1 अगस्त की दोपहर, सीमा-सचिन के घर के बाहर रोज की तरह भीड़ लगी थी, तभी डाकिया उन्हें ढूंढते हुए अंदर पहुंचा, उसके हाथ में एक चिट्ठी थी, जिसके ऊपर न तो भेजने वाले का नाम था और ना ही पता, सचिन ने चिट्ठी ली, और लिफाफा फाड़ने की कोशिश की, तभी पास खड़े पुलिसवाले ने रोका. और कहा ये धमकी भरी चिट्ठी हो सकती है, हमें अपने ऑफिसर्स को बताना होगा, वहां से अधिकारियों को फोन गया, और अधिकारियों ने कहा चिट्ठी खोलकर देखो फिर अपडेट दो. अधिकारियों के आदेश पर चिट्ठी खुली तो सीमा चिट्ठी की एक-एक लाइन पढ़ती जा रही थी और सचिन के आंखों से आंसू बहते जा रहे थे, उस चिट्ठी में लिखा था.

डियर, सीमा हैदर और सचिन मीणा, मुझे पता है कि आपका परिवार इस वक्त संकटों से जूझ रहा है, आप परिवार में इकलौते कमाने वाले हैं, लेकिन जांच की वजह से बाहर काम पर नहीं जा पा रहे हैं, हमने आपके पिता नेत्रपाल का इंटरव्यू देखा और आपको नौकरी देने का फैसला किया है. आप दोनों किसी भी वक्त गुजरात पहुंचकर हमारी कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर सकते हैं, आपकी तनख्वाह 50-50 हजार रुपये महीना होगी. हम हर संभव मदद को तैयार हैं.
तीन पन्नों की इस चिट्ठी को पढ़ने के बाद सचिन का परिवार खुशी के आंसू रो रहा है, जबकि सीमा उस बिजनेसमैन का शुक्रिया अदा कर रही थी जिसने इतनी दरियादिली दिखाई. लेकिन सवाल ये है कि जिस सीमा पर जासूस होने का शक है वो क्या हिंदुस्तान के किसी कंपनी में बिना जांच पूरा हुए काम कर सकती है. इसका जवाब जांच एजेंसियां दे सकती हैं, लेकिन असल में ये चिट्ठी उस पाकिस्तानी बिजनेसमैन को संदेश देने वाली है, जिसने अंजू को नौकरी देकर ये कहा कि इस्लाम में आने वालों की हम इसी तरह मदद करते रहेंगे. इधर सीमा खुश है वो खुद मीडिया को बता रही है, जबकि अंजू खुश है ये पाकिस्तान को चिल्ला-चिल्लाकर कहना पड़ रहा है, हालांकि ये पहली बार नहीं है जब सीमा को इस तरह का ऑफर मिला है, बल्कि इससे पहले फिल्म प्रोड्यूसर अमित जानी ने सीमा को फिल्म में हीरोइन बनने का भी ऑफर दिया था, इसके लिए वो बकायदा घर जाकर एडवांस चेक देने को तैयार थे. लेकिन सीमा और सचिन के घरवालों ने ये कहकर टाल दिया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती हम कुछ नहीं करेंगे. खुद प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ भी जांच पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं,
एक इंटरव्यू में सीमा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा

यह दो देशों से जुड़ा मामला है. सुरक्षा एजेंसियां अभी जांच कर रही हैं. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
योगी आदित्यनाथ, सीएम, उत्तर प्रदेश

जांच में अगर सीमा को क्लीनचिट मिल जाती है तो फिर वो योगी का शहर छोड़कर पीएम मोदी के शहर में जा सकती है, क्योंकि उनकी पढ़ाई-लिखाई के हिसाब से सालाना 6 लाख सैलरी का ऑफर काफी अच्छा है, लेकिन यूपी एटीएस फिलहाल इस सवाल का जवाब तलाशन में जुटी है कि उसने आनन-फानन में दस्तावेज क्यों बनवाए. पुलिस को ये बात सबसे ज्यादा हैरान कर रही है कि सीमा हैदर 12 मई को नेपाल के पोखरा से बस में चढ़ी थी और उसकी गिरफ्तारी 4 जुलाई को हुई थी. फिर सीमा हैदर ने पोखरा से भारत तक आने की अपनी टिकट को बतौर प्रूफ 54 दिनों के लंबे समय तक क्यों संभाल कर रखा था. अमूमन सभी अपनी टिकट फेंक देते हैं. पासपोर्ट से लेकर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट तक उसने जल्दीबाजी में क्यों बनवाए.
उधर जांच एजेंसियां सवालों का जवाब तलाश रही हैं तो इधर सीमा का फोकस अपने यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर है, वो लगातार वीडियो अपलोड कर रही है, जिससे तेजी से सब्सक्राइर्ब्स बढ़ रहे हैं और आने वाले दिनों में वहां से भी कमाई की उम्मीद है. मतलब सीमा के पास घर बैठे कमाई के कई रास्ते हैं, क्या आपको सीमा-सचिन को कमाई का कोई और आइडिया आप सुझाना चाहेंगे, कमेंट कर बता सकते हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी