कांग्रेस परिवार में कौन है वो व्यक्ति जो राहुल गांधी को हटा,पार्टी और सम्पति दोनों पर चाहता है कब्जा!
कहते है धर्म के ख़िलाफ़ बोलने वाले का विवेक मर जाता है, जिस वक्त राहुल धर्म पर सवाल उठा रहे थे, उसी वक्त धर्म के अनुसार उनके अपने महाभारत का चक्रव्यूह रच रहे थे…आज की कहानी सुनने के बाद आपको पहली बार राहुल गांधी के लिए दया आएगी…मोदी का नाम बताकर कर किसी अपने ने ही राहुल गांधी को राजनीतिक तौर पर ठिकाने लगा दिया…कहते हैं राहुल के साथ जो हो रहा है उसे समझने के लिए 26 साल पीछे चलना होगा…एक अति महत्वाकांक्षी व्यक्ति की गांधी परिवार में एंट्री में होती है, और वहीं से छिड़ती है परिवार में विरासत पर कब्जा करने के लिए महाभारत की लड़ाई…गांधी परिवार का इतिहास है उन्होंने सियासत की, खूब पैसा कमाया, खूब संपत्ति बनाई पर कभी कोई बिज़नसमैन नहीं बना! और यहीं राहुल के साथ एक धोखा हो गया! उस चालाक व्यक्ति की कहानी सुनिए उससे पहले आप समझिए पूरा खेल!

कांग्रेस परिवार विवाद की कहानी है पुरानी पहले इंद्र,राजीव,संजय गांधी तो अब क्या सोनिया,राहुल,प्रियंका गांधी!गांधी परिवार में पिछले दो पीढ़ी से विरासत की जंग हो रही है, ये जंग इंदिरा के रहते संजय और राजीव के बीच खुलकर सामने आई थी, और आज सोनिया गांधी बीमार है तो उनके बेटे राहुल गांधी, और बेटी प्रियंका के बीच एक अंदरुनी गृह युद्ध छिड़ा हुआ है, कांग्रेस परिवार को करीब से जानने वाले लोग कहते है, इस पारिवारिक युद्ध ने राहुल गांधी राजनीतिक बलि ले ली! ये बात सोनिया गांधी भी जानती है राहुल के असली दुश्मन न तो मोदी है न बीजेपी…असली दुश्मन उनका ही कोई अपना है…और यहीं होती है उस चालाक व्यक्ति की एंट्री

इस बात को समझने के लिए एक घटना का जिक्र करना ज़रूरी है…24 मार्च को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक आपातकालीन बैठक हुई, वहां कांग्रेस के नेता, महासचिव, कांग्रेस अध्यक्ष, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सबकी राय अलग थी, यहां तक की उस बैठक राहुल शामिल नहीं हुए थे…
कांग्रेस खेमा G23 की मांग राहुल गांधी नहीं प्रियंका गांधी हैं ज़रूरी!
सूत्र कहते हैं कि बैठक में कई सांसदों ने राहुल की सांसदी जाने पर सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की…सोनिया गांधी ने किस वजह से मना किया? क्या वो समझ चुकी हैं राहुल से आगे अब उनकी बेटी प्रियंका है, वो इसलिए भी क्योंकि ज्यादातर कांग्रेसी राहुल के साथ नहीं प्रियंका के साथ है? कांग्रेस का एक खेमा है G23, जो सालों से इस बात की वकालत करता आ रहा है कि राहुल को हटाओ, तो साफ होता है राहुल के ख़िलाफ़ दो मुख्य वजहें है एक G-23 में शामिल कई वरिष्ठ और खानदानी कांग्रेसी, दूसरी घर में बैठी खुद प्रियंका गांधी!

क्या प्रियंका गांधी के बहाने रॉबर्ट वाड्रा बिजनसमैन की नज़र है राहुल की सम्पति पर!
गांधी परिवार अब आगे चलकर वॉड्रा कांग्रेस होने वाली है, रॉबर्ट वाड्रा विजनसमैन हैं तो वो सियासत में कोई खास कद नहीं हासिल कर पाएंगे, लेकिन पत्नी गांधी परिवार की वारिस हैं जिनका नाम प्रिंयका गांधी हैं, कहते हैं ससुराल की सम्पति पर दामाद का मन हमेशा लगा रहता है, तो क्या वाड्रा को ये बात समझ में आ गई हैं कि प्रियंका के बहाने राहुल को हटाते हुए पार्टी के साथ संपति पर भी कब्जा जमाना चाहिए…देश के नामी अख़बारों ने कुछ साल पहले ही कांग्रेस परिवार का विवाद छापा था, उस वक्त प्रियंका पार्टी में अध्यक्ष बनना चाहती थी, राहुल ने विरोध किया था, सोनिया ने भी समझाया था कि अगर बेटी अध्यक्ष बनती है तो फिर बेटे का कदम ख़त्म हो जाएगा! राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा था कि राहुल एक कांटा है, वो कैसे हटाए जाएंगे, इसलिए ये बात समझनी होगी कि यहां बीजेपी के साथ कांग्रेस परिवार के कुछ विभीषण भी हैं जो मिलकर भाई को ही किनारे लगाने में कामयाब हो गए है…इस तरीके से 26 साल पहले एंट्री लेने वाले वाड्रा के दोनों हाथ में लड्डू है!

क्या राहुल गांधी का राजनीति भविष्य ख़त्म करने में बीजेपी नहीं प्रियंका का है हाथ!
जब प्रियंका ने UP चुनाव संभाला तो राहुल रैली करने नहीं आए, यहां तक की UP से बचते रहे तो क्या ये सबूत है कि भाई-बहनों में सबकुछ ठीक नहीं है!
क्या प्रियंका को जानबूझकर UP में फंसाया गया था क्योंकि वहां न वोटर है, न पार्टी बची है, न ही नेता बचे है, ताकि पार्टी हारे और प्रियंका का कद छोटा हो!

जब धरती पर कुछ बड़ा होता है तो आसमान में गिद्ध दिखाई देते है, ऐसे ही सियासत में जब कुछ बड़ा होता है तो फिर मौका तलाशा जाता है, उधर बीजेपी विधायक ने राहुल के ख़िलाफ़ मुकदमा लिखा, तब वकीलों से पटी पार्टी के नेताओं को एक मौका दिखा, जज ने फैसला सुनाया तो सबने अपनी मंजिल तलाश ली, नाम मोदी को लिया और अपने ही नेता और भाई के साथ खेल कर दिया…इसे ही सियासत कहते है, जहां रिश्ते नहीं, भावनाएं नहीं, चालाकी काम आती है, और वो चालाक बिजनसमैन सबकुछ जानता है, कब क्या कैसे और कहां करना है?