उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से एक ऐसा मामला आया है जिसमें एक बच्चे को बचाने के लिए चाहिए एक ऐसा इंजेक्शन जिसकी कीमत है 16 करोड़ रूपए। अगर ये इंजेक्शन इस बच्चे को नहीं लगा तो बचना संभव नहीं।

सुल्तानपुर में एक मजबूर परिवार अपने बच्चे की जान को बचाने के लिये पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ ही आम लोगों से मदद की गुहार लगा रहा है। इस बच्चे के इलाज के लिये लाख, 10 लाख नही बल्कि 16 करोड़ रुपयों की जरूरत है।मात्र कुछ महीनों में अगर ये पैसे नही एकत्रित हुये, और इंजेक्शन नही लगा तो बच्चे की मौत हो जाएगी। लिहाजा बच्चे के माँ बाप उस बच्चे की जान बचाने के लिये मदद की गुहार लगा रहे हैं।
बच्चे के पिता सुल्तानपुर नगर कोतवाली के सौरमऊ स्थित बैंक कॉलोनी के रहने वाले सुमित कुमार सिंह यूको बैंक में कर्मचारी है। इनकी पत्नी अंकिता सिंह गृहणी हैं। सुमित के एक 5 साल की बेटी और 8 माह का एक बेटा अनमय सिंह है। करीब 3 माह पहले अनमय की शारीरिक ग्रोथ में कुछ कमी हुई तो सुमित और अंकिता ने इसे डॉक्टरों को दिखाना शुरू किया। सुल्तानपुर से लखनऊ तक डॉक्टरों के दिखाने पर जब आराम न मिला तो इन लोगों ने दिल्ली के सर गंगा राम और एम्स जैसे बड़े अस्पतालों की ओर रुख किया। वहां दिखाने पर पता चला कि अनमय को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि SMA टाइप वन नाम की वो बीमारी गंभीर बीमारी हो चुकी है जो करोड़ो बच्चों में एकाध को ही होती है।


क्या होता है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि SMA?
दरअसल ये बच्चा स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि SMA टाइप 1 नाम की गंभीर बीमारी से ग्रसित है। एसएमए के शिकार बच्चे अपनी मांसपेशियों का उपयोग सही प्रकार से नहीं कर पाते हैं, क्योंकि यह बीमारी उनकी रीड़ की हड्डी में नर्व सेल्स को खराब कर देती है. जिसके कारण दिमाग उन सेल्स को संदेश भेजना बंद कर देता है, जो मांसपेशियों को नियंत्रित करती हैं. एसएमए में बच्चों की मांसपेशियां पूरी तरह कमजोर और सिकुड़ जाती हैं। SMA टाईप 1, जिसमें बच्चा बिना सहारे के ना तो बैठ पाता है और ना ही अपने सिर को सपोर्ट कर पाता है. इस स्थिति में उनके हाथ पैर काम नहीं करते हैं और निगलने, सांस लेने में भी कठिनाई होती है। इस बीमारी के लक्षण मात्र 6 माह में ही आने लगते हैं और दो साल के भीतर ही बच्चे की मौत हो जाती है।
भारत पहले ऐसे बच्चों की मदद कर मिशाल कायम कर चुका है
17 महीने के बच्चे ‘अयांश’ का जिक्र किया। अयांश, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित है।
2021 में केरल के एक बच्चे के लिए 6 दिन में जुटाए 18 करोड़ रुपये जुटाए गए थे सोशल मीडिया के माध्यम से
अनमय की कितनी हो चुकी है मदद?

सुमित की माने तो परिवार, रिश्तेदार और करीबियों के जरिए अभी तक महज साढ़े 18 लाख रुपये ही एकत्रित हो पाए, हैं जबकि 16 करोड़ के हिसाब से ये पैसे बहुत ही कम हैं। मां अंकिता भी लोगों से रो रो कर अनमय को बचाने के लिये डोनेट करने की अपील कर रही हैं। प्रशासन से लेकर शासन तक गुहार लगा रहे हैं, स्वयं सेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध कर रहे हैं कि उनके बच्चे को बचाने में मदद करें। अगर अनमय को ये इंजेक्शन लग जायेगा तो उसे नया जीवन मिल जाएगा। परिवार ने अपना अकाउंट नंबर और QR कोड हमारे साथ शेयर किया है, जिसपर इनकी मदद की जा सकती है..


*ग्लोबल भारत परिवार भी इस मुहिम में बच्चे के परिवार के साथ है…और पीएम मोदी और सीएम योगी से अपील करता है इनकी मदद की, क्योंकि जितनी बड़ी राशि है उसमें सरकार की मदद की जरूरत है और ये कीमत इम्पोर्ट ड्यूटी की वजह से भी होती है जिसको सरकार माफ कर सकती है,,साथ ही पाठकों और दर्शकों से की आगे आएं और बच्चे की जान बचाने में सहयोग करें..