डॉक्टर की पिटाई के बाद संतोष सिंह भदौरिया करौली बाबा को महिला का खुला चैलेंज
एक डॉक्टर की पिटाई के आरोप से चर्चाओं में आये करौली सरकार को रोज नए-नए चैलेंज मिल रहे हैं. एक फूंक में मरीज को ठीक करने का दावा करने वाले करौली सरकार को कानपुर के एक वकील ने खुला चैलेंज दिया है कि अगर उन्होंने मेरी बेटी और बेटे को ठीक कर दिया तो मैं अपनी सारी संपत्ति करौली बाबा के नाम कर देंगे.

संतोष सिंह भदौरिया कैसे बने करौली सरकार बाबा
करौली सरकार आखिर कौन हैं और बार-बार विवादों में क्यों घिर जाते हैं. एक वक्त था जब करौली सरकार संतोष सिंह भदौरिया के नाम से पहचाने जाते थे. संतोष सिंह भदौरिया एक गरीब परिवार में पैदा हुए, बचपन बड़ी मुश्किल में बीता और जब बड़े हुए तो सपने भी बड़े हो गए लेकिन उनकी किस्मत साथ नहीं दे रही थी. इसके बाद संतोष को लगा कि शादी करके किस्मत बदल सकती है. तो उसने शादी कर ली लेकिन किस्मत नहीं बदली तो पत्नी को छोड़ दिया. फिर कुछ दिन बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली.

ससुराल से दहेज में टैम्पो मिला, जिसे चलाकर करौली सरकार ने घर चलाना शुरू किया. लेकिन इससे उनको संतोष नहीं हो रहा था तो उन्होंने शिवसेना ज्वाइन कर ली. फिर भारतीय किसान यूनियन का सहारा लिया. फिर संतोष भदौरिया ने प्रॉपर्टी डीलिंग का काम किया. लेकिन किसी में भी मन नहीं जमा तो उन्होंने केरल का रुख किया और वहां से करौली बाबा बनकर वापस लौटे.

बेटे लवकुश के नाम पर संतोष भदौरिया ने करौली में एक आश्रम बनाया और बन गये करौली सरकार, फिर उसके बाद तो भक्तों का ऐसा तांता लगा कि आश्रम 14 एकड़ में फैल गया. बाबा ने इंटरनेट के सहारे अपना काम बढ़ाया. यूट्यूब पर वो एक मंत्र पढ़ते हैं, ओम शिव बैलेंस और सारे दुख हरने का दावा करते हैं.
लेकिन 22 फरवरी को एक डॉक्टर 2600 रुपये की पर्ची कटाकर सरकार के दरबार में पहुंचा था. बाबा ने मंत्र पढ़कर फूंक मारी और पूछा कि कोई असर हुआ, तो डॉक्टर ने इनकार कर दिया. इसके बाद फिर से बाबा ने मंत्र पढ़ा और फूंक मारी लेकिन डॉक्टर ने फिर मना कर दिया कि कोई असर नहीं हुआ. इसके बाद जो हुआ उसने बवाल मचा दिया. डॉक्टर ने आरोप लगाया कि, उसे एक कमरे में ले जाकर सरियों और लात-घूंसो से पीटा गया. उसने पुलिस में जाकर शिकायत कर दी और करौली सरकार पूरे देश में प्रसिद्ध हो गए.