गोरखनाथ मंदिर के महंत को संत समझकर तांडव करने वाले अपराधियों का कल निश्चित है. वो महादेव के भक्त हैं और उनका त्रिनेत्र खुल गया है. प्रयागराज कांड के बाद योगी बाबा का क्रोध यूपी का तापमान बढ़ाने वाला है, इसलिए कुर्सी की पेटी बांध लीजिए. सीएम ने विधानसभा में साफ कर दिया कि, माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे. विधानसभा में जो योगी आदित्यनाथ ने बोला वो एक संदेश मात्र है. पुलिस को आदेश दिये गए हैं कि उमेशपाल और शहीद सिपाही के हत्यारों की गाड़ी पलटानी है, या सीधे एनकाउंटर करना है,आप जानिए. बस हमको इंसाफ ऑन द स्पॉट चाहिए.

बात सिर्फ बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के गवाह की हत्या की नहीं है. एक पुलिसकर्मी भी शहीद हुआ है. और पुलिस के साथ पंगा लेने वालों के साथ योगी क्या करते हैं ये विकास दूबे पूरे प्रदेश को समझा गए हैं. लेकिन फिर ये अतीक और उसके लौंडो में इतनी हिम्मत कहां से आई. जिस यूपी में कदम रखने से मुख्तार के कदम कांप रहे थे वहां खुलेआम दौड़ाकर गोली मारी गई है. मतलब सीएम योगी की दुखती रग पर हाथ रखा है. आप जानते हैं योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर कितने सख्त हैं. उनके राज में सबसे अच्छी कानून व्यवस्था का दावा किया जाता है और माफियाओं के लिए योगी काल साबित हुए हैं. ये कई विपक्षी भी मानते हैं.
लेकिन प्रयागराज कांड के बाद सपा ने विधानसभा में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए तो योगी आगबबूला हो गए बोले-

माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे, हमने अतीक की कमर तोड़ने का काम किया है. लेकिन ये पेशेवर माफियाओं और अपराधियों के सरपरस्त हैं. इनके रग-रग में अपराध भरा हुआ है. पूरा प्रदेश इस बात को जानता है. सपा के समर्थन से अतीक विधायक बना, फिर सांसद बना. यो चोरी और सीनाजोरी का काम कर रहे हैं. लेकिन माफिया किसी भी पार्टी का हो, हम बख्शेंगे नहीं.

सीएम का रौद्र रूप देखकर पुलिस हरकत में आ गई है और अतीक के दोनों बेटों को सलाखों के पीछे डाल दिया है. उसकी पत्नी और भाई के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. कुल मिलाकर अभी तक 14 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
पुलिस ने उमेश पाल के कोर्ट से लेकर उसके घर तक के पूरे रास्ते के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं. पुलिस ने बताया कि
हमलावर उमेश पाल की कार का लगातार पीछा करते आ रहे थे. हमलावर बैग में बम रखकर आए थे. उमेश पाल का पीछा करने के लिए हमलावरों ने कार औऱ बाइक का इस्तेमाल किया था.

प्रयागराज के ज्वाइंट सीपी की अगुवाई में 10 टीमें उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों की तलाश में लगी हैं. उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और दोनों बेटों को नामजद किया है.

उमेश पाल 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे. राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया से नेता बना अतीक अहमद है, जो वर्तमान में गुजरात जेल में बंद है. पुलिस ने कहा कि बमबारी में गंभीर रूप से घायल उमेश पाल को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
कोर्ट ने उमेश पाल को सुरक्षा भी दे रखी थी लेकिन इस हमले में पुलिसकर्मी भी शहीद हो गया. अब बाबा का रौद्र रूप ये लोग देखने वाले हैं. अतीक का क्या होगा ये वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल योगी का गुस्सा यूपी में तापमान बढ़ाने वाला है इसलिए सारे अपराधियों को कुर्सी की पेटी बांध लेनी चाहिए. अतीक ने जो किया है उसका खामियाजा अब सारे अपराधियों को भुगतना पड़ेगा. क्योंकि तीसरी आंख खुली है तो तांडव होना तय है.