अगर मोदी के ज़ख्म पर नमक न छिड़कते नीतीश कुमार तो BJP नहीं तोड़ती दोस्ती!
आख़िरकार नीतीश ने ऐसी क्या ग़लती है कि PM मोदी साथ रहना ही नहीं चाहते हैं!
योगी न बने होते UP में दोबारा CM तो बिहार में नहीं टूटती मोदी-नीतीश की दोस्ती!

बिहार में ऐसा क्या हुआ कि अचानक सालों की दोस्ती खत्म होने के कगार पर आ गई? और योगी के CM बनने से नीतीश मोदी के बीच दरार क्यों पैदा हो गई? महाराष्ट्र में हिन्दुत्व के मुद्दे पर शिवसेना की सरकार गिर गई, तो बिहार में गोधरा का जिक्र क्यों हो रहा है ? हम आपको बताएं उसके पहले देखिए बिहार में कैसे हर सेकेंड सियासी फिज़ा बदल रही है? नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं, जबकि बीजेपी बिहार में महाराष्ट्र की तरह RJD और JDU के विधायकों पर निशाना लगा रही है…पिछले कुछ सालों में बिहार में BJP का कद बढ़ा है, और नीतीश कुमार इससे बहुत हैरान हैं…बिहार में मोदी के बढ़ते कद, बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता और यूपी में योगी की दोबारा एंट्री ने नीतीश कुमार का पूरा खेल ही बिगाड़ दिया है…पहले आपको योगी का एंगल समझाते हैं…फिर आते हैं गोधरा कनेक्शन पर…
UP में जब से योगी की सरकार बनी है, तब से नीतीश कुमार पर एक अलग दबाव बनने लगा है!
बिहार में नीतीश कुमार पर बुलडजोर चलाने की मांग हुई, योगी मॉडल अपनाने की मांग की गई!
बुलडोजर की मांग करने वाले बीजेपी के नेता, विधायक सांसद ही थे, जिससे नीतीश घबरा गए थे
फुलवारीशरीफ में आतंकी संगठन PFI भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की रणनीति बना रहा था !
नीतीश कुमार ने बुलडोज़र नहीं चलाया,इस बात को लेकर भी बीजेपी-JDU में भयानक विवाद हुआ
नीतीश कुमार कभी योगी नहीं बन सकते फिर भी बीजेपी नेताओं की ऐसी मांग से नीतीश डर गए

हैरान करने वाला दावा किया गया कि नीतीश कुमार के राज़ में बिहार के 500 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं जो जुम्मा वाले दिन यानि शुक्रवार को छुट्टी करते हैं, जबकि रविवार को पढ़ाई करते हैं, आज़ादी के पहले साल 1943 से ही रविवार की छुट्टी का प्रचलन भारत में है फिर भी नीतीश कुमार ने शुक्रवार की छुट्टी पर कोई कदम नहीं उठाया, यानि अगर हिन्दुस्तान में शरिया कानून लागू हो जाए तो नीतीश उसका विरोध नहीं करेंगे…बस यही वो दर्द है जिससे मोदी ख़फा हो गए, और बीजेपी ने सही मौका देखकर कर चौका मार दिया….मोदी नहीं चाहते हैं कि बिहार में शरिया कानून वाली सरकार के साथ गठबंधन हो, और जनता पर बीजेपी को लेकर गलत संदेश जाए…
मुस्लिम वोट के लिए नीतीश ने संविधान तक को ठुकरा दिया, शुक्रवार की छुट्टी पर ख़ामोशी क्यों?
जब भारत देश संविधान से चलता है तो बिहार में नीतीश कुमार संविधान लागू क्यों नहीं करवा पाए

दरअसल बिहार में सारा खेल मुस्लिम वोट बैंक का है, नीतीश का ख़ास वोटर भी रहा है…ऐसे में नीतीश बुलडोज़र तो छोड़ो हथौड़ा भी नहीं चलवाएंगे…उधर गोधरा का तार भी परेशान कर रहा है…साल 2022 में जब गुजरात में गोधरा की घटना घटी उस वक्त नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री थे..लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया…हालांकि इस बात से मुसलमान पूरी तरह नाराज़ भी रहते हैं, जब बीजेपी ने मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाया तब नीतीश ने गोधरा की दुहाई देकर रिश्ता तोड़ लिया था…हालांकि बाद में वो बीजेपी की कृपा से मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन नीतीश का पीछा गोधरा ने नहीं छोड़ा…अब बिहार में नीतीश कुमार मुसलमानों के सबसे बड़े नेता बन चुके हैं, यही कारण है कि बिहार में कुछ भी हो जाए उन्हें ठीक लगता है…मोदी सरकार ने अपनी सरकार में इकलौती मुस्लिम मंत्री को भी निकाल दिया…अल्पसंख्यक मंत्रालाय का जिम्मा मोदी सरकार ने मुख्तार अब्बास नकवी से लेकर पारसी स्मृति ईरानी को दे दिया, जो साफ संकेत है, मोदी अपना तेवर नहीं बदलने वाले हैं, चाहे तो दोस्ती ही तोड़ लो…
ब्यूरो रिपोर्ट Global भारत TV
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