इधर ऋषभ पंत का भयानक एक्सिडेंट हुआ उधर भारत से लेकर जर्मनी की सरकार तक हिल गई, जर्मन कंपनी मर्सिडीज़ की कार का ऐसा कबाड़ा 6 महीने में भारत दूसरी बार देख रहा है, करोड़ों के दाम पर ये गाड़ी माचिस की तिल्ली से भी कमज़ोर है

ऋषभ पंत इसी गाड़ी में बैठे थे, मर्सिडीज़ की कार सबसे सुरक्षित मानी जाती है, सुरक्षा के नाम पर ही टाटा की गाड़ियों से भी कमज़ोर मर्सिडीज़ कार इंडिया में करोड़ों में बिकती है, साल 2017 में ऋषभ पंत ने IPL की कमाई से एक मर्सिडीज़ कार खरीदी थी…उसके बाद न जाने कितनी गाड़ी खरीदी पर एक गाड़ी ऐसी खरीदी जिममें उनकी मौत लिखी थी, वो तो भगवान ने बचा लिया नहीं तो मर्सिडीज वालों ने कोई कमी नहीं छोड़ी थी…हमारे देश में टाटा और महिंद्रा की कार इन विदेशी कंपनियों की कारों से ज्यादा सुरक्षित होती है पर कहते हैं ना घर की मुर्गी दाल बराबर मानी जाती है

जिस गाड़ी को पंत चला रहे थे उस गाड़ी का नाम है मर्सिडीज़ GLE 43 AMG कूपे, इसकी कीमत करीब दो करोड़ है…जर्मनी कंपनी का दावा होता है कि कार इतनी सुरक्षित होती है कि यमराज भी धोखा खा जाएंगे…पर आज पूरी दुनिया ने मर्सिडीज जैसी कंपनी की महंगी कार को माचिस की तिल्ली की तरह जलते देखा तो कई सवाल खड़े हो गए
वो सवाल जिसका जवाब रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी से लेकर BCCI के अधिकारी तक तलाश रहे होंगे, ये कार सिर्फ ऋषभ पंत के पास नहीं है बल्कि लगभग हर अमीर या VIP आदमी के पास ये कार होती है, यहां तक कि पीएम मोदी के काफिले में भी मर्सिडीज़ शामिल है, सलमान शाहरूख सब इसी कंपनी पर भरोसा करते हैं पर जो सोच है अब वो सुनिए
मर्सिडीज़ कार में 9 स्पीड ऑटोमैटिक गियर बॉक्स वाली कार की स्पीड तूफानी होती है, यहां तक कि ये सिर्फ 6 सेकेंड में ही 100 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से भागती है…
ये कार 250 किलोमीटर प्रति घण्टे तक की स्पीड पर चलती है, लेकिन दावा किया जाता है कि उस स्पीड में भी इंसान की मौत नहीं होगी, पर कार माचिस की डिब्बी की तरह जल जाएगी
कंपनी का दावा है कि कार में सात हाई सिक्योरिटी एयरबैग है, जो किसी भी कंपनी की कार से बेहतर सुरक्षा देती है पर इसी कार में उद्योगपति साइरस मिस्त्री की मौत हो गई
2019 में लॉन्च हुई मर्सिडीज GLE 43 को यूरो NCAP ने हाईएस्ट 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है। यूरो NCAP के अनुसार कार को एडल्ट व्यक्ति के लिए 91% और बच्चों के लिए 90% सेफ्टी रेटिंग मिली है…
इस कार में सेफ्टी के लिए 7 एयरबैग, सीट बेल्ट वॉर्निंग, ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, अडैप्टिव ब्रेक लाइट्स, टायर-प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और मर्सिडीज का प्री-सेफ ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन सिस्टम दिया गया है…पर पर कंपनी अपने दावे में फेल हो गई

यहां दो तस्वीर देखिए, पहली है पंत के कार की तस्वीर, दूसरी है साइरस मिस्त्री के कार की तस्वीर, हिन्दुस्तान में कहते हैं जाको राखे साईंया मार सके न कोई, साइरस मिस्त्री और पंत एक ही कंपनी की कार मर्सिडिज़ में बैठे थे…पंत की कार की हालत देखिए, ये देखकर कोई भी कह सकता है गाड़ी की हालत खराब हो गई पर पंत बच गए यानि कार में दम था…पर साइरस मिस्त्री की गाड़ी की तस्वीर देखिए,

देखकर लगता है हल्का एक्सिडेंट था पर मिस्त्री की मौत हो गई…तो फिर सवाल उठता है मर्सिडीज कार के सुरक्षित एयरबैग कहां था? कार का ऑटोमेशन कहां था ? कार महंगी होने के बाद भी आनंद महिंद्रा की XUV 700 की तरह ऑटो स्पीड कंट्रोल सिस्टम क्या कहां था ? यानि जो विदेशी कंपनियां भारत में करोड़ों का कार बेचकर भौकाल बना रही है दरअसल उनकी हालत मारूति 800 से कम नहीं है, पंत की गाड़ी का जलना साफ बताता है कार कंपनी से सवाल पूछा जाना चाहिए, क्योंकि अगर पेट्रोल टैंक फट गया तो फिर ऐसा टैंक लगाया ही क्यों गया जो फट गया? जैसे सेना की गाड़ियों के लिए एक अलग तरह के लोहे का प्रयोग कर टैंक बनाया जाता है वो ऐसे हालात में फटता नहीं है…5 सितंबर 2022 को यमुना एक्सप्रेस वे पर एक BMW कार का टायर फटने से भयानक हादसा हुआ था, जिन लोगों ने हादसा देखा था उनका दावा था कि कार हवा में उड़ गई थी, यानि ये विदेशी कंपनियां दावा तो करती है कि एक लाख की स्पीड से चलो हवाई जहाज से तेज चलो सुरक्षा हम देंगे पर सड़क पर इनका दावा फिसड्डी साबित होता है…