क्या सीमा हैदर की फाइल देखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उसे भारत में रहने का अधिकार दे देंगी? सीमा के वकील AP सिंह के दावे ने सबको हैरान कर दिया है? केस अभी सुप्रीम कोर्ट तक नहीं पहुंचा तो फिर राष्ट्रपति की एंट्री कैसे हो गई? एपी सिंह के दावे से एक बात तो साफ है ATS की रिपोर्ट में सीमा की वापसी की फाइल तैयार हो गई है…इसलिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बजाय वकील एपी सिंह सीधे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास पहुंच गए! ATS की जांच रिपोर्ट, योगी के टेबल पर पहुंच चुकी है, हालात ये है कि अब सीमा और सचिन से IB पूछताछ कर सकती है, ATS की पूछताछ में दो ऐसे झूठ पकड़े गए हैं जो किसी को हज़म नहीं हो रहा है…वो दोनों झूठ क्या हैं बताएं उसके पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह का हैरान कर देने वाला दावा सुनिए…हमारे संवाददाता फोन पर उनसे बातचीत करते हैं वो हिस्सा सुनिए…
सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह का हैरान कर देने वाला दावा सुनिए

आखिर क्या दिक्कत है, सीमा पार से पहली बार डोली आई है, सीमा ने सच्चा प्यार किया है, हिंदू धर्म ग्रहण किया है, उसके पास विवाह के फोटो हैं, सारे रिकॉर्ड हैं. अगर आपको अभी भी शक है, तो लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा लीजिए, पॉलिग्राफी टेस्ट करवाईए. CBI, RAW, NIA से जांच करवा लें, दोषी हो तो दोषी की तरह कार्रवाई करें. अगर निर्दोष है तो उसकी 3 बेटियां, 1 बेटा और सचिन-सीमा की सुरक्षा निर्धारित की जाए. आखिर पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों को नागरिकता मिल सकती है तो फिर सीमा को क्यों नहीं, सीमा एक भारतीय मूल के नागरिक सचिन की अब पत्नी हो चुकी है, इसलिए उसे नागरिकता मिलनी चाहिए. वैसे भी सीमा का चार साल पहले पति से तलाक हो चुका है. उसके पास नेपाल में हुई शादी के फोटो भी हैं.
सीमा सचिन की शादी की तस्वीर आई सामने

ATS को शक है कि सीमा और सचिन की शादी पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल में हुई ही नहीं है, सीमा सचिन का दावा है कि पशुपति मंदिर में शादी की, जबकि वहां सिर्फ हिन्दुओं की एंट्री होती है, शादी का रिकॉर्ड में मेंटेंन किया जाता है, सीमा हैदर के भारत का आधार कार्ड नहीं था, पाकिस्तानी पहचान पत्र में सीमा हैदर लिखा था फिर उनकी पशुपति नाथ मंदिर में एंट्री कैसे हो गई? सीमा खुद को जासूस नहीं मासूम बता रही है तो ATS ने वापस भेजने का प्लान बना लिया है, लेकिन वकील एपी सिंह ने राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटा कर मामला और बड़ा कर दिया है! चूंकि सीमा पर जासूसी के आरोप लग रहे हैं इसलिए लाई डिटेक्टर टेस्ट या नार्को टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है. अब आप कहेंगे दोनों में अंतर क्या है तो वो भी समझ लीजिए, फिर बताते हैं विदेश मंत्रालय ने पहली बार इस केस पर क्या कुछ कहा है.
लाई डिटेक्टर टेस्ट या पॉलिग्राफी टेस्ट- ये टेस्ट झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है, जो एक मशीन की मदद से होता है, जो आरोपी के हार्टबीट, सांस लेने की दर और होंठ हिलाने समेत शरीर में होने वाले हर तरह के मूवमेंट को रिकॉर्ड करती है. इस टेस्ट के वक्त आरोपी से हर वो सवाल पूछे जाते हैं, जिनकी जानकारी लेनी होती है.
नार्को टेस्ट- ये टेस्ट भी झूठ पकड़ने के लिए ही किया जाता है, बस फर्क ये है कि इस टेस्ट से ठीक पहले आरोपी को इंजेक्शन के जरिए सोडियम पेंटोथल दवा दी जाती है, इसकी मात्रा इतनी होती है कि आरोपी का दिमाग काम करता रहे.
अब सीमा का अगर ये टेस्ट होता है तो फिर पूरी तरह से सच्चाई सामने आ सकती है, वैसे तो एटीएस भी ये जांच कर सकती है पर ये जानकारी अब तक सामने नहीं आई है कि सीमा और सचिन का लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ या नहीं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी अब ये साफ कर दिया है कि सीमा को पाकिस्तान भेजा जाएगा या नहीं इसका फैसला जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर होगा. अब जांच एजेंसियां क्या रिपोर्ट तैयार करती हैं औऱ एपी सिंह कितनी मजबूत दलील पेश करते हैं, ये देखने वाली बात होगी…