कहाँ से नींव पड़ी कांग्रेस और बीजेपी की सियासती दुश्मनी की!
कहते हैं सियासत में हर ज़ख्म नासुर बन जाते हैं, वो दर्द तब बढ़ता है जब सत्ता चली जाती है! दुश्मन को रास्ते से हटाना हो तो नियम कानून नहीं सिर्फ बदले का इतिहास दोहराया जाता है! सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी के साथ जो हो रहा है वो भी एक बदला है? हमारे देश का एक सच ये भी है कि गांधी परिवार के साथ BJP नेताओं के रिश्ते बेहद ख़ास होते हैं! पर मोदी-शाह और गांधी परिवार के बीच वो बात कौन सी है जिसने दुश्मनी की नींव गहरी कर दी है! राजनीतिक गलियारों में यहां तक कहा जाता है कि ये 14 साल पहले घटी एक घटना का बदला है! वो बात कौन सी है? किस बदले की बात कही जा रही है? सोनिया ने ऐसी कौन सी गलती कर दी थी कि आज बेटे का राजनीतिक भविष्य ख़त्म सा हो गया…सूत्र कहते हैं कुछ महीने पहले एक बार ऐसा लगा था कि राहुल-सोनिया को जेल हो जाएगी पर ऐन वक्त पर BJP ने प्लान बदल दिया था…14 साल पहले ऐसा क्या हुआ था कि बीजेपी उस बात को आज भी नहीं भूल पाती है…

आज से करीब 14 साल पहले जब सत्ता कांग्रेस की थी, CBI-ED सब उनके इशारे पर काम करती थी तब एक बड़ी घटना घटी…कांग्रेस ने मोदी-शाह के गुजरात में बड़ा बवाल काट दिया…उस वक्त मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और गृह मंत्री अमित शाह थे..शाह का नाम एक फेक एनकाउंटर में आया…राजनीतिक जानकार कहते हैं उसी वक्त ये लिखा गया था कि जिस दिन कांग्रेस से सत्ता दूर होगी और मोदी-शाह ताकत में आएंगे, ये दोनों शक्तियां आपस में टकराएंगी!
शोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर में सोनिया गांधी ने शाह को भेजा था जेल!
अमित शाह गुजरात में थे पर दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के निशाने पर थे, नरेंद्र मोदी और शाह की जोड़ी का विकल्प कांग्रेस को गुजरात में नहीं मिला तो CBI को हथियार बनाया गया, उस वक्त घटना को कवर करने वाले जानकार लिखते और कहते है कि
2009 में मोदी का कोई बहुत बड़ा कद नहीं था, पर सोनिया गांधी गोधरा कांड के कारण मोदी से ज्यादा नाराज़ रहती थी, वो अपने भाषणों में मोदी का नाम लेती, गांधी परिवार ने चुनावी भाषणों से दुश्मनी की नींव रखी, और वही एक दिन बहुत बड़ा सियासी बवाल का रूप ले लेता है!

शाह पर जब फेक एनकाउंटर करवाने का आरोप लगा तो कांग्रेस के साथ कुछ बीजेपी नेताओं ने भी उनकी गिरफ्तारी की बुनियाद डाली…कांग्रेस के ताकतवर नेता पी चिदबंरम उस वक्त दिल्ली में गृह मंत्री थे…कांग्रेस गुजरात में जीत नहीं पाती थी तो शाह और मोदी को जेल में डालने की रणनीति बनी, और शाह जाल में फंस गए, केंद्र में पी चिदबंरम गृह मंत्री थे उधर अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री थे, दोनों गृहमंत्रियों में जिसके पास ज्यादा ताकत थी उसने दूसरे को खा लिया…दो गृह मंत्रियों की लड़ाई कुल चार लोगों में महायुद्ध छिड़ गया, एक तरफ सोनिया गांधी और मोदी, दूसरी तरफ अमित शाह और पी चिदंबरम…

शोहराबुद्दीन शेख फेक एनकाउंटर में शाह का नाम आया तो पी चिदबंरम ने पूरा ज़ोर लगाकर सोनिया गांधी के इशारे पर शाह को गिरफ्तार करवा लिया था, उस वक्त राहुल गांधी मोदी-शाह को ठीक से नहीं जानते थे, तब राहुल गांधी को सियासत में आए सिर्फ 5 साल ही हुआ था…
सोनिया गांधी से मोदी-शाह ने लिया पुराना बदला !

कहते है मां-बाप का बोया कई बार बेटे को काटना पड़ जाता है! सोनिया के इशारे पर CBI ने शाह को गिरफ्तार कर लिया, तो क्या कांग्रेस परिवार के साथ जो हो रहा है ये वही बदला है? सोनिया को गिरफ्तार तो नहीं करवाया पर राहुल गांधी को सांसद से OUT करके बता दिया, देश कांग्रेस मुक्त हो या न हो पर संसद राहुल गांधी से मुक्त हो गई? सियासत में ऐसी दुश्मनी का बदला कोई पहला नहीं है, मुलायम सिंह यादव के समर्थकों ने मायावती के साथ क्या किया था कौन नहीं जानता है? मायावती ने समर्थन वापस लिया तो सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कपड़े तक फाड़ दिए, तमिलनाडु की सियासत में विधानसभा के भीतर पूर्व सीएम जे जय ललिता की साड़ी तक खींच ली गई थी, ऐसा नहीं है कि हर घटना बदला ही कहा जाएगा, पर वक्त सबका आता है? तब कांग्रेस का था, उस वक्त बीजेपी का दावा था कि ग़लत हो रहा है, आज वक्त बीजेपी का है कांग्रेस का दावा है कि गलत हो रहा है?