रतन टाटा की देशभक्ति से तो आप वाकिफ ही हैं, लेकिन कम ही लोग ये जानते हैं कि जिस रेंज रोवर कार से पीएम मोदी चलते हैं उसे रतन टाटा ने बदला लेने के लिए खरीदा था. ये इकलौती भारतीय कार है जिससे पीएम मोदी चलते हैं. इसके अलावा उनके काफिले में जो कारें हैं वो भारत की नहीं हैं. रतन टाटा ने लैंड रोवर कंपनी को 2008 में खरीदा था, इसे खरीदने के पीछे की कहानी बड़ी रोचक है. तब अमेरिका के बिजनेसमैन ने रतन टाटा को कमरे में बिठाकर ऐसी बात कह दी थी कि, वो गुस्सा होकर अपनी टीम को लेकर तुरंत बाहर निकल आये थे. वहां रतन टाटा अपनी एक कार कंपनी बेचने का सौदा करने गए थे. इसकी पूरी कहानी बताएंगे लेकिन पहले सुनिए कैसे भारतीय कार प्रधानमंत्री के काफिले में शामिल हुई..

प्रधानमंत्री के लिए बनी ऐसी गाड़ी, जिस पर ना बम का असर होता है
जब पीएम मोदी 2014 में सत्ता में आये तो उन्होंने भारतीय कंपनी की कार अपने काफिले में शामिल करने की इच्छा जताई. क्योंकि अमेरिका से लेकर रूस तक के प्रमुख अपने देशों में बनी कारों से चलते हैं. लेकिन इसमें दिक्कत ये थी कि पीएम के काफिले में कौन सी कार रहेगी इसका फैसला उनकी सुरक्षा टीम लेती है. क्योंकि कौनसी कार ज्यादा सुरक्षित होगी ये जरूरी होता है. जब ये बात रतन टाटा के कानों में पहुंची तो उन्होंने पीएम मोदी के लिए स्पेशल कार तैयार करवाई. जिस पर ना गोली का कोई असर होता है और ना ही बम का असर होगा. उस कार के अंदर फुट मसाजर भी है ताकि बैठने वाले को थकान ना हो.

रतन टाटा को कार कंपनी मालिक ने किया था बेइज्जत
पीएम मोदी के काफिले में मर्सिडीज-मेबैक S650 गार्ड, रेंज रोवर वोग और टोयोटा लैंड क्रूजर हैं. जिनमें बारी-बारी से पीएम मोदी सफर करते हैं. किसी को ये पता नहीं होता है कि प्रधानमंत्री किस दिन किस कार में सफर करने वाले हैं.
अब सुनिए वो किस्सा जब रतन टाटा ने रेंज रोवर और जैगुआर को खरीदा था. दरअसल 1999 की बात है, उस दौर में टाटा मोटर्स घाटे में चल रही थी. टाटा ने इंडिका हैचबैक को अपने टॉप मॉडल के रूप में उतारा था लेकिन उसे ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई. तो टाटा ने अपनी कंपनी की पैसेंजर व्हीकल विंग को बेचने का फैसला किया. वो अमेरिका में फोर्ड कंपनी के उस वक्त के चैयरमेन बिल फोर्ड से मिले. लेकिन उन्होंने रतन टाटा से कुछ ऐसा कहा, जिससे हमेशा शांत रहने वाले रतन टाटा गुस्से से लाल हो गए.
बिल फोर्ड ने कहा था कि,

जब आप पैसेंजर व्हीकल के बारे में कुछ नहीं जानते तो इस बिजनेस में एंट्री क्यों की. हम ये कंपनी खरीदकर आप पर एहसान कर रहे हैं. ये बात रतन टाटा को बेहद नागवार गुजरी. वो मीटिंग छोड़कर बाहर आ गए. और कुछ नहीं बोले. फ्लाइट पकड़ी और अपनी टीम से कहा कि, हम ये कंपनी नहीं बेचेंगे. आज टाटा की कारें भारत की हर सड़क पर दौड़ रही हैं.
लेकिन टाटा अपनी बेइज्जती नहीं भूले और 9 साल बाद 2008 में उसी फोर्ड कंपनी से रतन टाटा ने लैंड रोवर और जगुआर को खरीद लिया. कभी रतन टाटा के साथ बदतमीजी करने वाले फोर्ड जब भारत में मीटिंग के लिए आये तो बिल फोर्ड ने कहा कि मिस्टर टाटा जगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदकर फोर्ड पर बड़ा अहसान कर रहे हैं.

आज पीएम मोदी उसी लैंड रोवर से चलते हैं. इसके अलावा पीएम मोदी के लिए हाल ही में मर्सडीज-मेबैक एस650 गार्ड खरीदी गई है. जिस पर एके-47 की गोलियों का भी कोई असर नहीं होता. इसके टायर अगर फट भी जायें तब भी दौड़ सकती है. इस कार की खिड़कियों पर पॉलीकार्बोनेट की परत होती है. इससे सुरक्षा की एक और लेयर मिलती है. जिससे गैस हमले की स्थिति में केबिन में हवा की आपूर्ति अलग से की जा सकती है.
पीएम मोदी का देसी कारों से प्यार पुराना है. वो मेक इन इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में लगे हैं. जब पीएम मोदी गुजरात के सीएम हुआ करते थे. तब महिंद्रा की बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो से चलते थे. जब से नरेंद्र मोदी पीएम बने हैं तब से उनकी सुरक्षा के हिसाब से समय-समय पर कारों को अपग्रेड किया जाता है.