भगवा झंडे पर स्वास्तिक, स्वास्तिक पर तीर का निशान, एक तस्वीर में खुल गई कहानी, डीजी जेल लोहिया को क्यों मारा?
एक पुलिस ऑफिसर के घर में आतंकी नौकर बनकर कैसे पहुंचा, क्या जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे देश के पुलिस ऑफिसर के घरों में नौकर के वेश में कोई और छिपा है, जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत लोहिया को क्यों मारा, क्या लोहिया की किसी से कोई दुश्मनी थी, ऐसे कई सवाल लोगों के आपके दिमाग में भी उठ रहे होंगे, हम एक-एक सवाल का जवाब आपको बताएं उससे पहले ये तस्वीरें देखिए. भगवा झंडे पर स्वास्तिक फिर स्वास्तिक पर तीर का निशान बना है, ये आतंकी संगठन पीपल्स एंटी फेसिस्ट फ्रंट का लोगो है,

इस तस्वीर में ही पूरी कहानी छिपी है कि उसने डीजी जेल को क्यों मारा, हम वो कहानी बताएं उससे पहले अमित शाह का आदेश सुनिए. डीजी जेल को मारने वाले आतंकी संगठन ने साफ-साफ कहा है कि वो ऐसी वारदात कहीं भी और कभी भी कर सकता है. इसलिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सीधा आदेश है कि इस घटना से जुड़ा एक-एक व्यक्ति चाहे हिंदुस्तान में हो या हिंदुस्तान के बाहर उसे ढूंढकर लाओ. इस केस को अमित शाह अब खुद म़ॉनिटर कर रहे हैं, क्योंकि इस आतंकी संगठन ने सीधा केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी चैलेंज किया और कहा कि डीजी जेल को मारकर हमने जम्मू-कश्मीर दौरे पर आए शाह को गिफ्ट दिया है, जबकि शाह जो रिटर्न गिफ्ट देने वाले हैं उससे इस संगठन के होश उड़ जाएंगे. हम वो रिटर्न गिफ्ट बताएं उससे पहले इस घटना की पूरी कहानी सुनिए.
6 महीने पहले रखा था नौकर, पहले जीता विश्वास, फिर पैर दबाते-दबाते कर दिया हमला, ऐसे नौकरों से हो जाएं सावधान
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हेमंत लोहिया शहर के बाहरी इलाके में अपने आवास पर रात को आराम कर रहे थे, कहा जा रहा है ये कि आवास उनके दोस्त का था, घर में उस दौरान दो नौकर मोहिंदर और यासिर थे, लोहिया ने यासिर को पैर दबाने को कहा, जिसने पैर दबाते-दबाते ही हमला कर दिया, 52 साल के आईपीएस ऑफिसर लोहिया खुद को उसके कब्जे से नहीं छुड़ा सके, आखिर में उन्हें मारकर वो भाग गया, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी अब सामने आया है, इसी के आधार पर पुलिस ने नौकर यासिर को गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ की जा रही है. इस केस में पुलिस इन पांच थ्योरी पर काम कर सकती है

पहला- यासिर की डायरी में लिखा है कि मेरी जिंदगी में प्यार 0%, तनाव 90%, दुख 100% और फेक स्माइल 100% है, यानि उसने डिप्रेशन में आकर ऐसा किया
दूसरा- यासिर के तार आतंकी संगठन PAFF से जुड़े हैं, जिसने इसकी जिम्मेदारी ली है, यह संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है
तीसरा- यासिर जैसे कई ओवर ग्राउंड वर्कर्स को आतंकी संगठनों ने बड़े-बड़े अधिकारियों या नेताओं के घर भर्ती कर रखा है, जो बड़ा खतरा हो सकता है
चौथा- 6 महीने पहले ही डीजी जेल हेमंत लोहिया ने उसे नौकर रखा था, जिस घर में लोहिया रुके थे वो उनके दोस्त का है, तो क्या दोस्त भी शामिल है
पांचवां- जम्मू-कश्मीर को 1990 की तरह फिर से अशांत करने की बड़ी तैयारी है, सुरक्षाबलों को इसका इनपुट खंगालना होगा
IPS को मारने के बाद, शाह को भेजा संदेश, यहां मत आना, पर अमित शाह ने राजौरी जाकर किया ऐलान, इन्हें नहीं छोड़ेंगे
जम्मू-कश्मीर में जब से अनुच्छेद 370 हटा है, पाकिस्तान की मदद से कुछ आतंकी संगठन बाहरी लोगों को निशाना बना रहे हैं, ऐसा पहली बार हुआ जब किसी बड़े पुलिस अधिकारी को इस तरह शिकार बनाया गया हो, यहां तक कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधा चैलेंज करना भी अपने आप में सवाल खड़े करता है, इनकी धमकियों के बावजूद अमित शाह 3 दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं, जहां राजौरी में रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि

जम्मू-कश्मीर की ये रैली और मोदी-मोदी के नारे उन लोगों के लिए जवाब है जो कहते थे अनुच्छेद 370 हटेगा तो बवाल मच जाएगा. अगर अनुच्छेद 370 और 35ए नहीं हटता तो यहां के आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिलता, अब यहां से पथराव के समाचार नहीं आते.
यानि सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति लाना चाहती है तो वहीं कुछ लोग उपद्रव मचा रहे हैं, इसिलिए इस बार इन पर खतरनाक एक्शन की तैयारी है. जब भारतीय सेना पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है तो फिर जम्मू-कश्मीर में छिपे इन आतंकियों का क्या होगा आप खुद सोच लीजिए,आतंकियों के खिलाफ एक्शन की प्लानिंग अभी से ही तैयार होने लगी है, वहां सुरक्षाबल आतंकी से राज उगलवा रहे हैं, जबकि दिल्ली में बैठे डोभाल पूरा प्लान तैयार कर रहे हैं. क्योंकि इस घटना ने जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक सबको हिलाकर रख दिया है.