नीतीश प्रधानमंत्री का सपना देखते हैं, ममता बनर्जी सपने में आती हैं, अखिलेश देखते हैं तो KCR आते हैं, राहुल सपना देखते हैं तो नीतीश-ममता सब आते हैं, तो फिर ये सपने वाला खेल है क्या?
2024 में एक अनार 100 बीमार, विपक्ष में कुटाई की स्क्रिप्ट तैयार, राहुल गांधी को प्रियंका नेता नहीं मान रही हैं, नीतीश को ममता नहीं, अखिलेश नीतीश को नहीं ये खेल क्या है?
विपक्ष का कौन नेता बनेगा बलि का बकरा, मोदी से लड़ने वालों की लिस्ट तैयार, लेकिन लीडर की तलाश, पूरी रिपोर्ट सुनकर आप कहेंगे IAS बन जाएंगे लेकिन ये सवाल नहीं समझ पाएंगे

नीतीश कुमार ने जोश में आकर गठबंधन तो तोड़ लिया, लेकिन अखिलेश भैया ने एक बयान से खेल कर दिया, नीतीश को लगता है वो PM फेस होंगे, लेकिन अखिलेश यादव ने कहा नहीं होंगे, अखिलेश और तेजस्वी में रिश्तेदारी है लेकिन सियासत की बात आते ही बयान अलग-अलग हैं, अखिलेश ने कहा मैं तो ममता दीदी और केसीआर को पीएम फेस देखना चाहता हूं, तेजस्वी ने कहा पीएम के लिए नीतीश कुमार सबसे अच्छे उम्मीदवार, कांग्रेस में राहुल की मांग, कुछ नेताओं की प्रियंका की डिमांड, यानि मिक्स वेज नहीं विपक्ष ने पीएम की कुर्सी को खिड़ची बना डाला, एक साल पहले ही आपस में कुटाई की स्क्रिप्ट लिख डाली…

नीतीश कुमार कह रहे हैं ना जी ना मुझे पीएम नहीं बनना है, लेकिन नेताओं से बयान दिलवा रहे हैं हां जी हां नीतीश को ही पीएम बनना है, फिर ये खेल क्या है?
पहले उपेंद्र कुशवाहा से बयान दिलाया कि नीतीश का देश इंतज़ार कर रहा है, फिर तेजस्वी से कहलवाया कि नीतीश बेस्ट पीएम होंगे, फिर ये खेल क्या है?
अखिलेश यादव ने दो दिन पहले साफ कहा, साइकिल पर सिर्फ ममता दीदी, केसीआर और शरद पंवार बैठेंगे, यानि नीतीश के लिए जगह नहीं, फिर ये खेल क्या है?
नीतीश ने जब बीजेपी से नाता तोड़ आरजेडी के साथ सरकार बनाई तो ममता, अखिलेश, केसीआर, शरद पवार किसी ने बधाई नहीं दी, फिर ये खेल क्या है?
विपक्ष में मार होगी कि पीएम उम्मीदवार कौन होगा? कांग्रेस में राहुल-प्रियंका की डिमांड है, यानि एक कुर्सी और बैठने वाले तेरह हैं, फिर ये खेल क्या है ?

यानि मोदी को हराना तो दूर की बात है, पहले ये तय करना होगा प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ लड़ेगा कौन? ममता बनर्जी खामोश हैं, केजरीवाल ने पत्ते नहीं खोले, डीएमके के स्टालिन का इशारा नहीं मिला, यानि अभी ड्रामा बाकी है…नीतीश कुमार, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव तीनों नेता OBC लीडर हैं, लेकिन अखिलेश ने साफ मना कर दिया है कि वो नीतीश कुमार को पीएम की कुर्सी पर नहीं देखना चाहते है, यानि अगर बिहार में जातिगत जनगणना की मांग उठी तो यूपी आते आते फुस्स हो जाएगा…क्योंकि अखिलेश ममता दीदी के फैन हैं, और ममदा दीदी नीतीश के मुद्दे को हवा नहीं देंगी…इसलिए ममता ने नया खेल शुरू कर दिया है…
नवरात्रि में दुर्गा पूजा के लिए ममता बनर्जी का ऐलान है कि हर पण्डाल को 60 हज़ार की मदद की जाएगी, और 11 दिन की छुट्टी भी दी जाएगी
ऐसा करके ममता ने साफ कर दिया है कि नीतीश टोपी वाली सियासत करें, ममता टीका वाली राजनीति कर हिन्दू वोटर्स का दिल बहलाने वाली है!
ममता बनर्जी अगर PM फेस होती हैं तो नीतीश कुमार का क्या होगा? फिर केजरीवाल और मायावती का क्या होगा? विपक्ष आपस में हारने वाला खेल खेलेगा
केंद्र में बीजेपी के बाद कांग्रेस को विकल्प के तौर पर देखा जाता है…लेकिन कांग्रेस पहले ही ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, के चंद्रशेखर राव और शरद पवार जैसे नेताओं को विपक्ष का चेहरा स्वीकार करने से इनकार कर चुकी है… अहम बात ये है कि इन सभी नेताओं की अपने राज्य में लोकप्रियता कांग्रेस से कहीं ज्यादा है…यही वजह है कि कोई भी दूसरा नेता अपने से इतर दूसरे नेता के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है…तो फिर ये खेल क्या है? ममता बनर्जी को भरोसा है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में क्लीन स्वीप कर सकती है, टीएमसी के कुछ नेता कहते हैं कि कांग्रेस आने वाले समय में और भी खराब प्रदर्शन करेगी…जबकि ममता बनर्जी एक बेहतरीन उम्मीदवार हो सकती हैं…तो PM फेस ममता होंगी, केजरीवाल का विपक्ष से कोई कनेक्शन नहीं है, वो बंदा खुद को मोदी मानता है इसलिए वो खुद को मोदी का विकल्प मानता है, फिर ये खेल क्या है जनता ही समझा सकती है? आप बताएंगे आखिर खेल है क्या ?