सियासी पिता की मौत पर राजा भैया भी भावुक, मुलायम न होते तो राजा भैया न होते
कुंडा में कुंडी लगाने का बयान कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने दिया था पर राजा भैया जानते हैं अगर नेताजी न होते तो कुंडा में जो कुंडी मायावती ने लगाई थी उसका सिर्फ इतिहास लिखा जाता! कहते हैं बड़ा पेड़ जब गिरता है तो धरती हिल जाती है. मायावती राजा भैया को सूली पर लटकाना चाहती थी. तभी दीवार बनकर नेता जी ने राजा भैया को संभाल लिया था. राजा भैया के ख़ास कहते हैं जैसे ही मुलायम सिंह यादव की मौत की ख़बर लगी वैसे ही राजा भैया भावुक हो गए, प्रतापगढ़ के कुंडा की जनता पर मुलायम सिंह यादव का एहसान हमेशा रहेगा. राजनीतिक दबाव के बावजूद भी खुलकर नेताजी ने उस वक्त राजा भैया का साथ निभाया था जब दुनिया उनके बारे में कई झूठ कहानियां गढ़ रही थी. चुनाव का वक्त था. अखिलेश और राजा भैया में कुंडा में कुंडी लगाने को लेकर तना-तनी थी. तभी राजा भैया मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद लेने पहुंचे. घर की दहलीज पर ही चप्पल निकाल कर मुलायम के पास बैठने की इस तस्वीर ने सबको अचंभित कर दिया. राजा किस एहसान के नीचे दबे हैं वो क्या कहानी है सुनिए..

साल था 2002 का, UP में चुनाव हुए, मुलायम सिंह यादव की सपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन 98 सीट जीतकर मायावती ने BJP के साथ मिलकर सरकार बना ली. राजा भैया का बुरा वक्त यहीं से शुरू हुआ.

मुलायम के लिए अखिलेश से भुलाई दुश्मनी,नेताजी को सिर झुका कर दी अंतिम विदाई!
राजा भैया के घर तालाब की जांच शुरू हुई, तब बुलडोजर से तालाबा को खोदा गया, जांच की गई, पता लगाया गया कि क्या सच में यहां नर कंकाल मिलते हैं? क्या सच में इंसानों को मारकर राजा भैया मगरमच्छ को खिलाते हैं. ये कहानियां टीवी की TRP बनी. राजा भैया की पत्नी गर्भवती हुई और उसी वक्त एक बड़ा कांड हो गया. 2 नंबर रात करीब एक बजे कुंडा में घरों की कुंडी खोली गई, मायावती के आदेश पर रात को 4 बजे ही राजा भैया को आतंकवादियों वाली धारा लगाकर गिरफ्तार कर लिया. ये उस वक्त की बड़ी घटना थी. सुबह हुई तो मायावती सरकार पर आरोप लगे कि राजा की गिरफ्तारी चोर की तरह नहीं होनी चाहिए थी. राजा भैया की गिरफ्तारी के बाद नेताजी भगवान बनकर उनके लिए आने वाले थे, बीजेपी में पोटा लगाने का विरोध हुआ और विनय कटियार ने मायावती से इस्तीफा मांग लिया. जेल में बंद राजा भैया की साख़ दांव पर लगी थी, तालाब की अलग-अलग चर्चा चल रही थी. मायावती के 13 विधायकों ने मुलायम का साथ दिया बीजेपी ने भी मदद की औऱ मुलायम सिंह की सरकार बनी. उसके अगले तीस मिनट में राजा भैया की ज़िंदगी बदल गई.

बच्चों को पिता से मिलाया,मायावती की बेड़ियों को हटाया, इसलिए झुकते हैं राजा भैया
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के आधे घंटे के अंदर ही मुलायम सिंह यादव ने राजा भैया पर से पोटा के तहत सभी मुकदमे खारिज करने का आदेश दिए. बाद में मुलायम सिंह की सरकार में राजा भैया को खाद्य मंत्री भी बनाया गया. जब पोटा एक्ट के तहत राजा भैया 10 महीने तक जेल में बंद थे, उसी बीच उनकी पत्नी भानवी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. पोटा एक्ट हटने के बाद राजा भैया को जेल से लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया था. इसी बीच रास्ते में उन्होंने पहली बार अपने जुड़वां बेटों का मुंह देखा था.

मुलायम सिंह के इस एहसान का कर्ज राजा भैया कभी नहीं उतार पाए, इसलिए वो जब अखिलेश के ख़िलाफ़ मैदान में थे, दहलीज़ पर चप्पल उतार कर नेता जी का आशीर्वाद लेने गए थे. हालांकि ऐसे वक्त में ये कहानी इसलिए सुनाई ताकि आप समझ सकें किसी की ज़िंदगी किसी के लिए वरदान होती है. कहते हैं राजा भैया UP के एक ऐसे विधायक थे जो कभी भी किसी भी वक्त मुलायम सिंह से मिल लेते थे, मुलायम राजा भैया को इतना ज्यादा मानते थे कि इस बात का भरोसा आपको आज नहीं होगा. सियासी लड़ाई में मुलायम सिंह को ये पता था कि राजा जिधर उधर 20 विधायकों का फर्क दिखेगा. और राजा को पता था जो मायावती का विरोधी होगा वो हमारा नेता होगा. और यहीं नेताजी राजा भैया के सियासती पिता बन गए, जिनके जाने के बाद सैफई की तरह कुंडा की जनता भी रोई है