बीते 3 महीने से न पीएम मोदी को ढंग से नींद आ रही है, और ना ही अमित शाह को. कभी रात के 2 बजे, तो कभी रात के 3 बजे वो फोन कर मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से अपडेट ले रहे हैं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और वहां के राज्यपाल खुद ये नहीं समझ पाते कि इतनी रात को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का फोन क्यों आ रहा है, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तो यहां तक कहते हैं कि अमित शाह मणिपुर के हालात को लेकर ज्यादा परेशान हैं, पर राहुल गांधी सदन में खड़े होकर कहते हैं बीजेपी ने मणिपुर को बांट दिया है. पहले हिमंत बिस्वा सरमा का दावा सुनिए फिर आपको राहुल गांधी और स्मृति ईरानी का वार-पलटवार सुनवाते हैं और फिर बताते हैं मोदी के फोन से मंत्रियों को डर क्यों लगता है. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा रात 3 बजे अमित शाह का फोन आया था

पिछले हफ्ते रात 3 बजे मुझे गृहमंत्री अमित शाह की कॉल आई, उन्होंने कहा मणिपुर के हालात पर कुछ बात करनी है, काफी देर तक हम लोगों की बातचीत हुई और तभी पता चला कि मणिपुर में जो हो रहा है उसकी वजह से अमित शाह ढंग से सो नहीं पा रहे हैं. लेकिन सच ये है कि मणिपुर में आज जो हो रहा है उसकी नींव कांग्रेस ने ही रखी है, इसके लिए कांग्रेस की कारस्तानियां जिम्मेदार है.

कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ऐसा ही किस्सा सुनाया था, तब कहा था रात दो बजे पीएम मोदी ने फोन किया तो मैं समझ ही नहीं पाया, क्योंकि उनका नंबर पता नहीं चलता, फिर विदेश में फंसे भारतीयों के हालात पर बात हुई, पीएम मोदी कभी भी किसी मंत्री को फोन कर देते हैं, इसीलिए हमेशा इस बात का डर मंत्रियों को लगा रहता है. मतलब एक तरफ मोदी-शाह की जोड़ी देश के विकास के लिए काम कर रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष अलग ही आरोप लगा रहा है.
ये सोचिए कि हिमंता भले ही कहते रहे कि कांग्रेस इसके लिए जिम्मेदार है लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी सदन में खड़े होकर दावे के साथ कहते हैं कि मणिपुर में जो हो रहा है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा जिम्मेदार है, जिसके जवाब में स्मृति ईरानी ने कुछ ऐसा कह दिया कि राहुल सदन छोड़कर ही भाग गए. बाद में पता चला राहुल गांधी को राजस्थान जाना था, इसलिए सदन में ज्यादा देर नहीं रुक पाए.

इधर जब स्मृति ईरानी सदन में भाषण दे रही थी तो उधर कांग्रेस नेता पीएम मोदी के भाषण की मांग कर रहे थे, उनका कहना था कि पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए, ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी मणिपुर पर जवाब देने से पहले अधिकारियों से ग्राउंड की हर वो जानकारी मंगवा रहे हैं, जिसके सहारे विपक्ष के हर एजेंडे की पोल खुल जाए. आपको याद होगा पिछली बार भी जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद पीएम मोदी ने बोला था तो कांग्रेसी नेता सुन नहीं पाए थे और इस बार भी कई लोग यही कह रहे हैं कि स्मृति ईरानी का जो आक्रमक अंदाज मणिपुर पर सदन में दिखा है, उससे भी आक्रमक होकर पीएम मोदी बोलने वाले हैं पर सियासत से हटकर थोड़ा सोचें तो आपको अंदाजा लग जाएगा कि सदन की भाषणबाजी से ज्यादा ये जरूरी है कि देश के हर हिस्से में शांति हो, चाहे वो मणिपुर हो या हरियाणा कहीं भी कोई मोनू, बिट्टू या मामन कुछ कहे और प्रदेश के हालात बिगड़ जाएं ऐसा नहीं होना चाहिए. आज राहुल ने जिस शब्द का इस्तेमाल हिंदुस्तान के लिए किया है, एक हिंदुस्तानी होने के नाते आप उस पर क्या कहेंगे, कमेंट कर जरूर बताएं क्योंकि ये देश हम सबका है.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी