वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के सामने टीम इंडिया को आखिर क्या हो जाता है, पहले रोहित की टीम हारी, फिर अब हरमनप्रीत कौर की टीम का भी विजय रथ इंग्लैंड ने रोक दिया. पर ये हार इसलिए ज्यादा नहीं चुभेगी क्योंकि इस मैच में छोरियों ने सरेंडर नहीं किया, आखिरी ओवर तक ऋचा घोष ने अकेले लड़ाई लड़ी, 34 गेंदों में शानदार 47 रनों की पारी खेली. आखिरी ओवर का रोमांच सुनेंगे तो आपको भी लगेगा कि ऋचा घोष ने क्या शानदार खेल दिखाया है.
आखिरी ओवर में टीम इंडिया को 31 रन की जरूरत थी. पहली और दूसरी गेंद पर ऋचा घोष ने शानदार चौका जड़ा, तभी दूसरी गेंद को अंपायर ने नो बॉल करार दे दिया, अब पांच गेंद में 22 रन की जरूरत थी, लेकिन अगली गेंद पर ऋचा को सिर्फ एक रन मिले, फिर पूजा वस्त्राकर स्ट्राइक पर आईं और एक रन लिया, अब टीम इंडिया के हाथ से मैच लगभग निकल चुका था, क्योंकि 3 गेंद में 20 रन बनाने थे, तभी अगली गेंद पर ऋचा ने छक्का जड़कर उम्मीद बढ़ाई, पर पांचवीं गेंद पर सिर्फ दो रन और छठी गेंद पर एक भी रन नहीं मिले, अफसोस भारत के हाथ से ये मैच निकल गया. हार का गम कप्तान हरमनप्रीत के चेहरे पर साफ दिख रही थी, जो हार के तुरंत बाद पानी पीती दिखीं, जब शैफाली समेत कई खिलाड़ी उदास थे.
हालांकि हार के बाद भी भारतीय महिला टीम का तारीफ हो रही हैं, क्योंकि बीते साल नवंबर के महीने में वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में रोहित की टीम इंग्लैंड से 10 विकेट से हार गई थी, जबकि यहां तो हिंदुस्तान की छोरियों ने गोरी लड़कियों को कड़ी टक्कर दी. पर सवाल ये उठता है कि इंडिया के अंदर अगर इंग्लैंड का ऐसा ही खौफ रहेगा तो फिर वर्ल्ड कप हम जीतेंगे कैसे.

वर्ल्ड कप के 6 मुकाबलों में भारतीय महिला टीम इंग्लैंड से एक भी मैच नहीं जीत पाई है, इस बार पहले पाकिस्तान और फिर वेस्टइंडीज को हराकर जोश हाई था, रेणुका ठाकुर ने हर ओवर में विकेट चटकाए, पहले तीन ओवर में तीन और फिर 20वें ओवर में दो विकेट लिए, लेकिन बाकी गेंदबाजों ने इतने रन लुटा दिए कि इंग्लैंड की टीम 151 पर पहुंच गई.

इसका पीछा करने उतरीं स्मृति मंधाना ने 52 रनों की पारी जरूर खेली, पर रनिंग बिटविन विकेट इतना खराब रहा कि दीप्ति शर्मा को सस्ते में ही पवेलियन लौटना पड़ा. कप्तान हरमनप्रीत कौर तो इस मैच में सिर्फ 4 ही रन बना सकीं, जिसके बाद ट्विटर पर ट्रेंड होने लगा कि हरमनप्रीत की कप्तानी में अब वो बात नहीं रही. इस मैच में शैफाली ने 8 तो जेमिमा ने सिर्फ 13 रन बनाए. अब 20 फरवरी को महिला टीम का मैच आयरलैंड से होना है, अगर वो जीते तभी सेमीफाइनल की टिकट मिलेगी, पर सेमीफाइनल में अगर ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत हुई तो भी टीम इंडिया की हालत खराब हो सकती है, क्योंकि आंकड़े कहते हैं महिला टीम पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी भारी पड़ते हैं, ऐसे में अगर महिला टीम को ये वर्ल्ड कप जीतना है, तो उसे तीन बड़ी बातों पर ध्यान देना होगा.
पहला- मिस फील्डिंग और दौड़कर रन लेने की रणनीति में सुधार लाना होगा, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ हार में ये बड़ी वजह रही
दूसरा- हरमनप्रीत कौर को कप्तानी पारी खेलनी होगी, मंधाना और जेमिमा को ये सोचना होगा कि टीम को मजबूत शुरुआत दिलाएं
तीसरा- कोच और सपोर्ट स्टाफ की बातों को गौर से सुनकर ये रणनीति बनानी होगी कि किस खिलाड़ी की कमजोरी क्या है, उस पर कैसे सटीक अटैक किया जाए.

चूंकि हर टीम में एक वीडियो एनालिस्ट होते हैं, जिनकी ये ड्यूटी होती है कि वो विरोधी टीम के हर खिलाड़ी की कमजोरी देखकर बताए तो और हर टीम ऐसे ही तैयारी करती है, हार-जीत मैच का हिस्सा हो सकता है, पर जब आप अपनी गलतियों से हारे तो फिर उसे सुधारना जरूरी है, वरना वर्ल्ड कप का ख्वाब सिर्फ ख्वाब ही रह जाएगा. फिलहाल देश को उम्मीद यही है कि बेटियां भले ही इंग्लैंड से हारी हैं, पर आयरलैंड को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचेंगी और फिर वर्ल्ड कप जीतकर घर लौटेंगी.