रतन टाटा की सबसे बड़ी डील फ्रांस की एयरबस, और अमेरिका की बोइंग विमान.
कहते हैं कुछ लोग धरती पर ऐसे होते हैं जो मिट्टी को छू ले तो सोना बन जाता है! आज दुनिया भर के देश रतन टाटा से मिलना चाहते हैं, दुनिया भर में जो विमान हवा में उड़ते हैं, उनमें दो कंपनियों के विमान सबसे ज्यादा हैं. फ्रांस की एयरबस, और अमेरिका की बोइंग विमान. दोनों कंपनियों के साथ सिर्फ कुछ घण्टों में एक महाडील हो गई. उसकी 16 आने सच कहानी क्या है, हम विस्तार से सुनाते है. अगर आपको देश और रतन टाटा से प्रेम है तो ये स्टोरी ज़रूर शेयर करिएगा.

भारत का कोई प्रधानमंत्री AIR इंडिया को कभी फायदे में नहीं ला पाया, यहां तक की कंपनी बंद होने वाली थी, 2006 के बाद कोई विमान नहीं खरीदा गया, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रम्हास्त्र का प्रयोग किया और कंपनी टाटा के हवाले कर बड़ा कदम उठाया, यहां से शुरू होती है, मिट्टी के सोना बनने की कहानी. 27 जनवरी 2022 (डेट का GFX स्क्रिन पर लीजिए) को डील हुई, सिर्फ 400 दिन के भीतर टाटा ग्रुप ने 470 विमानों की डील कर सबको हैरानी में डाल दिया.
- अमेरिका की बोइंग और यूरोप की एयर बस कंपनी के साथ करीब 80 अरब डॉलर की डील हुई!
- ताइवान के साथ चिप बनाने की डील भारत ने की है, पर टाटा की डील उससे पांच गुना बड़ी है
- यूरोप की कंपनी एयर बस के विमान भारत में ज्यादा चलते हैं,दूसरे नंबर पर हैं अमेरिकी बोइंग
- टाटा ग्रुप ने एयरबस को 250 और बोइंग को 220 नए एयरक्राफ्ट की सप्लाई का ऑर्डर दिया है.
- अभी तक भारत में कुल 478 फांस के एयरबस विमान हैं,जबकि अमेरिकी बोइंग के 135 विमान
अब समझना होगा इस डील के बाद क्या बदल जाएगा, भारत को कितना फायदा होगा, और भारत कुछ सालों बाद कहां होगा? रतन टाटा ने जीवन भर की पूंजी दांव पर लगाई है उससे आम इंसान को क्या मिलने वाला है हम समझाते हैं. साल 2005 में एयर इंडिया ने 111 विमान खरीदे थे, पर वो फैसला ग़लत साबित हुआ, कंपनी को भयानक घाटा हुआ. और कुछ सालों में कंपनी 12 हज़ार करोड़ के घाटे में चली गई, मनमोहन सिंह की सरकार जब गई तब एयर इंडिया पर 14 हज़ार 500 करोड़ का घाटा था. इसलिए मोदी जब सत्ता में आए तो उन्होंने सबसे पहले एयर इंडिया के लिए टाटा को चुना और वहां से कहानी बदल गई.

- इधऱ मोदी सरकार धड़ाधड़ एयरपोर्ट बनवा रही है, उधर पांच सौ विमान की डील का कनेक्शन क्या हो सकता है!
- जिस वक्त देश ट्रेनों को बढ़ाने की मांग कर रहा था, उस वक्त मोदी हवाई सफर के सपने को हकीक़त कर रहे थे !
- डील होने से पहले मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से बात की, रतन टाटा ने डील पर अपनी मुहर लगाई
टाटा और मोदी के इस काम से अब लाखों लोगों का विमान में घूमने का सपना होगा पूरा
अब आप कल्पना कीजिए, भारत में सिर्फ 4 प्रतिशत लोग ही विमान से सफर करते हैं, पर ये संख्या अभी बढ़ने वाली है, जैसे आपके ज़िले के आस-पास जो एयरपोर्ट बन रहा है, ये उसी कहानी का एक सपना है. यहां एयर इंडिया को बचाने के लिए मोदी का फैसला मायने रखता है, क्योंकि न वो टाटा को देते न आज ये तस्वीर होती. यहां दिलचस्प किस्सा ये है कि रतन टाटा हमेशा घाटे में रहने वाली कंपनी को प्रॉफिट में लाकर दिखाते हैं, साल 2017 की बात है, मोदी सरकार ने फैसला किया एयर इंडिया को बेचेंगे.

- सरकार तब 76 प्रतिशत शेयर बेच रही थी, कोई खरीददार सामने नहीं है, एयर इंडिया बिकी ही नहीं
- तब जनवरी 2021 में 100 प्रतिशत शेयर को बेचने का फैसला हुआ,अडानी और टाटा ने बोली लगाई
साल 2008 में दुनिया में एक भयानक मंदी आई, उस मंदी की चपेट में रतन टाटा का अपमान करने वाली कंपनी फोर्ड भी आ गई…
जून 2008 में टाटा ने फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में खरीद दिया. कहा जाता है कि फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड ने टाटा को धन्यवाद देते हुए कहा था कि आप इन्हें खरीदकर हम पर एक बड़ा उपकार कर रहे हैं. इसके बाद टाटा ने जेएलआर की बिजनेस को प्रॉफिट में बदल दिया.

यहां डील बेशक ने रतन टाटा ने की है, पर भारत को इसका बड़ा फायदा मिलेगा, फ्रांस ने पाकिस्तान को पहले ही कहा था हम आपको राफेल नहीं दे सकते हैं, इस वक्त दुनिया में ताकते टकरा रही हैं, ऐसे में अमेरिका को पता है, अगर चीन से बचना है तो भारत और रतन टाटा जैसे महान लोगों का सहारा लेते रहना होगा .यहां भारत की कूटनीति, राजनीति और विदेशनीति की एक बड़ी जीत है…हम गर्व से कहते हैं, हमारे यहां 100 रतन टाटा पैदा हो जाए तो हम सच में विश्व गुरू बन जाएंगे…