PM Modi karnataka election 2023
क्या कांग्रेस की किस्मत भी आईपीएल के आरसीबी की तरह है, जो अपनी गलतियों से जीतते-जीतते मैच हार जाती है, अब तक कर्नाटक में कांग्रेस जीत की ओर बढ़ रही थी, बीजेपी के हार के कयास लग रहे थे, लेकिन 24 घंटे पहले आए पीएम मोदी के एक बयान ने सारा गेम पलट कर रख दिया. हम वो बयान सुनाएं उससे पहले बताते हैं कांग्रेस जिस पिच पर बैटिंग कर रही है, उसे 4 साल पहले ही पीएम मोदी ने कैसे भांप लिया था. साल 2019 में जब मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो प्रताप चंद्र सारंगी को मंत्री बनाया, ढीले-ढाले कुर्ते में जब सारंगी शपथ लेने पहुंचे तो उनकी बड़ी चर्चा हुई, कई लोगों ने कहा ओडिशा में बजरंग दल के अध्यक्ष रह चुके सारंगी का मंत्री बनना बजरंग दल के लिए बड़ी उपलब्धि की तरह है. शायद इसीलिए कांग्रेस ने जब बजरंग दल पर बैन की बात की तो मोदी खुद को रोक नहीं पाए.

कांग्रेस धर्म के मुद्दे पर जब-जब बीजेपी पर सवाल उठाती है, जनता उसे करारा जवाब देती है,चुनाव में हार मिलती है
कर्नाटक में घोषणापत्र जारी करते वक्त उसने यही गलती दोहराई, कहा PFI और बजरंगदल दोनों पर बैन लगा देंगे
इससे पहले मायावती,रामविलास पासवान और एचडी देवगौड़ा भी बजरंग दल पर बैन लगाने की मांग कर चुके हैं!
कांग्रेस ने ये सोचकर ये कदम उठाया कि हिंदू-मुस्लिम दोनों वोटर साथ आ जाएंगे. कर्नाटक में बीजेपी को हरा देंगे
पर मोदी ने रैली में जाते ही बजरंग दल पर इतना बड़ा ऐलान किया कि बड़े-बड़े दिग्गज बयान सुनकर हैरान हो गए
पीएम मोदी कर्नाटक रैली में ऐलान

दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं, उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.

अब कांग्रेस कह रही है मोदी ने बजरंग दल को बजरंगबली से जोड़कर हनुमान भक्तों का अपमान किया है, ख़बर यहां तक है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बजरंग दल पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है, पर सवाल ये है कि कांग्रेस को खुद की कब्र खोलने की सलाह देने वाले ये लोग कौन हैं, कुछ साल पहले ही एक बड़े नेता ने कहा था कांग्रेस को अगर बीजेपी को हराना है तो धर्म की पिच से हटकर एजेंडा सेट करना होगा, कांग्रेस कर्नाटक चुनाव में यही कर भी रही थी, सबसे पहले अमूल दूध और नंदिनी दूध का विवाद शुरू हुआ, नंदिनी वहां का लोकल ब्रांड है, इसलिए कांग्रेस ने सपोर्ट किया तो पब्लिक कांग्रेस के साथ आई, बीजेपी कई नेताओं पर वहां भ्रष्टाचार के आरोप लगे, कांग्रेस ने उसे भुनाया, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे ने जैसे ही मोदी को जहरीला सांप कहा, कहानी पलट गई, ये मसला खत्म भी नहीं हुआ, तब तक कांग्रेस अपना घोषणापत्र ले आई, जिसमें लिखा बजरंग दल पर बैन लगा देंगे. जो लोग ये नहीं जानते की बजरंग दल है क्या, उन्हें ये समझना भी जरूरी है कि ताकि फिर ये समझ सकें कि बैन की बात का असर क्या पड़ेगा.
साल 1984 में उत्तर प्रदेश में बजरंग दल का गठन हुआ, तब कहा गया कि जैसे भगवान श्रीराम की सुरक्षा में हनुमानजी तैनात रहते थे, वैसे ही बजरंग दल श्रीराम निर्माण के कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा करेगा. लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद केन्द्र की नरसिम्हा राव सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया, पर अगले ही साल प्रतिबंध हट गया. और अब फिर से प्रतिबंध की बात हो रही है.
आज भी वेलेंटाइन वीक पर पार्क में कपल्स से माफी मंगवाने के लिए बजरंग दल के कार्यकर्ता चर्चा में रहते हैं, उनका मानना है कि देश की संस्कृति से हम किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे, पर सवाल ये है कि क्या बजरंग दल का तरीका ठीक है.