रिंकू सिंह ने लगातार पांच छक्के जड़कर मैच जिताया तो रातोंरात स्टार बन गए. मैच खत्म होते ही रिंकू श्रेयस अय्यर का वीडियो कॉल आया और उन्होंने नारा लगाया, रिंकू भैया जिंदाबाद और उसके बाद पूरे बॉलीवुड में यही नारा गूंज रहा था. लेकिन दो खबरें ऐसी हैं जो रिंकू सिंह और उनके फैंस को बेहद खुश कर देगी. किसी जमाने में छोटे से घर मे रहने वाले और घर-घर जाकर पोछा लगाने वाले रिंकू सिंह की कहानी ऐसी है जो किसी के लिए भी प्रेरणादायक हो सकती है. रिंकू सिंह के पीछे अब हीरोइन भी आने लगी हैं. एक हीरोइन ने सोशल मीडिया पर खुलकर अपने दिल की बात का इजहार किया है. शाहरुख की बेटी सुहाना ने भी रिंकू के लिए प्यार लुटाया है और बेटे आर्यन ने अपनी टीम के नए हीरो को बीस्ट कहा है. सोशल मीडिया पर मांग उठने लगी है कि रिंकू को टीम इंडिया की टी20 जर्सी अब दे ही देनी चाहिए. पांच छक्के जड़ने के बाद रिंकू के पिता ने भी कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है, हालांकि वो शुरू में क्रिकेट को सपोर्ट नहीं करते थे और रिंकू को पढ़ने के लिए कहते थे. बेटे की कामयाबी के बाद भी वो सादगी से जीवन जीते हैं.

आर्यन खान और अर्जुन रामपाल ने भी जताई हैरानी
बेहद गरीब परिवार से आने वाले रिंकू सिंह के लिए ये किसी सपने से कम नहीं है. खबर है कि शाहरुख खान उन्हें लग्जरी कार गिफ्ट करने वाले हैं. रिंकू सिंह को सुहाना खान ने अनरियल कहा. रणवीर सिंह ने लिखा, रिंकू!!!रिंकू!!!रिंकू!!!…ये क्या था? अर्जुन रामपाल ने लिखा- अद्भुत, अनन्या पांडे ने रिंकू सिंह को स्पेशल बधाई दी.ये तस्वीर देखिए,,,ये रिंकू सिंह का घर है. देखकर आप उनके स्ट्रगल का अंदाजा लगा सकते हैं.
नौवीं फेल रिंकू के घर की तस्वीरे
दूसरी तस्वीर में उसी घर में उनकी मां साथ में खड़ी हैं. हालांकि अब किस्मत बदल गई है और रिंकू ने नया घर बनवा लिया है.

रिंकू को जब पहली बार 10 लाख के बेस प्राइस पर केकेआर ने खरीदा था. तब उस पैसे से उन्होंने पिता का कर्ज चुकाया था. दूसरी बार जब केकेआर ने 80 लाख में खरीदा तो उन्होंने पिता के लिए कार खरीदी. और घर बनवाया. रिंकू कहते हैं कि उनके पिता क्रिकेट नहीं खेलने देते थे और खेलने पर काफी पीटते थे लेकिन मां हमेशा सपोर्ट करती थी. जब पहली बार वो कानपुर ट्रायल के लिए गए थे. तो मां ने पड़ोसी से एक हजार रुपये उधार लेकर दिये थे.
एक वक्त ऐसा आया जब 2010 में आर्थिक तंगी ने रिंकू सिंह को ऐसा घेरा कि उन्हें हाथ में पोछा पकड़ना पड़ा. तब रिंकू सिंह नौवीं फेल हो गए थे. जिस अमीर आदमी ने काम मांगने पर रिंकू के हाथ में झाड़ू-पोछा थमाया था उससे बदला लेने की बात कहकर रिंकू सिंह वापस आ गए.
अलीगढ़ के इस लड़के ने फिर मां से कहा कि वो क्रिकेट खेलना चाहते हैं. लेकिन पिता नहीं मान रहे थे फिर उन्होंने एक मैच में बाइक जीत ली और सब बदल गया. पिता को लगा कि बेटा इससे कुछ कमा सकता है. उसके बाद की कहानी आज केकेआर तक आ पहुंची है और कौन जानता है कि कल ये कहानी टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में सुनाई जाये.
रिंकू सिंह अलीगढ़ से आईपीएल खेलने वाले पहले खिलाड़ी हैं. रिंकू सिंह की हर तस्वीर में एक कहानी छिपी है. संघर्ष छिपा है और छिपा है उनका जुनून जो कहता है, रुकना नहीं है, झुकना नहीं है.
रिंकू ने यही बात गांठ बांधी ली थी और पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर के रिंकू ने सोच लिया था कि क्रिकेट ही उनकी जिंदगी बदल सकता है. पिता भी अब खुश रहते हैं. परिवार भी खुश है और सबसे ज्यादा खुश हैं उनकी मां. जिसने अपने बेटे के सपनों को पंख दिये.