पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो हिंदुस्तान दौरे पर आए हैं, उन्हें गोवा की बिच पर फोटोशूट करवाना था, जयशंकर से सीमा के मुद्दे पर बातचीत करनी थी और पाकिस्तान की कंगाली का दुखड़ा रोना था, लेकिन जयशंकर ने ऐसी बेइज्जती की कि सारा प्लान ही फिर गया. ये तस्वीर देखिए बिलावल भुट्टो से हाथ कौन मिला रहा है,

न तो यहां जयशंकर खड़े हैं, ना ही मोदी सरकार का कोई मंत्री, अगर यही तस्वीर पाकिस्तान की होती तो वहां के विदेश मंत्री दौड़े-दौड़े जयशंकर से मिल रहे होते, पर इस फोटो में दिख रहे शख्स विदेश मंत्रालय के बहुत बड़े अधिकारी हैं, जिन्हें जयशंकर ने कहा था बिलावल भुट्टो को आप रिसीव करेंगे, ऐसी ख़बर है कि अधिकारी ने मुलाकात के बाद ही ये साफ कर दिया कि विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात का कोई प्लान फिलहाल फाइनल नहीं होने वाला, मतलब बिलावल भुट्टो को शायद बिना जयशंकर से मिले ही लौटना पड़े, अब ये कितनी बड़ी बेइज्जती है वो समझाएं उससे पहले समझिए करीब 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री हिंदुस्तान क्यों आया.

- SCO यानि शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक की अध्यक्षता भारत कर रहा है, इसमें 8 देश हैं
- रूस और चीन इसके अहम सदस्य हैं, और दोनों के विदेश मंत्री इंडिया आए हैं, ऐसे में पाक मजबूरी में आया
- क्योंकि पाकिस्तान को कंगाली से निकलने के लिए रूस, चीन और भारत तीनों की मदद की जरूरत पड़ेगी
- भारत तभी मदद करेगा, या द्विपक्षीय बातचीत होगी, जब पाकिस्तान आतंकवाद पर अपना स्टैंड क्लियर करेगा
- एक तरफ मैच का विरोध और दूसरी तरफ पाकिस्तानी विदेश मंत्री का यहां आना, रिश्ते सुधरने की पहल जैसा है
- साल 1972 में बिलावल भुट्टो के नाना और तब के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अल्ली भुट्टो इंडिया आए थे
- उसके बाद बिलावल भुट्टो की मां और पाकिस्तान की पहली महिला पीएम बेनजीर भुट्टो 2002 में हिंदुस्ताना आई थी
शायद इसीलिए बिलावल भुट्टो को बड़ी सोच-समझकर विदेश मंत्री बनाया गया, ताकि ऊपर-ऊपर भारत के खिलाफ बयान देते रहें और अंदर-अंदर भारत से रिश्ते सुधारने की पहल करते रहें, अब भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधरेंगे या क्या होगा ये तो कहा नहीं जा सकता, क्योंकि जब पीएम मोदी के अचानक से पाकिस्तान जाने के बाद भी पाकिस्तान नहीं सुधरना तो बिलावल भुट्टो के गोवा आने से क्या ही कहा जा सकता है,

वैसे तो पाकिस्तान अपनी कंगाली का रोना लेकर हर जगह पहुंच रहा है, ताकि उसे कोई मदद मिल सके, अभी भारत के एक इशारे पर दुनिया के कई देश पाकिस्तान की मदद को आगे बढ़ सकते हैं, यहां तक कि हिंदुस्तान भी उसकी खूब मदद कर सकता है, पर कहते हैं मदद मानवता के आधार पर होनी चाहिए, पाकिस्तान जैसे देश जो दूसरे देश की बर्बादी का सपना देखते हैं, उनकी मदद करना क्या खुद को धोखा देने जैसा नहीं है. हो सकता है बिलावल भुट्टो को अब अमेरिका की तरह हिंदुस्तान से भी विदेश मंत्री से बिना मिले ही लौटना पड़े, पर यहां एक सवाल सबके दिमाग में और है कि पाकिस्तान और चीन से रिश्ते तो लगभग हमारे एक जैसे हैं, बावजूद उसके चीन के विदेशमंत्री से जयशंकर मिलते हैं और पाकिस्तानी विदेशमंत्री से नहीं मिलते तो मैसेज क्या है.
चीन के विदेश मंत्री, जयशंकर

ये तस्वीर देखिए, ये हैं चीन के विदेश मंत्री, जिनसे जयशंकर की दूरी इतनी है कि कोई भी देखकर कह देगा रिश्ते सामान्य तो नहीं दिखते. खुद जयशंकर भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि भारत-चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हैं, इसीलिए कुछ दिनों पहले जब भारत और चीन के रक्षामंत्रियों की बैठक हुई तो उसमें राजनाथ सिंह ने हाथ मिलाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया और संदेश दिया कि दिल नहीं मिलते तो हम हिंदुस्तानी हाथ भी नहीं मिलाते, अब जयशंकर की जो दो तस्वीर सामने आई है उसमें भी वो हाथ मिलाते नहीं दिख रहे, शायद वो तस्वीर देखकर चीनी विदेश मंत्री ये समझ गए कि हाथ आगे बढ़ाकर बेइज्जती करवाने से अच्छा है हाथ जोड़कर नमस्ते कर लो. इन तस्वीरों को देखकर हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा कि भारत अब खुलकर दुनिया को जवाब देता है, आप इन तस्वीरों पर क्या कहेंगे कमेंट में बता सकते हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज फ्लैश