जो काम विराट कोहली नहीं कर पाए वो भारत की बेटियों ने कर दिखाया. धोनी के नक्शेकदम पर चलते हुए अंडर-19 वुमैन टीम की कप्तान शेफाली वर्मा ने पहले आईसीसी टी20 वर्ल्डकप में भारत को जिताया है. आपको याद होगा जब पुरुषों का पहला टी20 वर्ल्डकप हुआ था वो भी धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने जीता था. लेकिन इन लड़कियों की कहानी आपको भावुक कर देगी. भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट सीरीज में लेने वाली अर्चना के घर में इनवर्टर तक नहीं था. उनकी मां ने फाइनल से पहले ही इनवर्टर खरीदा और बेटी ने कमाल कर दिखाया. 15 साल की सोनम यादव जो फिरोजाबाद की रहने वाली हैं उन्होंने कमाल का खेल दिखाया है. वो एक मजदूर की बेटी हैं, कप्तान शैफाली वर्मा ने लड़कों के साथ खेलकर क्रिकेट सीखा था और आज इन बेटियों ने देश का नाम रौशन किया है.

फाइनल मैच में टीम इंडिया ने पहले गेंदबाजी की और इंग्लैंड की लड़कियों को कोई मौका नहीं दिया. इंग्लैंड की पूरी टीम को भारतीय बच्चियों ने मात्र 68 रन पर समेट दिया. पहले ही ओवर में टिटास साधु ने लिबर्टी हीप को को जीरो पर चलता किया. साधु ने 4 ओवर में 6 रन देकर दो विकेट लिये. अर्चना देवी ने 3 ओवर में 17 रन देकर 2 विकेट लिए. पार्शवी चोपड़ा ने 4 ओवर में 13 रन देकर दो विकेट चटकाए. मन्नत कश्यप, शेफाली वर्मा और सोनम यादव ने भी एक-एक विकेट लिया.

69 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की तरफ से एक बार फिर शेफाली वर्मा ने विस्फोटक शुरुआत की और पहले ही ओवर में छक्का जड़ दिया. लेकिन वो 15 रन बनाकर आउट हो गईं और पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए बड़ी-बड़ी पारियां खेलने वाली श्वेता सहरावत आज नहीं चल पाईं और 5 रन बनाकर आउट हो गईं. लेकिन उसके बाद सौम्या तिवारी और त्रिशा ने भारत को जीत तक पहुंचा दिया.
भारतीय बच्चियों ने इस पूरे वर्ल्डकप में बेहतरीन प्रदर्शन किया और मात्र एक मैच हारा. इन बच्चियों की कहानी ऐसी है जो आपको भावुक कर देगी. कप्तान शेफाली वर्मा तो भारतीय नेशनल वुमैन टीम के लिए भी खेलती हैं. उन्होंने मात्र 15 साल की उम्र में टीम इंडिया में डेब्यू किया था और बचपन से ही लड़कों के साथ खेलने वाली शेफाली ने टीम में आकर आतंक मचा दिया. और अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सबका दिल जीता.
भारत के लिए इस वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा 8 विकेट लेने वाली अर्चना देवी की कहानी आपको हैरान कर देगी. वो यूपी के कानपुर की रहने वाली हैं और उनकी मां के पास फोन तक नहीं था, बेटी ने वर्ल्डकप में जाने से पहले मां को फोन दिलाया. ताकि वो मैच देख सकें. और जब टीम फाइनल में पहुंची तो उनकी मां इनवर्टर लेकर आईं ताकि एक भी गेंद मिस ना हो.
15 साल की सोनम यादव ऑलराउंडर हैं, फाइनल में एक विकेट उन्होंने भी चटकाया. वो फिरोजाबाद की रहने वाली हैं और उनके पिता मजदूरी करते हैं. सोनम अपने भाई को देखकर क्रिकेट खेलना सीखीं और अब देश के लिए वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का हिस्सा हैं.
श्वेता सहरावत की कहानी भी बड़ी लाजवाब है. उन्होंने इस पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है. उन्होंने लगभग हर मैच में टीम इंडिया के लिए रन बनाए और बड़े रन बनाए. वो दिल्ली के पास महिपालपुर की रहने वाली हैं औ शेफाली वर्मा की तरह ही लड़कों के साथ क्रिकेट खेलकर बड़ी हुई हैं.
भारतीय बच्चियों ने 2023 में पहला वर्ल्डकप जीत लिया है. अब रोहित शर्मा की बारी है, वो अपनी टीम के साथ भारत को वनडे और टी20 वर्ल्डकप जितायें. जो विराट नहीं कर पाये वो करके दिखायें. हालांकि अंडर19 का वर्ल्डकप विराट कोहली ने भी जिताया था.