रेणुका चौधरी पीएम मोदी ने संसद में मुझे शूर्पणखा कहा मानहानि का केस करूंगी
4 दिन पहले ममता बनर्जी ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा बीजेपी राहुल गांधी को हीरो बनाने की कोशिश कर रही है, ये बयान भले ही कांग्रेस को चुभा, लेकिन 4 दिन बाद राहुल पर जो कार्रवाई हुई, उससे कई राजनीतिक पंडित यही कयास लगा रहे हैं, ये लेटर देखिए, इसमें लिखा है कि केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द की जाती है, उधर लोकसभा से ये लेटर जारी हुआ और इधर कांग्रेस ये प्लान बनाने लगी कि चुनाव में इसे कैसे भुनाना है, हम कांग्रेस का कश्मीर टू कन्याकुमारी वाला प्लान बताएं उससे पहले कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी का प्लान सुनिए. रेणुका चौधरी ट्वीट कर लिखती हैं.

5 साल पहले पीएम मोदी ने संसद में मुझे शूर्पणखा कहा, अब मैं इस मामले को अदालत में ले जाऊंगी और मानहानि का केस करूंगी, फिर देखती हूं अदालत कितनी जल्दी फैसला सुनाती है.
Renuka Chowdhury tweet

पर रेणुका चौधरी शायद ये भूल गईं कि आर्टिकल 122 के तहत संसद की कार्यवाही को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, अगर अदालत में केस गया भी तो मोदी वीडियो में रेणुका चौधरी का नाम नहीं ले रहे हैं, इसलिए शायद ही कोई सजा हो, मतलब मोदी की संसद सदस्यता पर किसी तरह का कोई सवाल नहीं है, हिंदुस्तान के इतिहास में अब तक 5 बार ऐसा हुआ है जब किसी सांसद की सदस्यता छीनी गई हो,

साल 1977 में तो मोरारजी देसाई इंदिरा गांधी के खिलाफ संसद सदस्यता छीनने का प्रस्ताव लेकर पहुंच गए थे, जिस पर एक हफ्ते बहस चली, विशेषाधिकार समिति ने जांच की, उसके बाद इंदिरा की सांसदी छीन गई थी, और उसके बाद इंदिरा ने ऐसा सियासी कमबैक किया कि उसे देखकर बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित भी हैरान रह गए. अब कांग्रेस का प्लान भी कुछ ऐसा ही है.
- राहुल गांधी दूसरे चऱण की भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने का प्लान बना रहे हैं
- कश्मीर से कन्याकुमारी तक कांग्रेस ये बताएगी राहुल के साथ गलत हुआ है
- दो साल पहले का बयान, उसमें सजा और फिर तुरंत सांसदी जाने पर सवाल है
- ये प्रचार होगा कि मोदीराज में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है
- पर जो वोटर्स राहुल के इस बयान से नाराज होंगे उन्हें समझाना मुश्किल होगा

आम आदमी पार्टी अभी से ये सवाल उठा रही है कि सीबीआई और ईडी केन्द्र के इशारे पर काम कर रही है, राघव चड्ढा ने 14 पार्टियों के समर्थन वाला पत्र संसद में दिया है, पर उसमें नीतीश और ममता की पार्टी शामिल नहीं है, अब राहुल भी जुगलबंदी बनाएंगे तो ममता और नीतीश शायद उससे दूर रहे. हालांकि सियासत में कब कौन किसके साथ आ जाए और किससे दूर चला जाए ये कहना मुश्किल है, सारा खेल वक्त का है, राहुल गांधी का वक्त अभी ऐसा है कि उनके ऊपर एक के बाद एक संकट ही आ रहे हैं, 2024 चुनाव में कांग्रेस का क्या होगा ये तो बाद की बात है, सबसे बड़ा सवाल यही है कि खुद राहुल अगला चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं.