रोहित शर्मा जब भावुक थे, देश गुस्से में था, लेकिन हंस रहे थे अर्शदीप!
अंग्रेजी अखबार से खुद बोले अर्शदीप,हार के बाद मुझे आ रही थी हंसी
अर्शदीप से तुरंत गांगुली ने बात की, विराट और रोहित ने दिल जीता

23 साल के अर्शदीप को क्या पाकिस्तान से हार का जरा भी अफसोस नहीं है, जब आप ट्विटर पर उन्हें ट्रोल कर रहे थे, पाकिस्तान की साजिश का जब वो शिकार बन रहे थे तब अर्शदीप कमरे में बैठकर ठहाके लगा रहे थे, इस बात का खुलासा भी खुद अर्शदीप ने किया है. जब अर्शदीप मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में आए तो फील्ड पर आंखें दिखाने वाले रोहित ने प्यार से समझाया, फिर विराट कोहली ने अर्शदीप को गले लगाकर सांत्वना दी कि दिल छोटा मत करो, ऐसी गलतियों से सीखना चाहिए. विराट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी अर्शदीप का बचाव किया था और कहा था ऐसी गलती किसी से भी हो सकती है. ड्रेसिंग रूम में जब सब अर्शदीप को समझा रहे थे तब सौरव गांगुली का फोन आया और उन्होंने समझाया कि एक गलती से नर्वस होकर आगे गलती पर गलती मत करना बल्कि आगे से अच्छी बॉलिंग करना. अब अर्शदीप को भरोसा हो गया था कि टीम इंडिया उनके साथ है. एक गलती की वजह से उनसे सीनियर का सपोर्ट नहीं छिनेगा, तभी पिता दर्शन सिंह और मां दलजीत कौर भी उनके पास पहुंच गई. वो दोनों बेटे का मैच देखने के लिए तब दुबई के स्टेडियम में ही मौजूद थे.पिता ने पूछा कि बेटा कैच कैसे छूटा, हमलोगों ने मैच देखा तो लगा कि कैच आसान था, लोग ट्विटर पर तुम्हें खालिस्तानी औऱ देशद्रोही कह रहे हैं, मां ने पूछा कि ये तुमने क्या कर दिया, पहला वाला मैच तो पाकिस्तान के खिलाफ शानदार खेला था, तब अर्शदीप ने बड़ा ही शानदार जवाब दिया.

इस कैच के छूटने से नुकसान जरूर हुआ है लेकिन मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैं अगले मैच में शानदार खेलूंगा. मैं तो लोगों के ट्वीट पढ़कर हंस रहा हूं, कि मेरे विकिपिडिया पेज तक से लोगों ने छेड़छाड़ कर दी, किसी के कहने से मैं खालिस्तानी थोड़े हो जाऊंगा, मैंने तो देश की खातिर कनाडा की ओर से खेलने के लिए मना कर दिया था, मैं अगले मैच में शानदार परफॉर्म करूंगा.
यही बात इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अर्शदीप ने खुद भी बताई है कि लोगों का रिएक्शन देखकर उन्हें हंसी आ रही थी. क्योंकि उन्हें पता था कि मैच खेलने और ट्रोल करने में बड़ा फर्क होता है. तभी तो पहले हरभजन ने सपोर्ट किया, फिर इरफान पठान समर्थन में आए और एक-एक करके कई खिलाड़ी अर्शदीप को हीरो बताने लगे, सरकार ने विकिपिडिया से जवाब तक मांग लिया, जब जांच हुई तो पता चला कि जीत के जश्न में डूबे पाकिस्तान ने सिखों को भड़काने के लिए इसे खालिस्तानी रंग दे दिया था लेकिन उसकी साजिश फेल हो गई. हालांकि फाइनल मैच में भारत और पाकिस्तान का अगर मुकाबला हुआ तो पाकिस्तान को ये गलती भारी पड़ सकती है, क्योंकि जिसे उसने खालिस्तानी बता डाला वो हिंदुस्तान की ओर से शानदार बॉलिंग और फील्डिंग कर बाबर आजम की सेना से एशिया कप भी छीन सकती है, वैसे भी पाकिस्तान की नसीब में अब तक दो ही बार एशिया कप आ सका है, हालांकि फाइनल में पहुंचने से पहले भारत को श्रीलंका को मात देना होगा, पिछली मैच में अर्शदीप से ज्यादा गलती हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव और ऋषभ पंत की थी लेकिन कहते हैं बड़ी गलतियों पर छोटी गलतियां छिप जाती हैं, वैसे ही कैच के चक्कर में वो बच गए, वरना जनता ने उन्हें ट्रोल कर रही होती, खेल में हार-जीत लगा रहता है लेकिन अगर आप बिना किसी गलती के अच्छा खेलकर हारें तो लोग शाबाशी भी देते हैं कि चलो जीत नहीं सके पर ईमानदारी से खेला और भारत को भी अगले सभी मैच में यही करना होगा.