अमृतसर: गणतंत्र दिवस के दिन, अमृतसर में एक व्यक्ति ने डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ा. उसने प्रतिमा के ऊपर चढ़कर उसे हथौड़े से मारा और उसके पास स्थित संविधान पुस्तक की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. यह घटना हेरिटेज स्ट्रीट पर हुई, जहां अंबेडकर की प्रतिमा को माल्यार्पण करने के लिए एक एक्सटेंशन सीढ़ी रखी गई थी. आरोपी की पहचान मोगा निवासी आकाशदीप सिंह के रूप में हुई. उसने प्रतिमा पर चढ़कर उसे बार-बार हथौड़े से मारा और संविधान पुस्तक की मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त किया.
घटना के दौरान हेरिटेज स्ट्रीट पर काफी गतिविधि थी. जब लोगों ने युवक को प्रतिमा को नुकसान पहुंचाते देखा, तो उसे नीचे उतरने को कहा. शुरुआत में उसने इसका विरोध किया और उनसे बहस की, लेकिन बाद में उसने हथौड़ा छोड़कर नीचे उतरने का फैसला किया. सुरक्षा कर्मचारियों ने आकाशदीप सिंह को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. यह स्पष्ट नहीं है कि उसने हथौड़ा कहां से प्राप्त किया या इस कृत्य के पीछे उसकी मंशा क्या थी.
जब सिंह को पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, तो भीड़ में से एक व्यक्ति ने उसे थप्पड़ मारा. सुरक्षा कर्मचारियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उसे भीड़ से बाहर निकालकर सुरक्षित रूप से पुलिस स्टेशन ले गए. इस घटना की चौतरफा निंदा हो रही है. लोकसभा सदस्य गुरजीत औजला ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर हुए हमले पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंबेडकर की वजह से ही है कि भारत को समानता का अधिकार मिला. उन्होंने पंजाब सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की और मामले की पूरी जांच की आवश्यकता जताई.
पूर्व पंजाब मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी इस घटना की निंदा की और इसे घिनौना कृत्य बताया, जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करता है. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और इस शर्मनाक घटना के पीछे के षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए पूरी जांच की मांग की. बादल ने समाज में विभाजन पैदा करने की ऐसी घिनौनी कोशिशों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया.