Who is Mohin Mohan Dutta? मोहिनी मोहन दत्ता (Mohini Mohan Dutta) का नाम इन दिनों चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है. क्योंकि रतन भाई टाटा (Ratan Bhai Tata) की हाल ही में खोली गई वसीयत में इन्हें करीब 500 करोड़ दिये गए हैं. चर्चाएं इसलिए तेज हैं क्योंकि ये रतन टाटा के परिवार से भी नहीं हैं, फिर भी इन्हें 500 करोड़ रुपए दिए गए हैं. तो चलिए आज हम बताते हैं कि कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता?
मोहिन मोहन दत्ता जमशेदपुर के एक व्यवसाई हैं, जिनकी उम्र लगभग 80 वर्ष से ज्यादा है. उनकी रतन टाटा से पहली मुलाकात 1960 के दशक की शुरुआत में हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी पहली मुलाकात जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी, जब टाटा 24 साल के थे और पारिवारिक व्यवसाय में अपना रास्ता तलाश रहे थे. टाटा से मुलाकात पर दत्ता का कहना है कि इस मुलाकात ने उनके जीवन की दिशा बदल कर रख दी थी.
टाटा समूह से जुड़ा करियर
दत्ता का करियर टाटा समूह से जुड़ा रहा है. मोहिनी मोहन दत्ता ने ताज समूह के साथ अपनी व्यवसायिक यात्रा शुरू की और बाद में स्टैलिन ट्रैवल एजेंसी की स्थापना की. स्टैलिन का 2013 में ताज ग्रुप ऑफ़ होटल्स के एक विभाग ताज सर्विसेज़ के साथ विलय हो गया. लेकिन दत्ता फामिली की इसमें 80 फीसदी हिस्सेदारी रही, टाटा की सिर्फ 20 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. फिलहाल मोहिनी मोहन दत्ता रीब्रांडेड टीसी ट्रैवल सर्विसेज़ में निदेशक बने हुए हैं.
उनके पास टाटा ग्रूप की भी कई कंपनियों के शेयर हैं. जिसमें टाटा कैपिटल भी शामिल है, जो स्टॉक मार्केट लिस्टिंग की तैयारी कर रही है. दत्ता और टाटा सिर्फ एक बिजनेस फ्रेंड नहीं थे, बल्कि दोनों के बाच काफी अच्छी दोस्ती भी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में उन्हें "एक सहयोगी से कहीं ज़्यादा, एक दत्तक पुत्र" बताया गया है, हालाँकि कानूनी तौर पर, टाटा ने कभी शादी नहीं की या उनके बच्चे नहीं हुए. दत्ता की एक बेटी ने ताज होटल्स में काफी समय तक काम किया था. साथ ही करीब 10 साल तक टाटा ट्रस्ट में भी काम किया.