भारत में 50 करोड़ लोग मैच देखते हैं…यानि आधा इंडिया थम गया था, ऐसा मैच जहां हर एक भारतीय ने हाथ जोड़ दुआ की, भावुक हुआ, लेकिन पैसे के खेल में हमारी भावनाओं को कौड़ी के भाव क्यों बेच दिया गया? हमारे दिल को कपड़े की तरह किसने निचोड़ा? हिन्दुस्तान को लगा था हमारी टीम अंग्रेज़ों से लगान वसूलने गई है, पर टीम ने तो हमारी भावनाओं को ही कुचल दिया…IPL के किंग राहुल, IPL के बाहुबली रोहित शर्मा को देश के सामने LIVE आकर माफी मांगना चाहिए, ये कहकर मत भूल जाना कि खेल है ये सब होता है, हमने भी खेल देखा है, आपने भी क्रिकेट खेला है, ऐसी हार किसकी होती है? पूरी टीम मदारी की तरह नाची, हमारा मज़ाक वो तक बना रहे हैं जो बेचारे जिम्बाब्वे से नहीं जीत पाए,

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारत में क्रिकेट को बेच दिया गया है, IPL ने पूरी टीम को बर्बाद कर डाला है, जैसे बुमराह को देखिए T20 में फिट नहीं हैं पर IPL की नीलामी से पहले ही भाई फिट हो गया है, पाकिस्तान शाहीन आफरीदी को चोटिल अवस्था में लेकर गया, वो बंदा मैच जिता रहा है, पंत का भूत ऐसा सवार हुआ कि संजू जैसे स्मार्ट बल्लेबाज़ को घास काटने के लिए छोड़ दिया, शिखर धवन जैसे महान बल्लेबाज़ को छोड़कर IPL के किंग राहुल को ओपनर बनाया,?
अगर किसी कंपनी को ठेका मिलता है तो काम जल्दी और अच्छा करती है, लेकिन अगर वो काम रोज़ के हिसाब हो तो खराब करती है और लापरवाही भी करते हैं, ठीक ऐसे ही हमारे खिलाड़ी हैं, IPL में ठेका मिलता है, तो सब हीरो बनते हैं, भारत के लिए खेलते ही क्रिकेट भूल जाते हैं…भारत में हम जिसे ज्यादा प्यार करते हैं वो ऐसा ही करता है, खिलाड़ी इसलिए कभी हमारे बारे में नहीं सोचते हैं क्योंकि उनकी भावना ये होती है कि इंडिया वाले तो खाली हैं तो मैच ही देखेंगे, जबकि हम प्यार करते हैं, वतन को जीतता हुआ देखना चाहते हैं इसलिए मैच देखते हैं…आज न जाने कितने लाख करोड़ लोग रोए, जिसकी कोई वैल्यू नहीं है

सौरभ गांगुली और राहुल द्रविड़ ने मिलकर टीम इंडिया का हाल क्या किया? जो कभी इतिहास में नहीं हुआ वो अब हो रहा है…राहुल द्रविड़ टेस्ट के महान खिलाड़ी पर कोच T20 के बने हैं, T20 में खिलाड़ियों की उम्र कम होनी चाहिए पर हमारी टीम में कई बुजुर्ग भरे हैं, एक साल बाद शमी को बुलाया, पर जवानी में स्टंप तोड़ रहे उमरान को ठुकराया, 38 साल के कार्तिक को खिलाया पर जवानी में रंग दिखा रहे संजू को ठुकराया? तो क्या हमारा विलेन मैदान के अंदर नहीं मैदान के बाहर है? हम दर्शकों की भावनाओं को तोड़ने वाला कौन हैं? सौरभ गांगुली? राहुल द्रविड़, मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा, कप्तान रोहित शर्मा, या IPL टीम के मालिक? अक्षर पटेल को किसके कहने पर मौका मिला? पूरा टूर्नामेंट देखकर ऐसा लग रहा है जैसे खेलने वाली टीम के पीछे कोई खिलाड़ी है? जिस देश में हरभजन और कुंबले जैसे महान स्पिनर पैदा हुए वहां अश्विन के अलावा कोई दूसरा नहीं मिला, हद हो गई भाई हद…क्या मज़ाक है? ऐसी टीम जिसका एक विकेट नहीं ले पाई? एक कैच नहीं पकड़ा गया, एक डायरेक्ट हिट थ्रो नहीं लगा? विराट कोहली 40 गेंद में 50 रन बनाते हैं, रोहित शर्मा 28 गेंद में 27 रन बनाते हैं, KL राहुल 5 गेंद में पांच रन बनाते हैं, ये सभी क्या टेस्ट खेलने आए थे? क्या नहीं पता था इंग्लैंड को रोकना है तो 220 रन बनाना होगा, सूर्य कुमार यादव किसी बड़े मैच में नहीं चले, जहां इंडिया फंसा वहां छोड़कर चलता बने, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी OUT होकर ऐसे ही चले गए, अब इंग्लैंड के साथ भी यहीं हुआ, एशिया कप में भी सूर्य कुमार पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रन नहीं बना पाए थे, श्रीलंका के सामने भी बल्ला नहीं चला था, टीम इंडिया का हाल ग्रेग चैपल के दौर वाला कर दिया…उमरान मलिक पानी भरेगा, संजू घास काटेगा, अश्विन जैसे बुजुर्ग स्पिनर को खिलाया क्योंकि दूसरा कोई स्पिन बॉल करना नहीं जानता, भाई हद होती है, जिसने कल से क्रिकेट देखना शुरू किया उसने कहा अश्विन, राहुल, रोहित ये कभी भी धोखा देंगे, लो मिल गया न धोखा