आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी
किसी ने प्यार में ताजमहल बनाया, कोई मोहब्बत में दरिया पार गया. लेकिन यूपी के आरिफ और सारस की दोस्ती ने प्यार की सारी मिसालों को फीका कर दिया. इस बेरहम दुनिया में इस दोस्ती ने प्यार का संदेश दिया. लेकिन फिर एक सरकारी आदेश आया. दोस्त को दोस्त से जुदा कर दिया गया. आजाद परिंदे को पिंजरे में डाल दिया गया. अब वो सारस बेचारा अपने दोस्त की याद में जल रहा है. ना कुछ खा रहा है, और ना ही पी रहा है. अधिकारी सारस की हालत से परेशान हैं और डॉक्टर हलकान हैं. आप कमेंट करके बताइए कि क्या विभाग ने दो दोस्तों को अलग करके सही किया या गलत? क्या योगी को इस पर कोई कदम उठाना चाहिए.

जरा सारस का वीडियो देखिए, कैसे पिंजरे में इधर-उधर घूम रहा है. वो उदास है. अपने दोस्त की एक झलक का इंतजार कर रहा है. 48 घंटे से ना कुछ खाया और ना ही कुछ पिया है. अब ये वीडियो देखिए, सारस कितनी खुशी से आरिफ के साथ उड़ रहा है. उसकी बाइक के साथ खुले आसमान में उड़ान भर रहा है. लेकिन पिंजरे में आकर वो बीमार सा लगने लगा है. डॉक्टर्स की टीम लगातार सारस पर नजर बनाए हुए है लेकिन वो शायद ये नहीं जानते कि दिल के इलाज के लिए कोई दवाई नहीं बनी है. हालांकि योगी आदित्यनाथ ने सारस से जुड़ा एक बड़ा ऐलान आज किया है.
योगी आदित्यनाथ ने किया ऐलान प्रदेश में वन विभाग को सारस के लिए विशेष पार्क बनाने का आदेश

सारस को घर में रखने पर हुआ आरिफ पर केस कितनी होगी सज़ा जानिए
वो ऐलान क्या है उससे पहले जानिए कि सारस को आरिफ से अलग क्यों किया गया है. दरअसल सारस यूपी का राजकीय पक्षी है और उसे कोई भी व्यक्ति अपने घर में पाल नहीं सकता है. ऐसा करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. यही आरिफ के केस में भी हुआ, उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. लेकिन आरिफ का कहना है कि उसने सारस को चोटिल हालत में उठाया था और उसका इलाज किया. जिसके बाद सारस को उससे इतना लगवा हुआ कि वो छोड़कर ही नहीं गया. आरिफ का कहना है कि उसने कभी सारस को बांधकर नहीं रखा, ना ही कभी उसे कहीं जाने से रोका. सारस का जब मन होता था वो उड़ जाता था फिर खुद ही वापस आ जाता था. लेकिन अब वन विभाग ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर दिया है और अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है.
सारस को लेकर योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान करते हुए प्रदेश में वन विभाग को सारस के लिए विशेष पार्क बनाने का आदेश दिया है.
सारस को लेकर अखिलेश यादव कहा
सारस और आरिफ की दोस्ती एक तरफ, वन विभाग जो कर रहा है वो भी एक तरफ लेकिन इस पूरे प्रकरण पर अब राजनीति हो रही है. जिसका शिकार आरिफ भी हो रहे हैं. पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार ने सारस को आरिफ से अलग इसलिए कर दिया क्योंकि उससे मैंने मुलाकात की थी. अब अखिलेश यादव का कहना है कि योगी सरकार आरिफ को टारगेट कर रही है.

हालांकि ये नियमों का मामला है. जैसे ही आरिफ का वीडियो वायरल हुआ था अमेठी प्रशासन ने उस पर एक्शन लिया. लेकिन फिर भी मानवीय साइड देखी जाये तो आरिफ का कोई कुसूर नहीं लगता लेकिन प्रशासन नियमों से बंधा हुआ है. इसमें अब सीएम योगी ही कुछ कर सकते हैं. हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि कुछ दिन के बाद सारस खाना-पीना शुरू कर देगा. अभी उसे हालातों में ढलने में वक्त लग रहा है. अब देखते हैं जब सारस को पिंजरे से बाहर छोड़ा जाएगा तो क्या वो उड़कर फिर से आरिफ के पास जाएगा या वन में ही रुक जाएगा.