ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, एकनाथ शिंदे, अशोक गहलोत और शिवराज सिंह समेत देश के सभी मंत्रियों को क्या योगी आदित्यनाथ से क्लास लेने की जरूरत है. एक इतना बड़ा प्रदेश जो अगर अलग देश होता तो जनसंख्या के हिसाब से दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश होता. वहां रामनवमी के मौके पर हजारों जगह जुलूस निकलता है. और रमजान का महीना है तो इफ्तार पार्टियां भी होती हैं. अजान भी होती है, भगवान के भजन भी होते हैं, लेकिन कहीं कोई पत्ता तक नहीं हिलता. पश्चिम बंगाल, राजस्थान और महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली और गुजरात तक हर जगह बवाल हुआ. इसके पीछे क्या वजह है कि जिस प्रदेश में बात-बात पर लोग लड़ने लगते थे वो इतने शांत हैं.

इसके पीछे सीएम योगी आदित्यनाथ के वो सात सूत्र हैं जो उन्होंने इस साल के शुरू में ही अधिकारियों की मीटिंग में दिये थे और कहा था कि कोई बख्शा नहीं जाएगा. उस मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बुलाकर रोडमैप तैयार कराया था. योगी ने अधिकारियों से कहा था कि सुर्फ माफिया और गैंगस्टर्स को ठंडा करने से शांति नहीं बनी रहेगी. कुछ ऐसे लोगों को गर्मी भी दिखानी होगी जो त्योहार की आड़ में माहौल बिगाड़ने का काम करते हैं. सीएम योगी ने इसके लिए सात बड़े आदेश दिये थे.
एक तरफ सीएम योगी का ये आदेश
- आदेश नंबर एक- किसी भी शोभायात्रा या किसी और धार्मिक आयोजन की अनुमति से पहले आयोजकों से शपथपत्र लें और गड़बड़ होने पर सबसे पहले उन्हें पकड़ें.
- आदेश नंबर दो- शोभायात्रा या जुलूस में ऐसी कोई भी गतिविधि न हो जो दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को उत्तेजित करे. अश्लील और फूहड़ गीत कतई न बजें.
- आदेश नंबर तीन- अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के सभी धर्म गुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित लोगों से बात करें. शांति के लिए उनका सहयोग लें.
- आदेश नंबर चार- माहौल खराब करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरें की नीति अपनाएं.
- आदेश नंबर पांच- संवेदनशील इलाकों में पहले से लोगों से बात करें और शांति सुनिश्चित करें.
- आदेश नंबर छह- छोटी से छोटी अफवाह पर भी कंट्रोल रूम से नजर रखें, लगातार पेट्रोलिंग होनी चाहिए.
- आदेश नंबर सात- जिस अधिकारी के इलाके में विवाद होगा, उसकी जिम्मेदारी उसी की होगी.
दूसरी तरफ रामनवमी पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का कहा

सभी लोग आनंद के साथ रैलियां कीजिए. मगर, रमजान का महीना चल रहा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम इलाकों से गुजरने से परहेज कीजिए. बीजेपी के लोगों को बोलते हुए सुना है कि हाथियार लेकर निकलेंगे. इस पर कहना चाहती हूं कि ये मत भूलें कि कोर्ट है, जो छोड़ेगा नहीं.
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अब आप ही बताइए इस बयान के बाद लोगों के मन में क्या आएगा. राजनेताओं को छोड़ दीजिए आम आदमी भी क्या सोचेगा अगर एक सीएम ऐसा बयान देंगी.
क्या यही वजह है कि यूपी में शांति है और बाकी कई राज्यों में रामनवमी पर बवाल हो गया. पिछले साल भी रामनवमी और रमजान एक साथ थे. तब भी यूपी में 800 से ज्यादा जगहों पर शोभायात्रा और झांकी निकाली गई थी. लेकिन कहीं कुछ नहीं हुआ.
इस साल भी देखिए राजस्थान में बवाल हुआ, महाराष्ट्र में बनाल हुआ, दिल्ली में बवाल हुआ, गुजरात में बवाल हुआ और पश्चिम बंगाल का तो पूछिए ही मत.
तो योगी का हंटर माफिया और गुंडो पर ही नहीं चल रहा है. बल्कि उनके दिल में भी खौफ भर गया है जो भीड़ का फायदा उठाकर उत्पात करते थे. क्या यही रास्ता उन्हें दिल्ली तक जल्दी पहुंचाएगा.