मुझे दुनिया कहती है जूनियर तेंदुलकर, लेकिन BCCI करवा रही इंतजार, आखिर मेरा गुनाह क्या है?
ये 22 साल के युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ का दर्द है, ऐसा ही दर्द चार साल पहले टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का भी छलका था, जब टेस्ट टीम में नहीं चुने गए थे, तब उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कल दोबारा सूरज उगेगा, संजू सैमसन ने भी टी-20 टीम का ऐलान होने के बाद डूबते सूर्य का फोटो डाला और कुछ दिन बाद ही वनडे टीम में जगह मिल गई, मतलब लगता है बीसीसीआई ट्विटर और फेसबुक का रिएक्शन देखकर भी चलती है, अगर ऐसा है तो फिर पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ी को जगह न मिलना हैरान करता है, हम आपको उनका दर्द सुनाएं, उससे पहले आपको बताते हैं युवा खिलाड़ियों में ऐसी निराशा क्यों है.

23 साल के अर्शदीप टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज हैं, 19 साल के नसीम शाह पाकिस्तान के स्टार बॉलर हैं
टिम डेविड, हैरी ब्रुक और फिन एलेन सब 20-25 साल के हैं, लेकिन टीम इंडिया में ज्यादातर 30+ के हैं
BCCI मानती है कि खिलाड़ी अनुभवी होने चाहिए, जबकि दुनिया नए खिलाड़ियों की तकनीक पर मरती है
अर्शदीप जैसा टैलेंट तभी निखरेगा जब मौका मिलेगा, लेकिन अर्शदीप की तरह उसे मौका भुनाना भी होगा
टी-20 में 0 पर आउट हुआ,पर 5 पारियों में 2 शतक,2 अर्धशतक जड़े,लेकिन मुझे नहीं चुना गया!
पृथ्वी शॉ को ऐसा नहीं है कि मौका नहीं मिला, पहले ही टी-20 में जब पृथ्वी खेले तो जीरो पर आउट हो गए, सेलेक्टर को लगा कि इस खिलाड़ी के अंदर क्षमता ही नहीं है, इसलिए पृथ्वी को बाहर कर शुभमन गिल को मौका दिया और गिल ने इस मौके को शानदार कैच की तरह लपका. बिहार के गया जिले के मानपुर गांव के रहने वाले पृथ्वी शॉ ने साल 2013 में स्कूल क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड तोड़ा.
330 गेंद पर 546 रन बनाए, उसके बाद विजय मर्चेंट ट्रॉफी में अंडर16 की कप्तानी दे दी गई
उसके बाद रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी में भी पृथ्वी ने ताबड़तोड़ बैटिंग से दिल जीत लिया
दिलीप ट्रॉफी मुकाबले में शतक लगाकर पृथ्वी ने सचिन तेंदुलकर का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया था
लोग पृथ्वी को जूनियर तेंदुलकर कहने लगे, अंडर-19 विश्वकप की कप्तानी मिली तो जीताया
साल 2018 में आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया, 5 पारियों में दो शतक और दो अर्शतक जड़े
उसके बावजूद पृथ्वी को टीम में जगह नहीं मिल रही है, इसी वजह से अब उनका दर्द छलकने लगा है, पृथ्वी शॉ ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में जगह नहीं मिलने पर एक इंटरव्यू में कहा कि मैं टीम में शामिल होना चाहता हूं, इसके लिए मेहनत भी कर रहा हूं, दो साल से इंतजार कर रहा हूं, लेकिन लगता है किस्मत ही मेरा साथ नहीं दे रही. पृथ्वी ने कहा कि

2 साल से कर रहा हूं इंतजार, भगवान से मांग रहा मन्नत, पर BCCI इस वजह से नहीं चुन रही
मैंने अपनी बल्लेबाजी में अलग-अलग चीजों पर काम नहीं किया, लेकिन फिटनेस पर बहुत काम किया, मैंने पिछले आईपीएल के बाद वजन घटाने पर काम किया और सात से आठ किलोग्राम कम किया. काफी समय जिम में बिताया, बहुत दौड़ लगाई, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक और चाइनीज डिश लंबे समय से नहीं खाया, मुझे लगा इस बार टीम में जगह मिलेगी, लेकिन नहीं मिली तो काफी निराश हो गया था, मैं रन बना रहा हूं, काफी मेहनत कर रहा हूं, लेकिन उन्हें लगता है कि मैं तैयार नहीं हूं, जब उन्हें लगेगा तब मौका देंगे.

ये कहानी सिर्फ पृथ्वी शॉ की नहीं है बल्कि हर उस खिलाड़ी की है जो सालों से टीम इंडिया में शामिल होने के लिए पसीना बहा रहा है, कुछ दिनों पहले तक संजू सैमसन के साथ भी यही हाल था, वो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे थे, पृथ्वी शॉ जैसे कई खिलाड़ी बीसीसीआई को ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मैं भी काबिल हूं, लेकिन लखनऊ वाले वनडे में जैसे ईशान किशन और ऋतुराज गायकवाड़ फेल हुए अगर वैसे फेल रहे तो फिर टीम में मौका मिलना मुश्किल है, पृथ्वी का मौके की तलाश है और बीसीसीआई को अच्छे खिलाड़ी की, बाकी अंदर की पॉलिटिक्स सब जानते हैं, कैसे आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ी अब तक टीम में बने हैं और योग्य खिलाड़ी बाहर हैं.