकी अब्बा यानि अमेरिका ने बनाई है! जम्मू कश्मीर में रियासी जिले के अंदर चिनाब नदी पर बना सबसे ऊंचा पुल किसी अजूबे से कम नहीं है….पुल बनाने में कई साल लगे, कई इंजीनियर की मेहनत है, देश के वैज्ञानिकों का दिमाग है…जब उसका उद्घाटन हो तो किसी दरबारी मीडिया ने ये नहीं बताया कि ये एक अजूबा पुल है जिसे देश के इंजीनियर्स ने तैयार किया है

हम आपको एक फर्क दिखाते हैं…देखिए जब मोदी अपनी मां के पैर धोते हैं तो गैंग कैसे मोदी के बारे में बुरा भला लिखता है, लेकिन जैसे ही राहुल गांधी अपनी मां के जूते का फीता बांधते है वैसे ही दरबारी मीडिया इससे सदी की सबसे बड़ी घटना बताता है, मां बदलते ही फर्क बदल जाता है…मोदी की मां है तो गाली, राहुल की मां है तो मम्मी

वंदे भारत के नाम पर देश के काबिल इंजीनियर्स का मज़ाक, दुनिया भारत का उड़ा रही होगी मज़ाक!
हालांकि ट्रेन की ऐसी हालत के पीछे की सच्चाई क्या है? वो ध्यान से सुनिए इसका जवाब आपको फिजिक्स में मिलेगा, मोमेंटम यानि संवेग की वजह से हल्के पक्षी का वजन भी कई गुणा बढ़ जाता है, यही हाल वंदेभारत ट्रेन में हुआ, वंदेभारत की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन हादसे के वक्त वो 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड चल रही थी, अचानक से सामने भारी-भरकम कई भैंसें आईं और टक्कर लगते ही मर गईं, और ट्रेन का अगला हिस्सा भी टूट गया, रेलवे के एक्सपर्ट कहते हैं

इसे स्पीड में चलाने के लिए बुलेट ट्रेन की तरह डिजाइन किया गया है, इसके आगे नॉर्मल ट्रेन की तरह गार्ड नहीं लगाया जा सकता. ऐसे में इससे ट्रेन की क्वालिटी पर सवाल उठाना ठीक नहीं है….देश के काबिल टीम का मनोबल कम होता है…सिर्फ कमी ही उजागर करने से कमी ही दिखेगी, वंदे भारत ट्रेन दुनिया के सामने एक नई सोच है

साल 2014 में जब मोदी सत्ता में आए तो सबसे पहला काम क्या किया ? मानवरहित क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज या फिर अंडरग्राउंड पुल बनाया ताकि हादसा कम हो…कुछ जगहों पर ही अब मानव रहित क्रॉसिंग बची है

फरवरी 2018 में इसे ट्रेन-18 के नाम से लॉन्च किया गया, जो दिल्ली से वाराणसी तक चलती है, उसके बाद दूसरी ट्रेन दिल्ली से कटरा के लिए शुरू की गई और अब तीसरी ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चल रही है, अगले तीन सालों में करीब 400 वंदेभारत ट्रेन लाने की योजना है, जिससे फायदा ये होगा कि आप काफी कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे

ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, यही देश है, यही इंजीनियर, यही मोदी होंगे और यही दरबारी मीडिया है जो जल्द ही बुलेट ट्रेन में भी सवारी करेगी! दरअसल बुलेट ट्रेन चलाने के लिए मोदी सरकार रेल पटरियों को ऊंचा करने और उनके आसपास बाड़ लगाने का काम कर रहा है ताकि कोई इस तरह का हादसा न हो…खैर आपको भारत की सकारात्मक ख़बरें देखनी है तो Global भारत TV को हौसला बढ़ाए, क्योंकि हम देश के साथ है…मच्छरों के साथ नहीं..