पहले कहते थे पाकिस्तान कभी नहीं सुधर सकता, पर क्रिकेट जगत में ऑस्ट्रेलिया की टीम कभी नहीं सुधर सकती, भारत के साथ तो उसका ऐसा छत्तीस का आंकड़ा होता है कि मानो खेल से ज्यादा वो बाकी के बवाल के लिए आते हों, ये तस्वीर देखिए, पैट कमिंस चेतेश्वर पुजारा को 100वां टेस्ट खेलने पर एक टीशर्ट भेंट कर रहे हैं, इस टीशर्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम के सभी खिलाड़ियों के ऑटोग्राफ हैं, इस तस्वीर को देखकर आप कहेंगे ये तो अच्छी बात है, पर ख़बर है कि ऑस्ट्रेलियाई दरअसल पुजारा को चिढ़ाना चाहते थे, ऐसा पहले कई मैच में भी हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया ने जीत के जश्न में कई इशारे किए हों. दूसरे दिन जिस तरह से भारत के हाथ से मैच निकला था, उससे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ये मानकर चल रहे थे कि पुजारा को हार के बाद टीशर्ट गिफ्ट कर चिढ़ाएंगे, इस मैच को जीतने के लिए ऐसा लग रहा था ऑस्ट्रेलिया हर हथकंडा अपनाना चाहती थी.

सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पैट कमिंस को छोड़कर सारे तेंज गेंदबाज बिठा दिए, स्पिनर्स लेकर आए
फिर स्पिनर्स की कुटाई हुई, तो अंपायर ने भी ऑस्ट्रेलिया का साथ दे दिया, कोहली को गलत आउट दे दिया

बाद में पता चला कोहली ने अंपायर से शिकायत की थी कि ऑस्ट्रेलियाई टीम का एक व्यक्ति फोन लेकर आया था, जबकि नियम के मुताबिक सबको अपना फोन जमा करवाना होता है, मतलब वो फोन के सहारे इस मैच को जीतना चाहते थे, लेकिन अंपायर ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इस बात से टीम इंडिया इतना गुस्सा हुई कि जडेजा ने सात में से छह खिलाड़ियों को बोल्ड कर सबसे सटीक अंदाज में बदला लिया, पर सबसे ज्यादा मजा तब आया जब अश्विन अन्ना बैटिंग बीच फील्ड पर ही मंत्र पढ़ने लगे, सहवाग बैटिंग के वक्त गाना गाते थे और फिर बॉलर्स को रूला देते थे, वैसा भी अश्विन का भी अंदाज दिख रहा था. पर एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने शमी के कान खींच दिए, और शमी ने जब सीरियस होकर पीछे मुड़कर देखा तो पता चला कि ये तो मजाक है. बाद में पता चला कि
पहली पारी के 75वें ओवर में मोहम्मद शमी ने नाथन लायन को बोल्ड कर दिया. चूंकि शमी के विकेट के साथ अश्विन के 5 विकेट लेने की संभावनाएं खत्म हो गईं. इसीलिए अश्विन ने मजाक-मजाक में ही ऐसा किया.

टीम इंडिया में इस वक्त बॉलर्स के बीच विकेट लेने की होड़ मची हुई है, यही अगर बल्लेबाजों के साथ भी हो जाए तो कोई भी टीम टिक ही नहीं पाएगी. क्योंकि पिछले मैच के बाद रोहित ने भी कहा था कि मेरे पास सिराज, अश्विन और जडेजा तीनों आ गए और कहा हमें गेंद दो, हम उसे आउट करेंगे, हमारा रिकॉर्ड बनने दो, आखिर में मुझे बहुत सोच-समझकर फैसला लेना पड़ा. भले ही रोहित की कप्तानी में इंडिया वर्ल्ड कप हार गई, पर रोहित के पास मैच जीतने का वो हुनर है जिसकी जरूरत इस वक्त टीम इंडिया को है, तीसरे दिन का खेल शुरू होते ही जैसे ही रोहित मैदान पर उतरे उन्होंने सबसे पहले सभी खिलाड़ियों के साथ मीटिंग की और उसके बाद सिर्फ स्पिनर्स को बुलाया, चूंकि इस पिच पर स्पिनर्स को शानदार मदद मिल रही थी और अश्विन-जडेजा का खौफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों में कूट-कूटकर भरा था, इसिलिए रोहित सिर्फ उसका फायदा उठाना चाहते थे, जैसे ही तीसरे दिन का खेल शुरू हुआ ये पता चल गया कि रोहित ने हर खिलाड़ी में एक अलग ही तरह का जोश भर दिया, स्पिनर्स हर बॉल पर विकेट निकालना चाह रहे थे, जबकि स्लिप में खड़े कोहली हों या फिर बाउंड्री पर खड़े दूसरे खिलाड़ी हर कोई बिना गेंद के कैच की प्रैक्टिस कर रहा था. अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अगर रोहित की टीम पहुंचती है तो फिर इसी रणनीति के साथ वहां भी उतरना होगा.