ये तस्वीर देखिए, कैसे विधायकजी थाने की चौखट पर बैठे हैं और दारोगा साहब उनके ईर्द-गिर्द घूम-घूमकर उनकी हेकड़ी निकाल रहे हैं, जैसे सिंघम में अजय देवगन ने सिकरे के साथ किया, कुछ ऐसी ही दारोगा हेमंत नायक ने माननीय विधायक के साथ किया. मध्य प्रदेश के लवकुश नगर थाने से आया 45 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, आप भी पहले वो वीडियो देखिए फिर पूरी कहानी तफसील से सुनाते हैं और फिर आप कमेंट कर बताइए कि गलती किसकी है.

बीजेपी विधायक- ये देखिए, कैसी बात कर रहे हैं वो भी एक विधायक से
थाना प्रभारी- हां बनाइए वीडियो, विधायक से बात नहीं करें, जबरन झूठे मुकदमे दर्ज करवा रहे हैं आप
बीजेपी विधायक- चिल्लाइए नहीं, मेरे ऊपर
थाना प्रभारी- क्यों न चिल्लाए, झूठा मुकदमा करवाएंगे
बीजेपी विधायक- आप चिल्ला नहीं सकते हैं
थाना प्रभारी- आप आऱाम से बात करिए
बीजेपी विधायक- मैं बैठा हूं, बस
थाना प्रभारी- आप बैठिए न, झूठा मुकदमा कायम कराने आ गए, बताइए किसको कहां चोट लगी है, साहब से बात करिए साहब लाइन पर हैं
बीजेपी विधायक- आप बात करिए
थाना प्रभारी- झूठा मुकदमा नहीं करेंगे
बीजेपी विधायक- न करो
थाना प्रभारी- जबरदस्ती बैठोगे यहां थाने पर, मतलब झूठा मुकदमा करवाओगे?
बीजेपी विधायक- मैं नहीं करा रहा हूं, आप झूठा मुकदमा किए हैं अभी
थाना प्रभारी- हम नहीं कर रहे, आप कर रहे झूठा मुकदमा
बीजेपी विधायक- आप उल्टी-सीधी बकवास नहीं कर सकते
थाना प्रभारी- ए…बकवास, वकवास की बात नहीं करना मुझे, बता दिया मैंने उल्टे-सीधे शब्द का प्रयोग करोगे, दिक्कत खड़ी हो जाएगी
पूरे वीडियो में दारोगाजी का पारा हाई था, वो अपने सीनियर अफसर को फोन पर रखकर विधायक को हड़का रहे थे, जब मामला शांत नहीं हुआ तो आखिर में एसपी साहब को भागकर थाने पहुंचना पड़ा, जहां सुलह हुआ और अकड़ू दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि पूरी कहानी कुछ इस तरह है.
बीजेपी इन दिनों मध्य प्रदेश में विकास यात्रा निकाल रही है, मंत्री, सांसद, विधायक सब उसमें व्यस्त हैं, एक विधायक जी तो गले में सांप लपेटे और बिन बजाते घूम रहे हैं, राजेश प्रजापति भी उसी में लगे थे, तभी एक मूक-बधिर महिला के साथ कुछ लोग आए और कहा इसके साथ छेड़छाड़ हुई है रिपोर्ट लिखवानी है, जब थानेदार ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो विधायकजी गए, और आखिर में 5 घंटे के ड्रामे के बाद रपट लिखी गई.
इस पूरे वीडियो में सिर्फ मारपीट की बात होती है, लेकिन जब एफआईआर हुई तो पता चला तीन लोगों ने मिलकर एक आदमी को पीटा, तो पीड़ित ने थाने पहुंचकर शिकायत दी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वो तीनों लोग एक महिला के साथ थाने आए और कहा इसने छेड़खानी की तब पीटा है, आप इसे जेल में डालो, मतलब दो तरह की थ्योरी घूम रही है, जिसकी सच्चाई जांच के बाद पता चलेगी, पर सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि
आप विधायक क्यों चुनते हैं, ताकि आपके इलाके का विकास हो सके, राजेश प्रजापति ने इससे पहले डीएम आवास पर भी धरना दिया था, और तब कहा कि मैं दलित हूं इसलिए कोई मेरी नहीं सुनता.
अब दलित कार्ड खेलकर अगर नेताजी चुनाव जीत गए, तो क्या सब दिन वही कार्ड खेलेंगे, अगर दारोगा बदतमीजी कर रहा था, तो इन्हें एसपी के पास जाना चाहिए था, आखिर थाने में बैठकर खुद की बेइज्जती क्यों करवा रहे थे, अगर दारोगा का टोन अच्छा नहीं लगा तो विधायक का तरीका भी ठीक नहीं लगा, आप इलाके के विधायक हैं और इस तरह एक थाने में मजबूर होकर बैठेंगे तो फिर जनता की परेशानी कैसे दूर करेंगे.