पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर महाराज प्रेमानंद के वीडियो वायरल हैं! पंडित धीरेंद्र शास्त्री की भीड़ से अलग एक संत वृंदावन में बैठा है जहां शांति से वो जीवन जीने का सबसे सही रास्ता दिखा जाता है! महाराज खुद दावा करते हैं दोनों किडनी फेल है! रात 2 बजे जब वो आश्रम से परिक्रमा के लिए निकलते हैं तो ये भीड़ उनका ऐसे स्वागत क्यों करती है? छोटे बच्चे उन्हें अपना भगवान क्यों मानते हैं? जिस संत का न स्वांग है, न ही लाखों की भीड़ में वो कथा सुनाते हैं, फिर भी उनकी सच्चाई में ऐसा कौन सा रहस्य है जो आपको कहानी सुनने के बाद वृंदावन जाने पर मज़बूर कर देगा! ठाकुर देवकी नंदन महाराज उनके चरणों में लेट कर वंदना करते हैं, विराट कोहली घुटनों पर बैठकर आशीर्वाद लेते हैं, जज उनसे फैसला लेने से पहले राय लेते हैं, मानों दुनिया को एक ऐसा संत मिल गया हो जो आडबंर से दूर किसी ज्ञान की गुफा में विज्ञान को चैलेंज कर रहा है! इसलिए हम आपको पूरी सच्चाई सुनाते हैं…यूपी के कानपुर में आज से 60 साल पहले बाबा का जन्म कानपुर के सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में होता है…सिर्फ 10 साल की आयु में स्वामी प्रेमानंद महाराज अपनी मां से कहते हैं…
मां मैं पढ़ाई नहीं गीता पढ़ना चाहता हूं, रामायण को समझना चाहता हूं, भगवान को मानने से पहले समझना चाहता हूं, मैं घर छोड़कर आश्रम में भगवान से मिलने जाता हूं

मां को लगा बेटे को किसी ने कुछ बताया होगा, पिता को लगा उसने किसी संत की बात सुन ली होगी…पर प्रेमानंद महाराज के दिल का कनेक्शन भगवान से था…स्वामी प्रेमानंद महाराज ने घर छोड़ दिया, 10 की उम्र में मोक्ष की नगरी काशी में भगवान से मिलने की अभिलाषा लेकर पहुंच गए! महाराज खुद बताते हैं…

मैं वाराणसी में 4 बजे भोर ही गंगा में स्नान करता…फिर भिक्षा मांग कर प्रसाद ग्रहण करता, सत्संग में ध्यान लगाता, वाराणसी संतों की नगरी है, उनके साथ रहता…जिस दिन भिक्षा नहीं मिलती उस दिन गंगा जल ग्रहण कर ही भगवान का अनुसर करता…
कहते हैं इरादा अगर बड़ा हो तो हौसला भी चट्टानी होना चाहिए, भगवान को आना पड़ता है बस भक्त को बुलाने का तरीका पता होना चाहिए…और यही से कहानी शुरू होती है एक अज्ञानी बालक के महान संत बनने की कहानी की शुरूआत होती है!

वाराणसी में गंगा की गोद में सोए प्रेमानंद महाराज को एक दिन सपने में भोलेनाथ आते हैं, और कहते है तुम यहां क्या खोज रहे हो? तुम्हें भगवान से मिलना है तो वृंदावन जाओ..बाबा ने दूसरे ही दिन रास्ता नाप दिया और फिर वृंदावन पहुंचे तो ज़िंदगी दूसरा अध्याय लिखने को तैयार थी…वृंदावन में श्री द्वारकाधीश के दर्शन करते हुए प्रेमानंद महाराज फूट-फूट कर रोने लगे, मंदिर बाकी भक्तों ने देखा एक जवान बालक संत के रूप में भगवान को निहार कर रो रहा है?
सत्संग, राधा बल्लभ संप्रदाय से लगाव, भगवान में आस्था ने उनकी उम्र के साथ उन्हें एक वरदान दिया!
35 साल की उम्र में उनकी तबियत अचानक ख़राब हुई, बाकी आश्रमों में ख़बर पहुंची बाबा अब नहीं बचेंगे
डॉक्टरों ने रिपोर्ट देखी और कहा बाबा सिर्फ पांच साल बचे हैं, आपकी दोनों किडनी फेल है, मुश्किल ही है!
बाबा को लगा पांच साल है भगवान की पूजा करते-करते ही मौत मंजूर होगी, पर जो हुआ वो चमत्कार है!
पिछले 25 साल से महाराज दोनों ख़राब किडनी के साथ ज़िंदा हैं, तो वो क्यों है ये भी आपको समझाते हैं
कुछ दिन पहले ही विराट कोहली मिलने पहुंचे,और फिर गूगल पर सबने खोजा कौन हैं प्रेमानंद महाराज ?
फिर सुप्रीम कोर्ट के वकील, चाय सुट्टा बार के मालिक, गरीब, अमीर, राजा, प्रजा सब मिलने पहुंचने लगे
बाबा को न किसी का परिचय पता है, न किसी का इतिहास, कौन विराट है, कौन है आम इंसान? सब एक
दावा किया जाता है कि न वो चढ़ावा लेते हैं, न मदद लेते हैं, न किसी के प्रभाव में VIP मुलाकात करते हैं
वृंदावन में परिक्रमा के दौरान इन दो बच्चों का वीडियो वायरल हुआ

कुछ दिन पहले रात्रि में वृंदावन में परिक्रमा के दौरान इन दो बच्चों का वीडियो वायरल हुआ, दोनों बच्चे महाराज प्रेमानंद से प्रभावित है, उनके आश्रम के साथ जुड़े हैं, उनका ये वीडियो देखकर आप अंदाजा लगा सकते है, जो बच्चा 10 साल की उम्र में घर छोड़कर भगवान से मिलने पहुंचा था, वो आज कहां है? आज बच्चे उनसे मिलने के लिए रात में भजन करते हैं, क्योंकि स्वामी प्रेमानंद महाराज में कुछं तो ऐसी बात है जो आज के युग के बाबाओं में नहीं होती है!