रतन टाटा कहते हैं देश का नमक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा गुजरात का नमक है!
हमारे देश में नमक की ढेरों कहानियां है, महात्मा गांधी से लेकर रतन टाटा तक का इतिहास बताया जाता है, जो नमक देश खाता है उसका ज्यादा तर हिस्सा गुजरात में ही बनता है….हम राष्ट्रपति मुर्मू के बयान पर मचे घमासान पर आएं उससे पहले सुनिए साल 1983 की कहानी…कहते हैं रतन टाटा को देश की सेहत का ख्याल हमेशा रहा…उन दिनों तक लोग कुछ बड़े दाने वाला ही नमक खाते थे, जिनकी उम्र ज्यादा है वो समझ सकते होंगे कैसे बोरी में भर कर नमक आता और बेहद ही सस्ते दाम पर बिकता…तब नमक में भी कारोबार होगा, साथ में इंडिया के स्वास्थ्य का लाभ होगा ऐसा सिर्फ रतन टाटा ने सोच लिया था…उसी वक्त कंपनी ने फैसला किया हम एक ऑयोडिनयुक्त नमक तैयार करेंगे…उस वक्त देश में कुपोषण और महिलाओं को कई बीमारियां थी…ये फैसला उस वक्त कई बड़े बिज़सनमैन को समझ में नहीं आई लेकिन वक्त के साथ सबकुछ ज़मीन पर उतरने वाला था…रतन टाटा की कंपनी नमक से लेकर हवाई जहाज तक बनाती है…तो शुरू हुआ नमक का खेल.
टाटा की कंपनी टाटा केमिकल्स ने फैसला किया कि देश को अच्छा नमक खिलाया जाएगा!
नमक की सफाई सबसे बड़ा मुद्दा था, गंदा नमक आता था और हमें वहीं खाना पड़ता था !
हालांकि ऑयोडिनयुक्त नमक क्या होता है उस दौर में 90% लोगों को शायद पता नहीं था !
कंपनी ने निर्माण शुरू किया तो देखते ही देखते टाटा नमक ने पूरा बाज़ार पर कब्जा किया!
गांव हो या शहर, छोटा गांव हो या पिछड़ा, सामान्य हो या VIP हर कोई टाटा नमक खाता है
गुजरात देश का 76% नमक तैयार करता है, जिसमें टाटा ग्रुप का एक बड़ा योगदान होता है
टाटा नमक की टैग लाइन है, देश का नमक, टाटा देश का नमक खिलाता है, जो अच्छा है !
टैगलाइन का मतलब है देश का नमक खाकर देशभक्ति, राष्ट्रशक्ति,राष्ट्रवाद मत भूल जाना

विवादित नेता उदित राज ने द्रौपदी मुर्मू को ही बता दिया मोदी का सबसे बड़ा गुलाम!
पिछले दिनों जब रतन टाटा को नुकसान होने लगा तो कंपनी ने फैसला किया कि नमक का दाम बढ़ाया जाएगा, हालांकि कंपनी ने ठोस कदम उठाते हुए ये बात अपने ग्राहकों से साझा की…ये कहते हुए दाम बढ़ाया कि हमें मज़बूरी में ही दाम बढ़ाना पड़ रहा है…अब टाटा का नमक कैसा है ये तो आप पता करेंगे…लेकिन द्रौपदी मुर्मू ने जब एक सच्ची बात कह दी तो कुछ नेता उन्हें अंगूठा छाप और गुलाम बताने लगे…दरअसल दो अक्टबूर को महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रपति ने ने एक बयान दिया था जिसमें उनका कहना था कि 76% भारतीय गुजरात का नमक खाते हैं…ये एक सत्य बात है, लेकिन उदित राज इसलिए भड़क गए क्योंकि गुजरात से मोदी हैं…और इस बयान का गलत अर्थ निकाल लिया कि गुजरात का नमक देश खाता है…तो मोदी से वादाखिलाफ़ी नहीं कर सकता है

‘द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएं तो पता लगेगा।’

भारत में नमक से जुड़ी है सियासत की कहानी, गांधी से लेकर टाटा तक का इतिहास!
द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति हैं, ऐसा बयान अगर आप देंगे तो SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज हो जाएगा, क्योंकि वो आदिवासी जनजाति से आती है, लेकिन कांग्रेस नेता उदित राज भी Sc/ST में आते हैं, तो उनपर कोई मुकदमा नहीं होगा…हालांकि राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ ऐसे बोलने पर संभव है…महात्मा गांधी ने भी गुजरात के नमक पर बहुत कुछ कहा है और किया है, गुजरात में नमक क्रांति आज की बात नहीं है, आज़ादी से पहले जब अंग्रज़ों ने नमक पर कर लगाया तो गांधी जी ने एक आन्दोलन किया, जिसके बाद अंग्रेज़ों को झुकना पड़ा….अब आप तय करिए कौन सही है कौन गलत? क्योंकि देश गुजरात का नमक खाता है इस बयान के दो मायने हैं, पहला- गुजरात में नमक भारी मात्रा में बनता है- दूसरा- गुजरात नमक खिलाकर हमपर ऐहसान कर रहा है? इसलिए कहा जाता है, अगर राजनीति में उदित राज की तरह उछल कूद करने वाले लोग आएंगे तो वो संविधान का मतलब ही बदल देंगे