कहते हैं जब लोग आपकी तारीफ कर रहे हों, तो आपको फूलकर गुब्बारा नहीं होना चाहिए, बल्कि उस वक्त भी अपनी कमजोरी देखनी चाहिए, ताकि आने वाला दौर और बेहतर हो सके. फिलहाल हर कोई टीम इंडिया को इस वनडे वर्ल्ड कप का दावेदार बता रहा है, लेकिन कोई उस कमजोरी पर बात नहीं कर रहा, जिसे दूर करना वर्ल्ड कप जीतने के लिए जरूरी है. कुछ दिग्गज इसकी बात करते हैं तो उन्हें हवा में उड़ा दिया जाता है. आप जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए तीनों वनडे और न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला वनडे मैच में खेलने वाले खिलाड़ियों की उठाकर देख लीजिए. एक ही गलती बार-बार दोहराई जा रही है.

उमरान मलिक ने श्रीलंका के खिलाड़ियों की हवा खराब कर दी, लेकिन उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ आराम दे दिया गया, यहां सिराज अकेले पड़ गए और मैच आखिर तक खींच गया

अगर शार्दुल को टीम में रखा था तो फिर वाशिंगटन सुंदर को क्यों रखा, इसका जवाब बड़े-बड़े लोग नहीं समझ पाए, ज्यादा ऑलराउंडर रखने थे तो शाहबाज को भी ला सकते थे

अगले वनडे में हो सकता है वाशिंगटन सुंदर बाहर हो जाएं और उनकी जगह शाहबाज अहमद आ जाएं, एक-दो खिलाड़ी और बदले जा सकते हैं

मतलब टीम इंडिया मैच के हिसाब से खिलाड़ी बदलती है, चाहे सामने वाली टीम एक ही जैसी क्यों न हो, ये हैरानी की बात है कि न्यूजीलैंड की टीम में उसके पुराने दिग्गज नहीं थे, न तो केन विलियम्सन थे और ना ही ईश सोढ़ी, उसके बावजूद इंडिया के अनुभवी खिलाड़ी पसीने-पसीने हो गए. हम ये नहीं कहते कि प्लेइंग 11 में बदलाव गलत है, फिलहाल अक्षर पटेल और केएल राहुल शादी के लिए छुट्टी पर हैं, तो उनकी जगह नए खिलाड़ी खेलेंगे ही, पर ये बदलाव अनंत काल तक चला तो सही नहीं है, टी20 से पहले ही 8 कप्तान और पचासों खिलाड़ियों को ट्राई किया गया, और नतीजा कोई परमानेंट नहीं हुआ तो हम वर्ल्ड कप हार गए. आम तौर पर होता क्या है कि जब कोई खिलाड़ी अच्छे फॉर्म में होता है तो उसकी खूब तारीफ होती है, जैसे आपने अभी शुभमन गिल का देखा होगा, दोहरे शतक के बाद से हर कोई उन्हें सिर आंखों पर बिठा रहा है और बिठाना भी चाहिए, लेकिन इनकी पारी ने शिखर धवन के करियर को खतरे में डाल दिया है, ईशान किशन जो दोहरे शतक के बाद खुद का वनडे में परमानेंट जगह का दावेदार मान रहे थे, उन्हें भी अंदर ही अंदर लग रहा होगा कि अब तीहरा शतक जड़ना पड़ेगा, वो अलग बात है कि मैच के बाद गिल का इंटरव्यू ईशान किशन और रोहित दोनों ने लिया. इसिलिए टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज रॉबिन उथप्पा कहते है

भारतीय टीम में कोई भी खिलाड़ी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है, क्योंकि हर खिलाड़ी को यही लगता है कि अगर अच्छा नहीं खेला तो फिर टीम से बाहर हो जाएगा, इस चक्कर में परमानेंट प्लेइंग11 नहीं बन पा रही है, और जब तक परमानेंट टीम नहीं बनेगी, वर्ल्ड कप जीतने का सोच भी नहीं सकते.

टी20 वर्ल्ड कप में हार के बाद बीसीसीआई ने भी यही कसम खाई थी कि हम परमानेंट टीम बनाएंगे, टॉप 20 खिलाड़ी वनड़े वर्ल्ड कप के लिए तैयार किए जाएंगे और उनमें से 11 लगातार कई मैच खेलेंगे, लेकिन फिलहाल ये प्लान सफल होता नहीं दिख रहा है, ख़बर तो ये भी है कि कार हादसे में चोटिल हुए ऋषभ पंत की दो हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी हो सकती है, उनकी सर्जरी सफल हो गई है, और अगले 6 महीनों में वो पूरी तरह फिट होकर वापसी भी कर सकते हैं, तो वर्ल्ड कप की टीम में पंत अगर शामिल हुए तो फिर ईशान किशन की जगह मुश्किल से ही बनेगी, क्योंकि पहले से ही एक विकेटकीपर केएल राहुल शादी के बाद अपनी दावेदारी पेश करने आ जाएंगे. आपको क्या लगता है कौन से 11 खिलाड़ी वर्ल्ड कप की टीम में हों, तो हम जीत जाएंगे, हमें कमेंट कर बता सकते हैं और इस स्टोरी को इतना शेयर कीजिए कि अधिकारियों तक ये बात पहुंचे और प्रयोग बंद हों.