सालों पहले बॉलीवुड में फिल्में स्टारडम पर चलती थी, पर जनता ने आज वो वाला दौर खत्म कर दिया है. 17 अक्टूबर को जब दिल्ली में बड़े-बड़े सितारे जुटे थे, अल्लू अर्जुन को पुष्पा फिल्म के लिए बेस्ट मेल एक्टर का अवॉर्ड मिला, पंकज त्रिपाठी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवॉर्ड से सम्मानित किया. गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए आलिया भट्ट को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया और कृति सेनन को फिल्म मिमी में रोल के लिए अव़ॉर्ड मिला तो इसी दौरान एक नाम ऐसा भी था, जिसे सुनकर बॉलीवुड के बड़े-बड़े दिग्गज चौंक गए. इनका नाम है नीरज मिश्रा, जिन्होंने समानांतर नाम की फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है और उसका डायरेक्शन किया है. आप सोचेंगे कि इस फिल्म में ऐसा क्या है कि इसे मैथिली भाषा की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया. तो पहले वो सुनिए फिर बताते हैं अवॉर्ड मिलने के बाद नीरज मिश्रा ने क्या कहा.

कर्म और जीवन के बीच अंतर बताती है फिल्म समानांतर
समानांतर को अंग्रेजी में Parellel कहते हैं, गणित में जब कोई एक रेखा दूसरे रेखा के साथ-साथ चलती हो तो समानांतर या पैरलर होती है, इस फिल्म में भी ठीक उसी तरह चार कहानियां एक साथ चलती हैं. जो आपको कर्म और जीवन के बीच का अंतर समझाती हैं. जब झूठ, लालच, स्वार्थ, क्रोध और अंहकार हमारे जीवन को हद से ज्यादा प्रभावित करने लगते हैं तो हम नैतिकता को कैसे भूल जाते हैं, इस फिल्म में दिखाया गया है. और जब आप पूरी तरह से नैतिकता की राह छोड़ देते हैं तो कैसे सृष्टि को चलाने वाली अज्ञात शक्ति आपको उसका दंड देती है, ये इस फिल्म ने बताया है. जिस दौर में फिल्म डायरेक्टर हीरो-हीरोइन के प्यार और एक्शन सीन वाली फिल्में बना रहे हैं, उस दौर में इस तरह की संदेश देने वाली फिल्म अपने आप में खास लगती है.

इस फिल्म की सबसे खास बात ये है कि इसमें ज्यादातर स्थानीय कलाकारों ने काम किया है. इस फिल्म की शूटिंग के लिए मुंबई या लंदन का लोकेशन नहीं चुना गया बल्कि फिल्म के ज्यादातर हिस्से सहरा, सुपौल और अररिया में शूट किए गए. सहरसा शहर के वीर कुंवर सिंह चौक, गंगजला चौक, पंचवटी, कलेक्ट्रेट रोड, हवाई अडडा और बलुआहा पुल के कई सीन आपको इस फिल्म में दिखेंगे. इस फिल्म में स्थानीय रंगकर्मी कुन्दन वर्मा, रोहित झा, अशोक वर्मा, शुभम कश्यप और नरेन्द्र टुनटून ने ऐसा अभिनय किया है कि वो आपके दिल पर गहरी छाप छोड़ देंगे. खास बात ये भी है कि इस फिल्म में डायरेक्टर नीरज के पिता रतीश चंद्र मिश्रा ने भी एक्टिंग किया है, ज्यादातर वो लोग हैं, जिन्होंने पहली बार कैमरा फेस किया, लेकिन एक्टिंग में पूरी जान लगा दी.

हमें उम्मीद नहीं थी इतना प्यार मिलेगा- नीरज मिश्रा
नीरज मिश्रा कहते हैं जिन परिस्थितियों में हमने ये फिल्म बनाई और फिल्म बनने के बाद जैसा रिएक्शन हमें मिला वो वाकई अद्भूत है. हमें उम्मीद नहीं थी कि हम जो फिल्म बना रहे हैं वो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए चयनित होगी. इसके लिए सबका शुक्रिया, मैं ये बताना चाहता हूं कि बिहार में भी शानदार कलाकार हैं, बस उन्हें मंच की जरूरत है. नीरज मिश्रा करीब 22 सालों से बॉलीवुड से जुड़े हैं. कौन बनेगा करोड़पति सीजन-एक, तारक मेहता का उल्टा चश्मा, लाडो, अदालत, रक्षक जैसे प्रमुख सीरियल्स में बतौर क्रिएटिव डायरेक्टर, लेखक और शो रनर का काम नीरज ने इससे पहले किया है. टाइगर श्रॉफ की बागी2 जो ब्लॉकबस्टर हुई थी, उसे नीरज मिश्रा ने ही लिखा था. और एक बार इन्होंने साबित कर दिया कि कला किसी भाषा की मोहताज नहीं होती, मैथिली भाषा की फिल्म लोगों को इतनी पसंद आई कि इसे 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की लिस्ट में जगह मिली.