संजू सैमसन का चयन नहीं, शमी और उमरान को जगह नहीं, कौन है जो टीम इंडिया की बर्बादी चाहता है ?
एशिया कप में हारे, अब विश्व कप हारने की बारी, बैटिंग में कोई बदलाव नहीं, पंत का बोझ फिर से उठाया!
पंत पक्के निकले BCCI के ख़ास, संजू सैमसन के लिए रो रहा हिन्दुस्तान, विश्वकप हारने वाली टीम है तैयार!

कोई भी हिन्दुस्तानी नहीं चाहता है कि टीम इंडिया को विश्वकप में हार मिले, लेकिन टीम का नाम आते ही हर कोई क्यों कहने लगा इस बार तो पक्का हार कर आएंगे! सौरभ गांगुली ने क्या सोच कर टीम बनाई है ? भारत में योग्यता कूट-कूट कर भरी है, लेकिन चयन करते वक्त योग्यता से ज्यादा क्या चापलूसी हावी हो गई? चापलूसी की ऐसी पराकाष्ठा शायद कहीं और हो…ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ T20 में 6 मैच खेले हैं, जिसमें सिर्फ 24 रन बनाए, फिर भी मौका मिला, दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ पंत ने 7 मैच में सिर्फ 81 रन बनाए, यानि हर मैच में लगभग 13 रन, फिर भी मौका मिला, 2017 से 2022 तक कुल 57 मैच खेला लेकिन एक हज़ार रन पूरे नहीं कर पाए…तीन अर्धशतक है वो भी सिर्फ वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ ही है…ऋषभ पंत पर टीम सलेक्टर्स फिर भी मेहरबान है….इतना घटिया प्रदर्शन होने के बाद भी क्या उनको जानबूझ कर किसी की कृपा से खिलाया जा रहा है? अब ये तस्वीर देखिए….सच्चाई ये है कि संजू सैमसन का चयन अगर विश्वकप के लिए हो जाता तो न जाने कितने खिलाड़ियों का करियर खतरे में आ जाता…रोहित शर्मा को इस बात का पूरा डर है, 19 जुलाई साल 2015 में संजू सैमसन ने पहला टी-20 मैच खेला, उसके बाद उन्हें 7 साल में सिर्फ 16 मैच में तब खिलाया गया, जब छोटी टीम से मुकाबला हो और बड़े खिलाड़ी आराम कर रहे हो…यानि यूज़ एंड थ्रो की तरह संजू का पूरा इस्तमाल हुआ….2015 में T-20 में डेव्यू किया लेकिन वन-डे में डेव्यू का मौका 7 साल बाद 2021 में मिला, अपने पहले ही मैच में संजू ने 46 रन की पारी खेली लेकिन कौन सुनने वाला है? कौन देखने वाला है? जब खेल में राजनीति घुस जाए तो फिर किसी भी योग्यता को कुचला जा सकता है? पंत और संजू सैमसन में ज़मीन आसमान का फर्क है, पंत महान खिलाड़ी नहीं बन सकते है, लेकिन संजू में महान बनने वाले सारे गुण है…फिर भी उन्हें धक्के खाने के लिए बाहर रखा गया, अगर संजू टीम में आते तो सीनियर खिलाडियों का पत्ता कट जाता! संजू सैमसन न सिर्फ एक खिलाड़ी है, बल्कि समझदार कप्तानी भी कर सकते है, और अगर वो टीम में आ जाए तो फिर कितनों की कुर्सी हिल जाती, इसलिए पंत जैसा फिसड्डी टीम में है, संजू जैसा ग्रेट आउट है…दूसरा नाम है मोह्मद शमी का…मोहम्मद शमी अपने दम पर कोई भी मैच जिता सकते है, लेकिन विश्वकप के लिए उनका चयन नहीं हुआ, तीसरी तरफ हरभजन सिंह जिस उमरान मलिक के लिए बार बार ट्वीट करते रहे उनका कहीं नाम नहीं दिखा, ऑस्ट्रेलिया की तेज़ पीच पर उमरान मलिक 155 से 160 की रफ्तार से गेंद डाल सकते थे, लेकिन मौका इसलिए नहीं मिला क्योंकि उमरान मलिक का BCCI में कोई रिश्तेदार नहीं बैठा है! शिखर धवन जैसे महान खिलाड़ियों को समय से पहले ही किसके कहने पर बाहर किया गया? KL राहुल कर्नाटक से हैं और राहुल द्रविड़ भी कर्नाटक से है तो क्या इसलिए वो खेलते रहेंगे….केएल राहुल ने अब तक 18 शतक लगाएं है लेकिन अच्छी टीम के ख़िलाफ़ 7 शतक है, जिसमें स्ट्राइक रेट बहुत कम है, यानि राहुल बड़ी टीम के खिलाफ़ डर जाते है! भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी एशिया कप की तरह कंफ्यूज़ है, किसको खिलाना है किसको नहीं इस बार भी यहीं लगता है….विश्वकप में भारत की टीम में कोई ख़ास बदलाव नहीं लगता है…..

रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पंड्या, आर अश्विन, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह…जबकि उमरान मलिक, मोहम्मद शमी, रवि बिश्नोई, संजू सैमसन का नाम नहीं होने से हर कोई निराश है…ये टीम एशियार कप हार कर आई है फिर कोई ख़ास बदलाव न होना बहुत हैरान करता है…दिग्गजों की राय नहीं सुनी गई….यानि राजनीति के कारण भारत एक बार विश्वकप हारने की तैयारी में है….साल 2007 में धोनी ने जैसे तैसे करके विशवकप जीता दिया था, लेकिन अब ये संभव नहीं लगता है….क्योंकि न कैप्टन कूल है, न टीम में दम है, न बॉलिंग बैटिंग में कॉंबिनेशन ठीक है….चापलूसों की टीम में चापलूसों की भर्ती है., इसलिए इंडिया अभी से कहने लगा है, हार तो पक्की है….